डीजे बजाने से पहले पुलिस की अनुमति आवश्यक, अन्यथा कार्रवाई
स्थानीय स्वायत्त निकाय से भी लेना होता है नाहरकत प्रमाणपत्र
अमरावती /दि.30- इन दिनों विवाह समारोह सहित किसी भी तरह के धार्मिक या पारिवारिक कार्यक्रम अथवा धार्मिक रैली व जुलूस का आयोजन डीजे के बिना होता ही नहीं. डीजे की कानफाडू आवाज पर नाचने व थिरकने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है. लेकिन अब किसी भी कार्यक्रम के लिए डीजे लगाते समय पुलिस की अनुमति लेना पूरी तरह से अनिवार्य व बंधनकारक कर दिया गया है. बिना अनुमति डीजे बजाने पर पुलिस द्बारा कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही डीजे बजाने के लिए संबंधित स्थानीय स्वायत्त संस्था से भी अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है.
* अनुमति लेना जरुरी
सर्वोच्च न्यायालय द्बारा तय की गई ध्वनि की अधिकतम सीमा को पार करने पर संंबंधित संस्था अथवा व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही डीजे का प्रयोग करने से पहले अनुमति लेना भी अनिवार्य किया गया है.
– तपन कोल्हे,
पुलिस निरीक्षक,
ग्रामीण अपराध शाखा
* इन निर्देशों का पालन आवश्यक
किसी भी रिहायशी क्षेत्र में सर्वोच्च न्यायालय द्बारा तय की गई अधिकतम सीमा से अधिक आवाज में डीजे बजाए जाने पर फौजदारी मामला दर्ज किया जाता है. ऐसे में निर्धारित डेसीबल से अधिक डीजे की आवाज नहीं होनी चाहिए. अन्यथा पर्यावरण अधिनियम तथा ध्वनि प्रदूषण नियम व नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज होता है.
* 5 माह में चुनिंदा मामले दर्ज
डेसीबल की मर्यादा पार करने वाले कुछ चुनिंदा मामलों में ही विगत 5 माह के दौरान फौजदारी मामले दर्ज हुए है. जबकि हकीकत में लगभग सभी तरह के आयोजनों में डीजे की आवाज निर्धारित ध्वनि मर्यादा से काफी अधिक रहती है.
* कितने लोगों ने ली अनुमति
ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस थाना स्तर पर डीजे की अनुमति दी जाती है. जिसके लिए संबंधित स्थानीय स्वायत्त संस्था की पूर्व अनुमति भी आवश्यक होती है. ऐसे में कितने लोगों ने यह अनुमति प्राप्त की है. इसकी निश्चित संख्या फिलहाल पता नहीं चल रही है.
* डीजे की आवाज पर भी मर्यादा
किसी भी कार्यक्रम अथवा जुलूस में बजाए जाने वाले डीजे अथवा ढोल-ताशे रिहायशी क्षेत्र में दिन के समय 55 डेसीबल से कम और रात के समय 45 डेसीबल से कम रहना आवश्यक किया गया है. हालांकि कई स्थानों पर डीजे की आवाज 100 से 120 डेसीबल तक भी रखी जाती है. जिससे कानफाडू शोर पैदा होता है और डीजे से निकलने वाले ध्वनि कंपन की वजह से लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. साथ ही कई बार ऐसे ध्वनि कंपन की वजह से हृदयाघात भी हो सकता है.