अमरावती

पासपोर्ट बनवाने में पुलिस जांच सबसे बडी बाधा

पुलिस वैरिफिकेशन को लेकर 20 फीसदी शिकायतें, आरटीआई से सामने आई जानकारी

मुंबई/दि.१३ – सरकार द्बारा उठाए गए कई कदमों के बावजूद पासपोर्ट हासिल करना आम आदमी के लिए अब भी टेढी खीर है. लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर हो रही है. पिछले छह साल में देश में साढे चार लाख लोगों ने शिकायत की है. इसमें से करीब 20 फीसदी यानी 95899 शिकायतें पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर हैं.
इसके अलावा सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोस्ट ऑफिस से पासपोर्ट ने मिलने से भी साढे आठ हजार से ज्यादा लोग परेशान हो चुके हैं. आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे ने विदेश मंत्रालय से सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत पासपोर्ट को लेकर लोगों की शिकायतों से जुडी जानकारी मांगी थी. जवाब में डिप्टी पासपोर्ट अधिकारी सुबोध कुमार ने जो जानकारी मुहैया कराई उसके मुताबिक जनवरी 2015 से दिसंबर 2020 के बीच पासपोर्ट पोर्टल पर 4 लाख 53 हजार 913 शिकायतें की गई. इनमें से 2 लाख 79 हजार 559 शिकायतों को विभाग ने अन्य के खाते में डाला है. इसके अलावा पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर 95899 लोगों ने शिकायतें की हैं. 8632 शिकायतकर्ता ऐसे भी हैं जो डाक विभाग के कामकाज से खुश नहीं थे. ज्यादातर लोगों की शिकायत थी कि, भेजा गया पासपोर्ट उनके पते पर पहुंचा ही नहीं.
ज्यादातर लोग चाहते हैं कि, पासपोर्ट पोस्ट से भेजने की जगह लोगों को खुद पासपोर्ट ऑफिस आकर इसे लेने की सुविधा देनी चाहिए. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी तो दी कि, कितने लोगों ने शिकायत की है लेकिन इन शिकायतों को लेकर कितने अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई इसे लेकर कोई खुलासा करने से इनकार कर दिया.

  • डाक की बजाय पासपोर्ट ऑफिस से देने पर हो विचार

घाडगे के मुताबिक वेरिफिकेशन के लिए पहुंचे पुलिसवाले लोगों से कहते है कि, वे कागजात के जरिए साबित करें कि, वे वहीं रहते हैं. इस दौरान रिश्वतखोरी की भी कई शिकायतें आती हैं. पासपोर्ट एथॉरिटी को अब पुलिस द्बारा पते की पुष्टि की कार्रवाई खत्म करने पर विचार करना चाहिए. पुलिस से सिर्फ आवेदक के अपराधिक रिकॉर्ड से जुडी जानकारी हासिल की जानी चाहिए. इसके अलावा लोगों को पासपोर्ट डाक से भेजने की जगह उन्हें पासपोर्ट ऑफिस आकर इसे हासिल करने का विकल्प दिया जाना चाहिए.

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