अमरावती

जलजीवन के लिए केन्द्र की ओर से भरपूर निधि

यशोमती ठाकुर को प्रधानमंत्री मोदी का आभार मानना चाहिए

* डॉ. अनिल बोंडे ने दी सलाह
अमरावती/दि.१५-जिले की पालकमंत्री यशोमती ठाकुर जलजीवन मिशन का ३०० करोड रूपये निधि देने का डिंडोरा पीट रही है. परंतु २०१९ से जलजीवन की स्थापना करके महाराष्ट्र में ७०६४ करोड रूपये देनेवाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानने के लिए यशोमती ठाकुर भूल गई है. कृतज्ञता छोड़कर गरीब जनता को नल द्वारा देशभर में ८ करोड परिवार को पानी देनेवाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दे, ऐसी सलाह डॉ. अनिल बोंडे ने दी.
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने इस कार्यक्रम का अमल करने के लिए निधि की कमी महसूस न हो इसलिए बजट में केन्द्र का हिस्सा राज्य के लिए चार गुना बढा दिया है. २०२०-२१ में महाराष्ट्र को दिया जानेवाला निधि १,८२९ करोड रूपये था. वह बढाकर ७, ०६४ करोड रूपये किया गया है. २०२१-२२ में २,५८४ करोड रूपये महाराष्ट्र में १५ वें वित्त आयोग का अनुदान के रूप में दी गई है. २०२५-२६ तक अगले पांच साल के लिए १३,६२८ करोड रूपये निश्चित निधि उपलब्ध है. सभी शाला और अंगणवाडी केन्द्र में पीने के लिए दोपहर के भोजन बनाने के लिए, हाथ धोने के लिए और शौचालय का उपयोग करने के लिए नल के पानी के लिए सुनिचित करने का प्रयास किया जाता है. आज तक महाराष्ट्र में ७१,०६२ शाला और ७१,३८६ अंगणवाडी केन्द्र को नल कनेक्शन दिया गया.
महाराष्ट्र में कुल १,४२ करोड ग्रामीण परिवार में से ९५.५२ लाख परिवार को १५ अगस्त २०१९ को नल का पानी उपलब्ध था. विगत २६ महिने में ४७.०८ लाख परिवार को जलजीवन में से नल के पानी का कनेक्शन दिया गया.
जलजीवन मिशन विकेंद्रित तरीके से अमल में लायी जाती है. जिसमें स्थानीय ग्राम समुदाय नियोजन से वह अमल करने तक और व्यवस्थापना से संचालन और देखभाल करने तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. सार्वजनिक स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करके देश के २००० से अधिक पानी जांच की प्रयोगशाला आम लोगों के लिए खुली की गई है. जिससे वे उनके पानीं के नमूने की जांच थोडी बहुत कीमत में कर सकेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने ७,०६४ करोड रूपये बढाकर देने के कारण अमरावती को ३०० करोड मिले. जिसके कारण ३०० करोड़ रूपये लानेे का डिंडोरा न पीटे तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यशोमती ठाकुर को आभार मानना चाहिए,ऐसा भाजपा राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल बोंडे ने कहा है.

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