अमरावती

रोजी रोटी के लिए ‘पाचोरी’ में तैयार की जाती है ‘पिस्तौल’

पुलिस समेत कोई भी अकेला नहीं जा सकता इस गांव में

* हथियार के लिए पूरे देश भर में नाम चलता है गांव का
धारणी/दि.7 – अवैध तरीके से हथियार निर्माण करने वाले मध्य प्रदेश के बुर्हानपुर जिला स्थित पाचोरी गांव में शिकलीगर समाज अपने परिवार का भरण-पोषण पिस्तौल बनाने के अवैध व्यवसाय से करता है. पिता से प्राप्त हथियार बनाने का प्रशिक्षण पीडी दर पीडी चलाया जा रहा है. स्वतंत्रता के बाद यह व्यवसाय अवैध माना गया और यह समाज पेट भरने के लिए दूसरा कोई व्यवसाय नहीं कर रहा है. उन्हें बचपन से ही इसका प्रशिक्षण दिया जाता है. इस वजह से यह व्यवसाय अवैध है फिर भी पेट की भूख भगाने के लिए वे इसी व्यवसाय को अपनाते है. यह चौकाने वाली सच्चाई सामने आयी है.
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर सातपुडा की वादियों में बसा पाचोरी गांव है. माह में कम से कम एक बार किसी भी राज्य से पुलिस का दल आकर अवैध तरीके से हथियार बनाने के बारे में जानकारी हासिल करने और आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाते है. पिछले कई वर्षों से इस तरह का सिलसिला लगातार जारी है. 4 जनवरी 2023 को बुर्हानपुर के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा ने बडी कार्रवाई करते हुए यहां से 12 पिस्तौल और हथियार बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाली सामग्रियों का जखिरा बरामद किया था. यह गांव इतना खतरनाक है कि, आम सामान्य नागरिकों को छोडो अकेला पुलिस कर्मी भी यहां नहीं जा सकता.

* देश भर में पाचोरी बदनाम
पूरे देश भर में पाचोरी गांव बदनाम गांव के रुप में पहचाना जाता है. मध्य प्रदेश के बुर्हानपुर जिला स्थित खकनार गांव से 23 किमी दूर पर पाचोरी गांव है. 1979 में केवल 2 शिकलीगर समाज के व्यक्ति यहां आए. आज उनकी 800 से अधिक जनसंख्या है. 150 से अधिक घरों की बस्ती है. पाचोरी गांव के शिकलीगर समाज को दूसरा कोई काम नहीं आता. इस वजह से वे अवैध तरीके से हथियारों के निर्माण का कारखाना चलाते है. उसमें उन्होंने महारत हासिल कर रखी है. पिस्तौल बनाने के लिए साइकिल के कबाडे पाइप से लेकर अन्य सामग्री जमा की जाती है. उससे ही वे घातक हथियार तैयार करते है. इसके लिए कोई भी तकनीकी मशनरी नहीं है. ड्रिल मशीन, हथौडी ऐसे कुछ अवजारों का इस्तेमाल किया जाता है.

* देश भर की पुलिस आती है गांव में
पाचोरी गांव की पिस्तौल दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, खालिस्तान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्य में भी बेची जाती है. 5 हजार से 25 हजार रुपए तक अवैध बाजार में इन हथियारों की कीमत है. बेचने के बाद आरोपी को पकडते ही खोज अभियान करते हुए देश भर की पुलिस खकनार पुलिस थाने में आकर आरोपी को गिरफ्तार करती है. ऐसी जानकारी थानेदार के. पी. धुर्वे ने दी.

* सामान्य प्रवाह में लाने का प्रयास- एस. पी. लोढा
पाचोरी गांव के शिकलीगर समाज के नागरिकों को अवैध तरीके से हथियार बनाने के व्यवसाय को छोडकर सामान्य जीवन में व्यवसाय करने के लिए पुलिस और सामाजिक संस्थाएं प्रयास कर रही है. 98 बच्चे खकनार के विभिन्न स्कूलों में पढाई कर रहे है. वे यह व्यवसाय छोडकर अन्य व्यवसाय करें, इसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है. ऐसा बुर्हानपुर के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा ने बताया. पुलिस अधिकारी लोढा मूल बुलढाणा जिले के रहने वाले है.

 

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