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सीपी डॉ. सिंह के हाथों पुलिस पाटीलों का हुआ सत्कार

शहर पुलिस आयुक्तालय में पहली बार सम्मानित हुए पुलिस पाटील

* तीन पुलिस पाटीलों को शानदार कार्य प्रदर्शन के लिए किया गया सम्मानित
अमरावती/दि.9– ब्रिटीशकाल के दौरान विभिन्न गांवों में पुलिस पाटील का पद निर्मित किया गया था और इस पद का जिम्मा गांव के बहादुर व कर्तव्यशील व्यक्तियों को सौंपा जाता था. पश्चात 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद अंग्रेजोें द्वारा निर्मित वंश परंपरागत पदोें को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1962 के अनुसार रद्द किया गया है तथा 17 दिसंबर 1968 को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम कानून को मंजुर करने के साथ ही इसके अनुसार स्वतंत्र राजस्व गांवों में पुलिस पाटील की नियुक्ति की जाने लगी. जिनके द्वारा गांव स्तर पर कानून व व्यवस्था की दृष्टि से बंदोबस्त रखने, गांव में कोई अप्राकृतिक या संदेहास्पद मौत होने या अपराध घटित होने पर उसकी खबर पुलिस को देने, अपराधों को नियंत्रित करने तथा बिना अनुमति शस्त्र रखने से मनाही करने जैसे कर्तव्य पूरे किये जाते है.
अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में शामिल नांदगांव पेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत टाकली जहांगीर के पुलिस पाटील अशरफ खां मेहबुब खां पठान, वडगांव माहोरे के पुलिस पाटील राजेश गणेश भोगे तथा सावर्डी के पुलिस पाटील नरेेंद्र नामदेवराव मेश्राम ने अपने सभी कर्तव्यों का बडे ही जिम्मेदाराना पूर्वक ढंग से निर्वहन किया और समय-समय पर पुलिस की सहायता की. जिसके चलते शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने इन तीनों पुलिस पाटीलों का आज शहर पुलिस आयुक्तालय में समारोहपूर्वक सत्कार किया.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, यह पहला मौका है, जब शहर पुलिस आयुक्तालय द्वारा अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत काम करनेवाले पुलिस पाटीलों का सत्कार किया गया है, इससे शहर पुलिस आयुक्तालय में सीपी डॉ. आरती सिंह ने एक नई परंपरा शुरू की. साथ ही तीनों पुलिस पाटीलों को प्रशस्तीपत्र देने के साथ ही उन्हें भविष्य में भी बेहतरीन काम करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी.

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