कटाई के लिए जाने वाले 23 गोवंश को पुलिस ने दिया जीवनदान

मोर्शी पुलिस की कार्रवाई, वाहन सहित 17.81 लाख रुपए का माल जब्त

* एक आरोपी गिरफ्तार
मोर्शी /दि.28– दो बोलेरो टाटा पिकअप वैन में मवेशियों को बहुत ही क्रूर तरीके से अवैध रूप से वध के लिए ले जाया जा रहा था. इस दौरान मोर्शी पुलिस की ओर से सड़क पर नाकाबंदी करने के बाद भी वाहनों के नहीं रुकने पर पुलिस ने निजी मोटरसाइकिल से सिने-स्टाइल में वाहनों का पीछा किया. पुलिस को अपर वर्धा बांध क्षेत्र में दोनों बोलेरा पिकअप में तस्करी व वध के उद्देश्य से 23 मवेशियों को ले जा रहे वाहनों को जब्त करने तथा लगभग 17 लाख, 81 हजार मूल्य का कीमती माल जब्त करने में सफलता मिली. एक आरोपी को मोर्शी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि दूसरा आरोपी घटना स्थल से फरार होने में सपल रहा. यह कार्रवाई 26 मई की रात 8 बजे के दौरान की गई.
उल्लेखनीय है कि, मध्य प्रदेश से मवेशियों की तस्करी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. 26 मई को मोर्शी पुलिस को गोपनीय सूचना मिली कि दो सफेद बोलेरो पिकअप वैन अवैध रूप से मवेशियों को सिम्भोरा होते हुए मोर्शी की तरफ आ रहे हैं, इसके तहत पुलिस ने सिंभोरा रोड पर खुली जेल के सामने नाकाबंदी कर दी. जब बोलेरो पिकअप के चालक ने पुलिस की नाकाबंदी को देखा तो आरोपियों ने अपने वाहन को मोड लिया और तेज गति से गैर जिम्मेदारा तरीके से वाहन चला कर भागने का प्रयास किया. पुलिस ने यह देखते ही एक पल की भी देरी किए बिना अपनी निजी मोटरसाइकिल से फिल्मी अंदाज में इन वाहनों का पीछा करना शुरू कर दिया.
परिणामस्वरूप, आगे चल रहे वाहन के चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क किनारे एक नाले में जा गिरा. यह देखकर पीछे वाले वाहन के चालक ने अपना वाहन रोक दिया और दोनों चालक वहां से भाग गए, हालांकि दुघर्टनाग्रस्त वाहन के चालक के पैर में चोट आ गई थी और वह भाग नहीं सका. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपी सोहेल शहा जाबीर शहा (24, यास्मीन नगर अमरावती) के खिलाफ गोवंश हत्याबंदी कानून की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है.
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद, अप्पर पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत, उपविभागीय पुलिस अधिकारी संतोष खांडेकर के मार्गदर्शन में मोर्शी पुलिस थाने के थानेदार नितिन देशमुख के नेतृत्व में पुलिस उपनिरीक्षक अमोल बुरकुल, हेड कांस्टेबल श्यामसिंह चुंगडा, कांस्टेबल छत्रपति करपते, स्वप्निल बायस्कर, गोपाल घाटे ने की.

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