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आचार संहिता के नाम पर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड

भगवान श्रीराम का नाम मिटाने वाले अधिकारियों पर हो कार्रवाई

* शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान ने पत्रवार्ता में उठाई मांग
अमरावती/दि.20 – भगवान श्रीराम इस देश की आत्मा है और बहुसंख्य सनातनी हिंदूओं की श्रद्धा भगवान श्रीराम के प्रति है. लेकिन इसके बावजूद अमरावती महानगरपालिका के आयुक्त व अधिकारियों द्वारा अपनी द्वेशपूर्ण भावना का प्रदर्शन करते हुए अमरावती के असंख्य हिंदूओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया गया है और आचार संहिता की आड लेते हुए विविध सार्वजनिक स्थानों पर बने भगवान श्रीराम के चित्रों को मिटा दिया गया है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान द्वारा आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में उठाई गई.
शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान के के पदाधिकारियों द्वारा इस पत्रवार्ता में यह आरोप भी लगाया गया है कि, केवल हिंदू धर्म के प्रति द्वेश के तौर पर भगवान श्रीराम के नाम व आकृति पर सफेद रंग का चुना पोतते हुए उसे मिठा दिया गया. लेकिन कांग्रेस पार्टी के सार्वजनिक स्थानों पर अंकित चुनावी चिन्ह को जस का तस रहने दिया गया. जिसे लेकर हिंदूत्ववादी संगठनों द्वारा आपत्ति उठाए जाते ही कांग्रेस के चुनावी चिन्हों को भी मिटाया गया और सवाल पूछने पर बताया गया कि, सरकारी संपत्ति पर बिना अनुमति भगवान श्रीराम के चित्र बनाए गए थे. ऐसे में शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान ने सवाल उठाया कि, भगवान श्रीराम का नाम लिखना किसी भारतीय कानून का उल्लंघन कैसे हो सकता है और इसके लिए किसी भी कानूनी अनुमति की जरुरत भी क्यों पडना चाहिए. सबसे बडा सवाल यह है कि, भगवान श्रीराम के नाम व चित्र से किसी चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हो सकता है. जिसके चलते प्रशासन ने शहर में विभिन्न स्थानों पर बनाये गये भगवा श्रीराम के चित्रों पर रंगाई पुताई कर दी.
इस पत्रकार परिषद में शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान के निशादसिंह जोध, धीरज गुप्ता, मनोज विश्वकर्मा, हरिश नाडे, विकास मारोडकर व एड. कपील सानप आदि उपस्थित थे.

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