अमरावती प्रतिनिधि/दि.२७ – एक जमाने में रंगबाज और मवाली जेब में रामपुरी चाकु लेकर घुते थे. कभी कभार उस्तरा, ब्लेड से भी काम चलाया जाता था. समय के साथ अपराध के स्वरुप बदलते गए. चायना चाकू और देसी बंदूक, पिस्तोल का जमाना आया. अपराधी अपनी कम में पिस्तौल रखना शान समझने लगे है. अब यह पिस्तोल खरीदने के लिए मुंबई या बिहार के चक्कर काटने की जररत नहीं है. कुरीयर से पिस्तोल व जिंदा कारतुस आसानी से उपलब्ध हो रहे है. ऑनलाइन के जमाने में घर पहुंच होमडिलेवरी के जरीए अपराध का साजो समान मुहय्या होने से यह एक खतरे की घंटी है.
विश्वसनीय कुरियर सेवा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पार्सल का या माल भेजने की सुविधा है. अत्यंत सुरक्षित सेवा मानी जाती है. कुरियर के जरिए हवाला की रकम और सोने के गहने इधर से उधर किए जाते हे.
आज के दौर में ऑनलाइन पद्धति से औषधी, शराब, इलेक्ट्रानिक्तस उपकरण घर बैठे ही मंगवाये जाते है. अब इस कडी में पिस्तोल का नाम भी जुड गया है. सूत्र बताते है कि पिस्तोल की खरेदी या डिलिंग में सर्वाधिक रिस्कहै. पुलिस के हाथ लगने का डर लगा रहता है. इसलिए अब कुरियर सेवा का आधार लेकर पिस्तोल मंगवायी जा रही है. आधुनिक जीवन शैली में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ गया है. जिसके चलते कुरियर सेवा की मांग बढ गई है. अपराधी भी कुरियर सेवा का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे है.
हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ कुरियर से आने वाली पिस्तोल व जिंदा कारतुस नहीं लगे है. पुलिस को कुरियर सेवा पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है. बिहार व मुंबई कनेक्शन से अमरावती के अपराध जगत में अग्रिशस्त्र पहुंचाये जाने की चर्चा सुनाई दे रही है.