अमरावती

अल्प मनुष्यबल के दम पर पुलिस जूझ रही अपराधियों से

पुलिस अधिकारियों की संख्या बढाये जाने की सख्त जरूरत

  • पुलिस थानों की संख्या बढाना भी बेहद जरूरी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१४ – राज्य अपराध अन्वेषण विभाग द्वारा वर्ष 2019 को लेकर तय की गई रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 10 शहर पुलिस आयुक्तालय व 36 पुलिस अधिक्षक कार्यालय क्षेत्रों में अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्राईम रेट के मामले में सबसे उपर है. लेकिन बावजूद इसके स्थानीय पुलिस प्रशासन अपर्याप्त मनुष्यबल के दम पर अपराधियों से दो-दो हाथ कर रहा है. ध्यान रहे कि, जिस समय वर्ष 1998 में शहर पुलिस आयुक्तालय की स्थापना हुई थी, तब अमरावती शहर की जनसंख्या करीब 5 से साढे 5 लाख के आसपास हुआ करती थी, जो अब बढकर साढे 7 से 8 लाख के आसपास जा पहुंची है. किंतु पुलिस आयुक्तालय की आस्थापना में मनुष्यबल की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, अपराधियों को नियंत्रित रखने के साथ ही शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने हेतु पर्याप्त मनुष्यबल का रहना काफी जरूरी है, क्योेंकि दिनोंदिन अपराधों के मामले और अपराधियोें के तौर-तरीके बढ रहे है. किंतु अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में मनुष्यबल की स्थिति को काफी हद तक कम कहा जा सकता है. बता दें कि, 10 पुलिस थानों सहित अपराध शाखा, साईबर पुलिस स्टेशन व अन्य करीब एक दर्जन शाखाओं में केवल 1 हजार 782 पुलिस कर्मचारी है. वहीं इस समय उपायुक्त सहित सहायक पुलिस आयुक्त व पुलिस निरीक्षकों के भी कई पद रिक्त पडे है.
बता दे कि राज्य अपराध अन्वेषण विभाग द्वारा वर्ष 2019 के लिए घोषित की गई क्राईम रेट संबंधी रिपोर्ट में प्रति 1 लाख की जनसंख्या को आधार मानते हुए क्राईम रेट का औसत निकाला गया. जिसके तहत राज्य के 48 पुलिस घटकों में अमरावती शहर का क्राईम रेट 570.22 है, जो समूचे राज्य में सर्वाधिक है. किंतु यहां पर इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती की केवल 1 हजार 782 कर्मचारियों के दम पर 8 लाख से अधिक की जनसंख्यावाले अमरावती शहर में कानून व सुव्यवस्था की स्थिति बनाये रखने का जिम्मा शहर पुलिस आयुक्तालय पर है. इस बात को खुद पुलिस महासंचालक ने भी बडी गंभीरता से लिया है. वहीं अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढाने के साथ-साथ शहर के गाडगेनगर, फ्रेजरपुरा व राजापेठ पुलिस थानों का विभाजन कर शहर में तीन नये पुलिस थाने बनाने का प्रस्ताव भी पुलिस महासंचालक के पास भेजा है.

  • प्रति 1 लाख जनसंख्या के अनुपात में क्राईम रेट

– 570.22 – अमरावती शहर
– 494.53 – पिंपरी चिंचवड शहर
– 380.88 – नागपुर ग्रामीण
– 379.27 – नागपुर शहर
– 341.78 – औरंगाबाद शहर

पुलिस उपायुक्त
– मंजूर – 3
– नियुक्त – 2
– रिक्त -1

सहायक पुलिस आयुक्त
– मंजूर – 7
– नियुक्त – 3
– रिक्त – 4

अपराध अन्वेषण विभाग द्वारा वर्ष 2019 हेतु जारी की गई रिपोर्ट में यद्यपि अमरावती शहर का क्राईम रेट राज्य में सबसे अधिक है. किंतु इसके बावजूद हत्या के प्रयास व मारपीट जैसे अपराध कम हुए है और प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयोें का प्रमाण काफी अधिक बढा है.
– डॉ. आरती सिंह
शहर पुलिस आयुक्त, अमरावती

  • 4 हजार 200 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई

अगस्त 2020 से अगस्त 2021 इस एक वर्ष की कालावधि के दौरान करीब 4 हजार 200 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है. जिनकी संख्या वर्ष 2020 की तुलना में 800 से अधिक है. शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के कार्यकाल में जहां एक ओर हत्या के प्रयास, चोरी, झपटमारी, आपसी मारपीट व दंगे जैसे अपराधों में कमी आयी है. वहीं दूसरी ओर नशीले व मादक पदार्थ, अवैध शराब, जुआ व वरली मटका जैसे अवैध धंधों के खिलाफ होनेवाली कार्रवाईयों सहित आर्म्स एक्ट, एमपीडीए व तडीपारी की धाराओं के तहत भी बडे पैमाने पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयां की गई है. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

Related Articles

Back to top button