अमरावती

धार्मिक स्थलों की वैधता को ‘क्रॉस चेक’ कर रही पुलिस

धर्मादाय आयुक्त को पत्र लिखकर मांगी जानकारी

अमरावती/दि.6- मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा लाउडस्पीकर को लेकर दिये गये अल्टीमेटम के मद्देनजर अब शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत स्थित सभी धार्मिक स्थलों के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग करने हेतु पुलिस की पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है. जिसके तहत सभी धार्मिक स्थलों के विश्वस्तों को संबंधित पुलिस थानों में आठ पन्नों का आवेदन भरकर देना होगा और इन आवेदनों की जांच-पडताल करते हुए लाउडस्पीकर के लिए अनुमति देने की जिम्मेदारी संबंधित थानेदारों पर सौंपी गई है. ऐसे में अब अनुमति हेतु किये जानेवाले आवेदनों के जरिये शहर में स्थित अधिकृत व अनधिकृत धार्मिक स्थलों की जानकारी भी सामने आयेगी. ऐसे में पुलिस द्वारा अब सभी धार्मिक स्थलों की वैधता को भी ‘क्रॉस चेक’ किया जा रहा है और इस संदर्भ में धर्मादाय आयुक्त को पत्र लिखकर अधिकृत धार्मिक स्थलों की जानकारी भी मांगी गई है.
उल्लेखनीय है कि, शहर में स्थित सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों के विश्वस्तों द्वारा लाउडस्पीकर के प्रयोग हेतु अनुमति प्राप्त करने आवेदनद करते समय कई दस्तावेज भी पुलिस के पास जमा करना अनिवार्य किया गया है. इन दस्तावेजों में संबंधित धार्मिक व प्रार्थना स्थलों के विश्वस्त मंडल की सूची, पंजीयन प्रमाणपत्र, कार्यक्रम का स्वरूप, लाउडस्पीकर खुद संबंधित धार्मिक या प्रार्थना स्थल का है या किराये पर लिया गया है इसकी जानकारी, किराये पर लेने की स्थिति में ठेकेदार के नाम व लाईसेन्स की जानकारी, लाउडस्पीकर का प्रयोग किसी दिन विशेष पर किया जायेगा या रोजाना इसकी जानकारी, रोजाना प्रयोगवाली स्थिति में दैनंदिन देखभाल की जिम्मेदारी किस पर रहेगी इसकी जानकारी, संबंधित प्रार्थना स्थल से 100 मीटर के दायरे में शांतता क्षेत्र यानी साईलेंट झोन या किसी अन्य धर्म का धार्मिक अथवा प्रार्थना स्थल रहने से संबंधित जानकारी, इससे पहले लाउडस्पीकर का प्रयोग बिना अनुमति किये जाने और इसे लेकर हुई कानूनी कार्रवाई से संबंधित जानकारी भी आवेदन के साथ संबंधितों द्वारा पुलिस के पास देनी होगी. इन सभी आवश्यक दस्तावेजों व जानकारियों के बिना आवेदन नहीं करने पर लाउडस्पीकर के लिए अनुमति नहीं मिलेगी, बल्कि वहां पर पहले से लगे लाउडस्पीकरों को हटा भी दिया जायेगा.

* रात में बिल्कुल नहीं होेगा लाउडस्पीकर का प्रयोग
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. ऐसे में अनुमति के साथ तय की गई शर्तों व नियमों का उल्लंघन किये जाने पर संबंधितों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 139 के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने में प्रयुक्त सभी साहित्य को भी जप्त कर लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि, पुलिस द्वारा विभिन्न नियमों व शर्तों के अधीन रहकर तय कालावधि के लिए ही लाउडस्पीकर के प्रयोग की अनुमति दी जायेगी.

* क्या कहती है पुलिस
पुलिस द्वारा मनाही किये गये स्थानों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग न किया जाये. न्यायालय, शाला, कॉलेज, दवाखाने, अस्पताल व सरकारी कार्यालय ऐसे साईलेंट झोनवाले स्थानों पर कभी भी लाउडस्पीकर का प्रयोग न किया जाये. किसी भी जाति व धर्म के लोगों की भावनाए आहत करने अथवा किसी भी व्यक्ति या समूह की बदनामी करनेलायक कोई भी घोषणा, नारेबाजी व भाषण भी लाउडस्पीकर पर प्रसारित न किया जाये. ऐसा पुलिस द्वारा कही गया है. साथ ही बताया गया है कि, कानून व व्यवस्था की स्थिति को अबाधित रखने हेतु जरूरत पडने पर बिना कोई पूर्व सूचना दिए दी गई अनुमति को रद्द कर दिया जायेगा.

* धर्मादाय आयुक्त से यह जानकारी मांगी गई
शहर में कितने धार्मिक स्थल व प्रार्थना स्थल पंजीकृत हैं, इसकी जानकारी शहर पुलिस द्वारा धर्मादाय आयुक्त एवं सार्वजनिक न्यास पंजीयन कार्यालय से मांगी गई है. इस कार्यालय से मिलनेवाले आंकडों व जानकारी के अनुसार अधिकृत व अनधिकृत प्रार्थना स्थलों का वर्गीकरण किया जायेगा. इन सभी बातों की ओर शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह खुद अपनी पैनी नजर रखे हुए है.

* हलफनामा देना होगा अनिवार्य
लाउड स्पीकर के लिए अनुमति मिलने हेतु आवेदन प्रस्तुत करते समय संबंधित धार्मिक स्थल के विश्वस्त मंडल सहित लाउडस्पीकर ऑपरेटर को भी शपथपत्र देना अनिवार्य किया गया है. अन्यथा भादंवि की धारा 199 व 200 के तहत कार्रवाई की जायेेगी.

* शहर में धार्मिक स्थलों की संख्या
मंदिर – 408
मस्जिद – 183
दरगाह – 61
मदरसे – 31
गुरूद्वारा – 3

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