आदिवासियों का स्थलांतर रोकने के लिए अगरबत्ती उद्योग लगाये
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिनेश सुर्यवंशी की मांग
धारणी प्रतिनिधि/दि.९ – मेलघाट आदिवासी बहुल क्षेत्र के आदिवासी रोजीरोजगार के लिए देश के अन्य शहरों में जाते है. उनका स्थालांतरण रोकने के लिए मेलघाट परिसर के धारणी व चिखलदरा में अगरबत्ती के कारखाने लगाये जाए. ऐसी मांग भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष तथा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दिनेश सुर्यवंशी ने की है. प्रा. सुर्यवंशी ने कहा कि, केंद्र सरकार द्बारा चलाई जा रही आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत अगरबत्ती के कारखाने स्थापित किये जाये. मेलघाट में प्रचुर मात्रा में बास उपलब्ध है. आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत देश में स्थापित होने वाले १० अगरबत्ती कारखानों में दो कारखाने मेलघाट के धारणी व चिखलदरा में स्थापित किये जाये, जिससे आदिवासी महिला व पुरुषों को बडे प्रमाण में रोजगार उपलब्ध होगा. पिछले सप्ताह ही केंद्र सरकार ने देश भर में २० अगरबत्ती कारखाने स्थापित करने का निर्णय लिया था. जिसमें सुक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से ५० करोड रुपए का प्रावधान किया गया है. इस योजना अंतर्गत कामगारों को स्वयं चलित यंत्र की आपूर्ति सहित अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चा माल नियमित उपलब्ध कराया जाएगा. साइकील पर चलने वाले स्वयंचलित ५०० यंत्रों का निर्माण केंद्रों को दिया जाने वाला है. अगरबत्ती के निर्माण में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए २० पथदर्शक प्रकल्प भी चलाये जाएगे. इस योजना में ५०० आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध हो सकता है. शासन मेलघाट के चिखलदरा व धारणी कारखाने लगाये तो स्थलांतरण रुक जाएगा और इन आदिवासियों को घर बैठे रोजगार उपलब्ध होगा.