अमरावती

अनास्था के कारण शक्तिस्तंभ आहत

विवेक घलसासी का प्रतिपादन

* अमृत मंथन व्याख्यानमाला आरंभ

अमरावती/दि. 16- विज्ञान, तकनीक, अध्यात्म सहित राजनीति तक सभी क्षेत्र में भारतवर्ष ने प्रगति की है. अपितु कह सकते हैं कि उंची उडान भरी है. फिर भी हमारे शक्ति स्तंभ अनास्था के कारण आहत होने की बात प्रसिद्ध व्याख्याता विवेक घलसासी ने कही. वे साईनगर लॉन में अमृत मंथन व्याख्यानमाला में पहला पुष्प पिरो रहे थे. तुषार भारतीय मित्र मंडल व्दारा यह त्रिदिवसीय व्याख्यानमाला आयोजित है. आज और कल 17 दिसंबर को भी शाम 6.30 बजे घलसासी निर्धारित विषयों पर विचार रखेंगे.

* 300 वर्ष झेले आक्रमण
भारत पर स्वाधीनता से पहले 200-300 वर्ष तक शत्रुओं के आक्रमण होते रहे. शत्रुओं ने बोरे भरभकर संपत्ती लूटी. हमारे अध्यात्मिक केंद्र, ज्ञान केंद्र उध्वस्त किए. किंतु जागे और लडे, ऐसी जनमानस में प्रेरणा देने वाली, प्राण फूंकने वाली धार्मिक विचारधारा में सदैव हमें एकता के धागे में बांधे रखा. किंतु स्वार्थ के कारण सकारात्मक विचारधारा के धर्म केंद्र अर्थात शक्तिस्तंभ आहत किए गए.

* दुनिया कर रही ईर्ष्या
घलसासी ने कहा कि भारत की आज की प्रगति देखकर किसी को भी ईर्ष्या हो सकती है. फिर भी खेद इस बात का है कि देश, धर्म हेतु संघर्ष करने वालों का प्रमाण दिनोंदिन कम हो रहा है. जबकि देशहित सर्वोपरी समझने की विचारधारा ही भारत की मुख्य शक्ति है. इस शक्ति का जतन आवश्यक है. घलसासी ने कहा कि नए वर्ष में प्रथम अयोध्या उपरांत मथुरा में हम महाउत्सव मनाएंगे. यह उत्सव हमारे सामने हो रहा है, यह हमारी पीढी का सौभाग्य है. केवल अध्यात्म नहीं तो देश में गत कुछ वर्षो में अर्थ कारण, विज्ञान, तकनीक, मूलभूत सुविधा निर्माण में जो प्रगति की है वह विश्व को अचंभित कर रही है. बडी संख्या में लोग घलसासी को सुनने उमडे थे. घलसासी ने भी लोगों की आशा के अनुरुप विषय पर सुंदर व्याख्यान दिया.

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