अमरावती

विधायक भुयार पर गोलीबारी का आरोपी खोजने में पुलिस फेल

ऐन चुनाव वाले दिन कार जलाने वाली घटना की जांच भी ठंडे बस्ते में

अमरावती/दि.9- विगत 21 अक्तूबर 2019 को विधानसभा चुनाव के ऐन मतदानवाले दिन मोर्शी-वरुड़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी देवेन्द्र भुयार पर पिस्तौल से तीन राऊंड गोलियां चलाकर उन्हें जान से मारने का प्रयास किया गया था. साथ ही उनके वाहन को जला दिया गया था. इस अपराध में शामिल 6 आरोपियों और उनकी इनोवा कार का आज तीन वर्ष बाद भी कोई अता-पता नहीं चल पाया है तथा पुलिस इस मामले का पर्दाफाश करने में एक तरह से नाकाम साबित हुई है. साथ ही भविष्य में भी इस मामले का कभी राजफाश हो पाएगा, ऐसी कोई संभावना भी दिखाई नहीं दे रही, जिसके चलते इस पूरे मामले को लेकर अब काफी हद तक संदेह गहरा रहा है.
बता दें कि, तत्कालीन प्रत्याशी देवेन्द्र भुयार पर गोलीबारी होने और ुउनके वाहन को जला दिये जाने से संबंधित शिकायत गव्हाणकुंड निवासी आकाश नागपुरे (42) ने पुलिस में दर्ज कराई थी. अपने बयान में आकाश नागपुरे ने कहा था कि गोली किस हथियार से चलाई गई और किसने चलाई, यह अंधेरा रहने के चलते वह देख नहीं पाया. वहीं यह घटना घटित होने के बाद वह डरकर मौके से भाग निकला तथा मलकापुर के चौक में आने के बाद ऑटो रिक्शा के जरिए शेंदुरजनाघाट पुलिस थाने पहुुंचा. जहां पर उसने पूरे मामले की जानकारी दी. पश्चात पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचों के सामने पंचनामा किया तथा फोरेन्सिक टीम को बुलाकर जले हुए वाहन की राख और राख मिश्रित मिट्टी को जांच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाया गया. लेकिन घटनास्थल से गोलियों के दगे हुए यह खाली कारतूस तथा जिस हथियार से गोली चली, वह हथियार बरामद नहीं हुए थे. पुलिस ने घटनास्थल की वीडियो शूटिंग भी की थी और पूरे मामले की काफी गहन जांच की. जिसके तहत रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के साथ ही जांच के दौरान सीडीआर व एसडीआर भी हासिल किए गए और आरोपियों की खोजबीन करने हेतु पथक भी गठित किए गए. इसके अलावा कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए गए. लेकिन इसके बावजूद विगत तीन वर्षों के दौरान विधायक देेवेन्द्र भुयार पर गोली चलाने वाले और उनके वाहन में आग लगाने वाले ‘उन’ 6 आरोपियों तथा आरोपियों द्वारा अपराध में प्रयुक्त किए गए इनोवा वाहन का कही कोई अता पता नहीं चल पाया. ऐसे में यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विधायक देवेन्द्र भुयार के साथ उस समय वाकई यह घटना घटित हुई भी थी अथवा नहीं और कही ऐसा तो नहीं कि चुनाव में मतदाताओं की सहानुभूति हासिल करने के लिए यह सब कुछ बनावटी तरीके से पेश किया गया था.
जांच बंद करने वरिष्ठों से मांगी गई मंजूरी
इस मामले में 6 आरोपियों व उनके द्वारा प्रयोग में लाये गये वाहनों को खोज निकालना काफी मुश्किल है. ऐसी रिपोर्ट तैयार करते हुए स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक तपन कोल्हे ने इस रिपोर्ट को वरिष्ठों के पास भेजा है. साथ ही मामले की जांच बंद करने हेतु वरिष्ठों से मंजूरी भी मांगी है. जिसमें कहा गया है कि यह मामला घटित हुए काफी समय बीत चुका है. अतः जांच को बंद करने हेतु इस मामले को ‘अ’ फाइनल क्रमांक 33/2022 के अनुसार मंजूरी प्रदान की जाये.

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