प्रतिनिधि/दि.१८
अमरावती– राज्य सरकार की ओर से एक कक्षा एक किताब उपक्रम की शुरुआत की गई है. इस उपक्रम में अमरावती जिले की दर्यापुर तहसील को पायलट प्रोजक्ट के रुप में चुना गया है. जिले के ३ लाख ५०हजार छात्रों की पटसंख्या के आधार पर दो से तीन फीसदी दर्यापुर तहसील के अनुदानित सहित जिला परिषद व नगर परिषद स्कूलों में पढने वाले छात्रों को किताब एकात्मीक व द्विभाषीक किताबों का वितरण किया जा रहा है. विदर्भ में इस तरह का उपक्रम गोंंदिया जिले में भी शुरु किया गया है. यहां बता दे कि, छात्रों के पीठ पर टंगे स्कूल बैग का बोझा कम करने के साथ ही अलग-अलग विषयों की किताबों की जटिलताओं से छात्रों को राहत दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने एकात्मीक व द्विभाषिक किताबों का प्रयोग अमल में लाया है. जिसके जरीए प्रत्येक कक्षा के लिए सभी विषय मिलाकर एक ही किताब तैयार की गई है. राज्य के हर जिले के प्रत्येक तहसील के मराठी स्कूलों में यह प्रयोग चलाया जा रहा है. वर्तमान शिक्षा पद्धति में विविध विषयों की किताबें, बुक व रजिस्टर से स्कूल बैग का बोझा बढ गया है. स्कूल बैग रोजाना कंधो पर लेकर छात्रों को स्कूल जाना पड रहा है. बढती कक्षाओं के चलते स्कूल बैग का बोझ भी बढ रहा है. कुछ स्कूलों ने स्कूल में ही किताबें रखकर गिने चुने किताबें घर भेजने का उपक्रम चलाया है. यह प्रयोग सीमित स्वरुप का रहने से कक्षा १ से ८ वीं के छात्रों की किताबों की बाधाएं दूर हुई है. पीठ पर का स्कूल बैग का बोझ कम कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस बार एकात्मीक व द्विभाषिक किताबों का प्रयोग मराठी माध्यमों के लिए चलाने की शुरुआत की है. यह प्रयोग राज्य में पहली बार चलाया जा रहा है. हर जिले से एक तहसीलदार इसके लिए चयन कर प्रयोग को अमल में लाया जाएगा. गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील से इस प्रयोग को अमल में लाया जाएगा. इस वर्ष इस प्रोजेक्ट अंतर्गत छात्र, पालक और अभिभावकों का अभिप्राय जाना जाएगा. इसके बाद पूरे राज्य में एक ही समय पर यह प्रयोग अमल में लाया जाएगा. इस प्रयोग में कक्षा १ लीं के लिए इससे पहले चार विषयों की पांच किताबें रहती थी. यह चारों किताबें एकत्रित कर एक ही किताब तैयार की गई है. सभी पुस्तकों का सारंश इसमें रहने से अन्य कितबों की जरुरत नहीं पडेगी. इसी तरह कक्षा २,३,४,५,६,७ और ८ वीं के लिए यह नियम लागू होगा.
दर्यापुर तहसील से मिली थी किताबों की डिमांड
अमरावती जिले के दर्यापुर तहसील को एक कक्षा एक पाठ्यपुस्तक उपक्रम चलाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है. धीरे-धीरे यह प्रोजेक्ट जिले की हरएक तहसील में चलाया जाएगा. दर्यापुर पंचायत समिती शिक्षा विभाग से जिप, नप व अनुदानित स्कूलों में पढने वाले छात्रों के लिए एकात्मीक व द्विभाषिक पाठ्यपुस्तकों की डिमांड की गई थी. कितनी किताबो की डिमांड की गई है. यह आंकडा अभी प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि इतना तय है कि जिले में अनुदानित, जिप व नप स्कूलों के साढे तीन लाख छात्र है. जिसमें से दो से तीन फीसदी छात्र दर्यापुर तहसील के है. इन तहसील के कक्षा १ से ८ वीं के छात्रों को एकात्मीक व द्विभाषीक किताबोंं का वितरण किया जा रहा है. यह जानकारी समग्र शिक्षा विभाग की प्रिया देशमुख ने दी है.