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अचलपुर शहर को बड़े दंगे से बचाया पुलिस ने

कुछ ही पुलिस अधिकारी कर्मचारियों ने निभाया फर्ज

* 5 मिनट लेट पहुंचती पुलिस तो हालात होते कुछ और
परतवाड़ा/दि.23– अचलपुर शहर में 17 अप्रेल को रात झंडा लगाने को लेकर हुए गाली-गलौज के बाद दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे. तुरंत ही अचलपुर पुलिस को इस घटना की जानकारी मिलने पर मात्र 5 मिनट में ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई. दोनों ही समुदाय के लोग आमने-सामने आने से पूर्व पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया. दोनों ओर हज़ारो की संख्या में लोगो का हुजूम जमा हो गया था. उसी समय बीच में जाकर दोनों ही और के पथराव को अपने ऊपर झेलते हुए अचलपुर शहर के थानेदार माधवराव गरूड़, पीएसआय अतीक अहमद, खुफिया विभाग के सुदर्शन झोड़, सुधीर काले, डीबी स्कॉट के पुरूषोत्तम बावनेर, कृष्णा अस्वार, संजय लाटे, सिद्धार्थ वानखडे, सगणे, सम्राट चव्हाण ने ड्यूटी के साथ अपना फर्ज निभाया.
दोनों ही समुदाय के लोगों एक दूसरे के सामने आने के पूर्व ही स्थिति को खराब होने से रोक दिया. दोनों समुदाय के बीच खुद दीवार बनकर खड़े हो गए. दोनों ही ओर से लगातार किए जा रहे पथराव को अपने ऊपर झेला. शहर को जलने और भड़कने से बचा लिया. पुलिस अगर समय पर स्थिति पर काबू नहीं पाती, तो आज शहर के हालात कुछ और होते. अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों की सुरक्षा व शहर को बड़े नुकसान से बचाने वाले इन जांबाज पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों का शासन की ओर से सम्मानित किया जाना चाहिए, जिन्होंने ड्यूटी के साथ अपने फर्ज को पूरी ईमानदारी से निभाया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज कर हजारों लोगों की भीड़ को कुछ ही कर्मचारियों की मदद से तितर-बितर करने का कार्य किया. 2007 के नवंबर माह में अचलपुर में हुए दंगों के कारण पूरे महाराष्ट्र में अचलपुर को अति संवेदनशील माना गया. ऐसे में 17 अप्रैल की रात दूल्हा गेट बिलनपुरा परिसर में दोनों ही समुदाय के लोग आमने-सामने की खबर पर 5 मिनट में पहुंचे इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अचलपुर शहर को बड़े नुकसान से बचा लिया. वरना आज शहर के हालात कुछ और होते. यही नहीं उस रात इन अधिकारी और कर्मचारियों ने मोहोल्लों में जमा हो रहे छोटे-छोटे गुटों पर भी कार्रवाई की तथा एक दूसरे को समझाने बुझाने के साथ ही पुलिस के डंडे का भी सहारा लिया. तब कहीं जाकर शहर में धीरे-धीरे शांति लौट रही है. रात भर पेट्रोलिंग के साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों पर भी इन अधिकारी और कर्मचारियों ने नजर बनाकर रखी और रात भर शहर के क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करते रहे. शहर को पूरी तरह से शांत करने में अचलपुर पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत करने के साथ ही अपनी जान को जोखिम में डालकर शहर को बड़े नुकसान से बचाया है. शहर में अमन और शांति की सोच रखने वाले लाखों लोग इनकी बहादुरी और समय सूचकता व समय रहते की गईं कार्रवाई पर इनका आभार मान रहे हैं. बाद में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई पुलिस के आला अधिकारी अचलपुर पहुंचे. पश्चात रात साढ़े ग्यारह बजे संचार बंदी के आदेश आये. अचलपुर पुलिस के कार्य को देखकर आम लोगों का भरोसा पुलिस प्रशासन पर जागा है.

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