जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया पोला पर्व
विविध स्थानों पर सज-धज कर पहुंची बैलजोडियां
* घर-घर में ‘जीवा- शिवा’ का किया विधि विधान से पूजन
अमरावती/दि.3– किसानों के सुख-दुख का साथी कहलाने वाले ‘जीवा- शिवा’ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने व उन्हें हर साल एक दिन के लिए आराम देने के लिए राज्यभर में पोला पर्व किसानों द्बारा मनाया जाता है. पोला पर्व की धूम शहरी क्षेत्र के बजाय ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक दिखाई देती है. ग्रामीण परिसर के शहरी इलाकों के आसपास में रहनेवाले किसान शहर के भी पोला पर्व में सहभाग लेते है. ग्रामीण क्षेत्र में किसान अपनी बैलजोडियों को सजाकर गांव के मुख्य चौराहे पर लाते है और विधिवत पूजन कर पोला पर्व मनाते है. ग्रामीण क्षेत्र भी अब धीरे-धीरे शहर में समाविष्ट होने लगा है. शहर का हिस्सा बन चुके रूरल कॉलेज, राजापेठ, नेहरू मैदान, जिला मध्यवर्ती कारागृह, भाजी बाजार आदि परिसर में कल पोला पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
दस्तुर नगर स्थित गौसदन के अलावा बडनेरा की पुरानी बस्ती बारीपुरा और बडनेरा के साप्ताहिक बाजार में भी पोला पर्व की धूम दिखाई दी. वैसे तो यह किसानों का अपने मित्र बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व होता है. किंतु आम तौर पर शहरी इलाको में यह कम दिखाई देता है. पोला पर्व पर बैलों को देखने के लिए खासकर बच्चों का उत्साह अधिक होता है. कल मनाए गये पोला पर्व पर बच्चों के साथ किसानों की उपस्थिति रही.
* पूरण पोली का लगाया जाता भोग
पोला पर्व पर घर-घर में बैल जोडियों का पूजन किया जाता है बैल जोडियों के साथ मिटटी के बैलों की भी पूजा की जाती है. घर पर आनेवाली बैल जोडियों को पूरणपोली का भोग लगाया जाता है. घर के सभी सदस्य बैलों की पूजा कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते है. ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर अब शहर में भी इसी प्रकार से बैलों की पूजा अर्चना की जाती है. जगह- जगह पर मेले का भी आयोजन किया जाता है.
* राजापेठ में मेले का आयोजन
शहर में राजापेठ चौक का विशेष महत्व रहा है. किंतु समय के साथ चौक का महत्व धीरे-धीरे कम हो रहा है. यहा बने रेलवे उडानपूल के चलते जगह संकीर्ण हो गई है. जिसकी वजह से इस साल यहां पोला पर्व का आयोजन नहीं किया गया. केवल बच्चों के मनोरंजन का ध्यान रखते हुए उनके खेलकूद के साहित्य व वस्तु की बिक्री के लिए मेले का आयोजन किया गया था. जिसका परिसर के बच्चों ने भारी बारिश के चलते भरपूूर आनंद लिया.
* भाजी बाजार परिसर में पारंपरिक पोला उत्सव
पुराने शहर अंतर्गत भाजी बाजार में पारंपरिक पोला पर्व मनाने की प्राचीन परंपरा है. सोमवार को मनपा शाला क्रमांक 7 के परिसर के आयोजित कार्यक्रम में विविध क्षेत्रों से 25 से अधिक बैलजोडियों ने सहभाग लिया था. ढोल-ताशों के गजर में उनका व किसानों का स्वागत किया गया. जिसमें उपस्थितों बैल जोडियों के साथ सेल्फी ली और जोडियों का विधिवत पूजन भी किया गया. इस अवसर पर पूर्व महापौर विलास इंगोले, गणेश खारकर, श्रीकृष्ण बनसोड, अशोक इंगोले, प्रमोद इंगोले, सुरेश रतावा, गजानन राजगुरे, निखिल इंगोले, शुभम शेगोकार, ज्ञानेश्वर इंगोले के हस्ते बैलजोडियों का पूजन किया गया. महिलाओं के साथ उपस्थित परिसर के नागरिकों ने भी पूजन व दर्शन किया. पोला पर्व पर अशोक इंगोले, नंदू पाटिल, विनोद मावदे, उमेद खान, दीपक साहू, शुभम राजगुरे, नुरखान पठान, मेहबूब भाई, अमीर खारकर आदि की बैलजोडियां शामिल थी. इस अवसर पर पुलिस द्बारा कडा बंदोबस्त रखा गया था.
* नेहरू मैदान पर किया बैलजोडियों का पूजन
हर साल की तरह इस साल भी शहर के मध्य में स्थित नेहरू मैदान पर पोला पर्व पर मेले का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों द्बारा बैलजोडियों का स्वागत कर विधिवत पूजन किया गया और उसके पश्चात सभी ने मेले का आनंद लिया.