अमरावतीमहाराष्ट्र

कवि दीपक दुबे ‘अकेला’ का कल दिल्ली में सत्कार

डॉ. ममता सैनी की दो किताबों का भी होगा भव्य लोकार्पण

अमरावती/दि.10– मुलत: अमरावती से वास्ता रखने वाले आशु कवि व व्यंगकार दीपक दुबे ‘अकेला’ का कल देश की राजधानी दिल्ली स्थित हिंदी सभा भवन में समारोहपूर्वक सत्कार होने जा रहा है. बता दें कि, अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच की संस्थापिका डॉ. ममता सैनी (तंजानिया) द्वारा लिखित ‘भारत को जानें’ व ‘आयुर्वेद को जानें’ नामक दो किताबों का कल 11 मई को नई दिल्ली के हिंदी सभा भवन में समारोह पूर्वक भव्य लोकार्पण होगा. इसी कार्यक्रम में अमरावती के सुप्रसिध्द कवि दीपक दुबे ‘अकेला’ का भी इन दो अद्धितीय ग्रंथों के निर्माण में दिये गये विशेष योगदान के लिए यह सम्मान होगा.

बता दें कि, ‘भारत को जानें’ इस ग्रंथ में कवि दीपक दुबे ‘अकेला’ ने गोवा राज्य के समन्वयक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई तथा गोवा का इतिहास दोहों चौपाइयों में लिखा. वहीं ‘आयुर्वेद को जानें’ इस ग्रंथ में कवि दीपक दुबे ‘अकेला’ ने नागरमोथा पर 50 दोहे भावार्थ सहित लिखे हैं. जिसके लिए दोनों पुस्तकों के प्रकाशन व विमोचन अवसर पर कवि दीपक दुबे का सम्मान होने जा रहा है.

‘भारत को जानें’ नामक किताब के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. ममता सैनी ने बताया कि 23 अक्तूबर से 30 नवम्बर 2021 तक 37 दिन लगातार सोशल मीडिया मंच के जरिए आभासी पटल पर चले ‘भारत को जानें’ साहित्य महाकाव्य अनुष्ठान में भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों की महिमा, लोककला संस्कृति का दोहों, चौपाइयों और गीतों के माध्यम से देश के रचनाकारों ने बहुत सुंदर तरीके भारत का गुणगान किया. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया. कार्यक्रम को विश्वभर में लाखो लोगो ने देखा और सराहा, तो उनके मन में विचार आया कि, इस ऐतिहासिक आयोजन को ग्रंथ का रूप दिया जाए और वह विचार अब साकार रूप ले चुका है. इस महनीय कार्य हेतु उन्हें तीन विश्व रिकॉर्ड प्राप्त हुए. इस ग्रंथ में भारत सहित विश्व के 466 रचनाकारों की सहभागिता रही. इसमें भारत के राज्यों के साथ केन्द्र शासित प्रदेश की विशिष्टताओं को सात वर्गों में विभाजित कर दोहे और चौपाई छंद में रचना कर कवियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है. प्रत्येक राज्य की संस्कृति का परिचय इस ग्रंथ में गीतों द्वारा हुआ है. जिसको संगीतबद्ध कर प्रसिद्ध गायकों ने अपना स्वर दिया है. कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में एक और विशिष्ट ग्रंथ आयुर्वेद को जाने का लोकार्पण होगा, जो दोहा छन्द में लिखा गया है. देश-विदेश के 400 रचनाकारों ने सहभागिता की है. डॉ. सैनी ने कहा की यह हर्ष का विषय है कि इस लोकार्पण कार्यक्रम में देश-विदेश के 400 से अधिक रचनाकारों के आने की उम्मीद है. मंच की संस्थापिका डॉ. ममता सैनी व मंच के संरक्षक सीए राकेश सैनी तंजानिया से भारत आ चुके हैं और भारत की टीम के साथ इस महत्वपूर्ण आयोजन को मूर्त रूप दे चुके हैं.

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