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साडे तीनसौ की रिश्वत में पुलिस अधिकारी को एक वर्ष सजा

जिला न्यायालय ने जारी किये आदेश

* नांदगांव पेठ पुलिस थाने में कार्यरत थे प्रकाश ठाकरे
अमरावती/ दि.12 – नांदगांव पेठ पुलिस थाने में वर्ष 2011में कार्यरत तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक प्रकाश ठाकरे को एन्टी करप्शन ब्युरो की टीम ने 2 हजार रुपए की रिश्वत के बदले में 350 रुपए की रिश्वत स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में जिला न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति आर. वी. ताम्हणेकर की अदालत ने आरोपी प्रकाश ठाकरे को दोषी करार देते हुए 1 वर्ष कारावास की सजा सुनाई.
प्रकाश भीमराव ठाकरे (64, महेंद्र कॉलोनी) यह रिश्वतखोरी के अपराध में दोषी करार देते हुए छह माह कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा एक वर्ष कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा पाने वाले सेवानिवृत्त सहायक पुलिस उपनिरीक्षक का नाम है. जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता दिलीप धसकड शेंदोला बु. में रहता था. उसके पिता से प्राप्त्ा प्लॉट बाबुराव गावंडे को किराये से दिया था. वह उन्होंने ग्रामपंचायत में अपने नाम कर योगेंद्र बुज्रुक को बेच दिया. इस बारे में दिवानी न्यायालय में मामला प्रलंबित था. उस प्लॉट पर योगेंद्र ने कुछ सामान लाकर रखा था. इसपर दोनों में विवाद हुआ. तब योगेंद्र ने शिकायतकर्ता दिलीप के खिलाफ नांदगांव पेठ पुलिस थाने में चोरी का अपराध दर्ज कराया. उस समय शिकायतकर्ता दिलीप के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं करने के नाम पर 3 हजार रुपए रिश्वत मांगी. परंतु शिकायतकर्ता ने 2 हजार रुपए में समझौता किया. 8 अप्रैल 2011 को दर्ज शिकायत पर एन्टी करप्शन ब्यूरो की टीम ने छापा मारकर 2 हजार ुमें से 350 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. शिकायतकर्ता ने 1 हजार 650 बाद में देने का वाद किया था. इस मामले की तहकीकात के बाद पुलिस ने अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया. अदालत में डीसीपी, एसीबी के डीवायएसपी ऐसे कुल पांच गवाहों के बयान लिये. दोनों ओर की दलीले सुनने के बाद अदालत ने 1 वर्ष की सजा सुनाई. सरकार की ओर से सरकारी वकील सुनील देशमुख ने दलीले पेश की. एसीबी की ओर से पैरवी अधिकारी राजेश कोचे ने सहयोग किया.

 

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