* नये चालक मिलने की प्रतिक्षा
अमरावती/दि.26– इस समय शहर एवं ग्रामीण पुलिस विभाग पर कामों का अच्छा खासा बोझ है. इसमें भी पुलिस के वाहनों पर चालक नहीं रहने के चलते पुलिस कर्मियों को खुद वाहन चलाते हुए आरोपियों को पकडने की कार्रवाई करनी पडती है. साथ ही कई बार पुलिस वाहन की बजाय दुपहिया वाहन पर गश्त लगानी पडती है.
बता दें कि, अमरावती ग्रामीण पुलिस की आस्थापना पर विगत दिनों ही पदभर्ती में 41 चालक सिपाहियों की नियुक्ति की गई. जिन्हें अब तक मोटर वाहन विभाग में नहीं दिया गया है. बल्कि उन्हें फिलहाल प्रशिक्षण हेतु भेजा गया है. जिसकी वजह से कई बार वाहन चालक के तौर पर होमगार्ड की मदद लेनी पडती है. यह स्थिति जब तक नये चालक मोटर वाहन विभाग को नहीं मिलते, तब तक बनी रहेगी.
* 203 वाहन है ग्रामीण पुलिस के पास
जिला ग्रामीण पुलिस के पास कुल 203 वाहन है. जिनका नियमित उपयोग किया जाता है. इन वाहनों में 65 दुपहिया वाहनों का समावेश है. जिनके जरिए यात्रिकालीन व नियमित गश्त की जाती है. वहीं 4 पहिया वाहनों पर फिलहाल चालकों की कमी है.
* 145 चालक है उपलब्ध
पुलिस के एक वाहन पर 2 चालक लगते है, जबकि हकीकत में ग्रामीण पुलिस के पास 145 चालक ही उपलब्ध है. वाहन संख्या के लिहाज से चालक संख्या कम पड जाती है. जिसके चलते समय पर नियोजन करना पडता है.
* 50 नये चालकों की जरुरत पुलिस के पास उपलब्ध रहने वाली वाहन संख्या से दोगुनी संख्या में चालकों की जरुरत पडती है. इस हिसाब से फिलहाल चालकों के 50 पद रिक्त पडे है. जिसके चलते अन्य कर्मचारियों को ही वक्त जरुरत के हिसाब से स्टेअरिंग पकडना पडता है.
* पुलिस कर्मी चला रहे पुलिस के वाहन
पुलिस विभाग के पास पर्याप्त संख्या में चालक उपलबध नहीं रहने के चलते जिस पुलिस कर्मचारी के पास वाहन चलाने का लाईसेंस है और जो वाहन की योग्य देखभाल कर सकता है. ऐसे पुलिस कर्मियों को वक्त जरुरत पडने पर पुलिस का वाहन चलाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
* जिला ग्रामीण पुलिस के मोटर ट्रान्सपोर्ट (एमटी) विभाग में 145 चालक है और फिलहाल चालकों के 50 पद रिक्त पडे है. नई पदभर्ती में नियुक्त किए गए नये चालक प्रशिक्षण खत्म होने के बाद सेवा देने हेतु उपलब्ध हो पाएंगे. जिसके बाद समस्या खत्म हो जाएगी.
– राहुल ढवले,
मोटर वाहन विभाग प्रमुख,
जिला ग्रामीण पुलिस