अमरावती/प्रतिनिधिदि.२८ – कोरोना की संक्रामक बीमारी पर जीत हासिल कर ठीक हो चुका मरीज अपना प्लाज्मा(Plasma) दान करते हुए दूसरे मरीज को जीवनदान दे सकता है. राज्य में अब तक पांच लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके है, लेकिन इसमें से एक प्रतिशत से भी कम मरीजों ने अपना प्लाज्मा दान किया है. इस समय राज्य के १७ ब्लड बैंक(Blood Bank) में केवल ८०० प्लाज्मा बैग उपलब्ध है और अब तक साधारणत: १३० मरीजों को प्लाज्मा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि, बडे पैमाने पर कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है. ऐसे में गंभीर स्थिति में पहुंच चुके कोरोना संक्रमित मरीजोें के इलाज हेतु बडे पैमाने पर प्लाज्मा की जरूरत है और प्लाज्मा की जरूरत बढ रही है. ऐसा विशेषज्ञों का कहना है. क्योंकि कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी ने एक नई उम्मीद जगा दी है.
वैद्यकीय शिक्षा व औषधी विभाग ने महाराष्ट्र सरकार के नेतृत्व में ‘प्रोजेक्ट प्लॅटिना‘ (प्लाज्मा थेरेपी इन नोबल कोरोना वायरस असेसमेंट) नामक इलाज पध्दति शुरू की गई है. साथ ही इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आयसीएमआर) द्वारा मध्यम लक्षण रहनेवाले मरीजोें पर भी परीक्षण व संशोधन शुरू है. इसमें भी यह उल्लेखनीय है कि, जो मरीज प्रोजेक्ट प्लॅटिना के वैद्यकीय परीक्षण में शामिल नहीं हो पाते और इलाज के बावजूद मध्यम लक्षण से गंभीर लक्षण की ओर चले जाते है. ऐसे मरीजों के इलाज हेतु ऑफ लेवल प्लाज्मा देने को मंजूरी दी गई है. इन दोनोें चिकित्सा पध्दति के तहत अब तक १३० मरीजों को प्लाज्मा दिया गया है और इस उपचार पध्दति का फायदा भी होता हुआ दिखाई दे रहा है.