अमरावती

पुलिस थाने भी बन रहे डेंग्यू व मलेरिया के अड्डे

10 पुलिस थानों में 2 हजार से अधिक वाहन पडे है लावारिस

अमरावती/दि.28 – अब बारिश के दिन शुरु हो गए है और इन 4 माह के दौरान विविध किटकजन्य बीमारियों में वृद्धि होने की पूरी संभावना रहती है. ऐसे मेें साफ-सफाई की ओर विशेष तौर पर ध्यान देना जरुरी होता है. लेकिन शहर के पुलिस थानों में जब्ति वाले सैकडों वाहन एक ही स्थान पर कई-कई वर्ष खडे रहते है. इन वाहनों के आसपास कचरा व गंदगी होने के साथ बारिश का पानी जमा होकर मच्छरों की जमकर पैदावार होती है. जिसके चलते पुलिस थाना परिसर के डेंग्यू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियां का अड्डा कहा जा सकता है. साथ ही पुलिस थानों में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ थानों में आने वाले लोगों तथा आसपास के परिसर में रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा कहा जा सकता है.
बता दें कि, अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत 10 पुलिस थाने है. वहीं जिला ग्रामीण पुलिस विभाग के अंतर्गत जिले के ग्रामीण इलाकों में 31 पुलिस थाने है. इन सभी पुलिस थानों में सडक हादसे व चोरी से संबंधित मामलों से वास्ता रखने वाले लावारिस वाहन कई वर्षों से धूल खाते पडे हुए है और ऐसे वाहनों की निलामी नहीं हो पाने की वजह से यह सभी वाहन जगह पर पडे-पडे बीमार हो रहे है. साथ ही ऐसे दुपहिया व चारपहिया वाहनों एवं वाहनों के आसपास बारिश का पानी जमा हो जाता है. जिससे मच्छरों की जमकर पैदावार होती है. जिसकी वजह से डेंग्यू व चिकनगुनिया सहित मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने की भी संभावना रहती है.
उल्लेखनीय है कि, डेंग्यू की बीमारी का प्रसार एडीस इजिप्ति नामक प्रजाति वाले मच्छर की मादा के जरिए होता है. इन मच्छरों की उत्पत्ति एक ही जगह पर जमा रहने वाले पानी में होती है. कबाड पडे रहने वाले वाहन, निरुपयोगी वस्तु व टायरों में जमा होने वाले पानी मेें एडीस इजिप्ति प्रजाती वाली मादा द्बारा अंडे दिए जाते है. यह मादा मच्छर एक समय में 150 से 200 अंडे देती है. जिससे लार्वा बनकर मच्छर पैदा होते है. एक ही जगह पर जमा रहने वाले पानी में एक ही समय में हजारों-लाखों मादा मच्छरों द्बारा अंडे दिए जाने की वजह से कुछ ही दिनों में लाखों-करोडों नये मच्छर तैयार हो जाते है. ऐसे में पुलिस थाना परिसर में जमा रहने वाले वाहनों की वजह से आसपास के परिसर में डेंग्यू, मलेरिया व चिकनगुनिया फैलने का खतरा होता है.

* लाखों रुपए मूल्य के हजारों वाहन पडे है कबाड में
शहर के 10 व जिले के 31 पुलिस थानों में जब्ति वाले हजारों दुपहिया व चारपहिया वाहन लावारिस पडे हुए है. जिनकी कीमत लाखों रुपए है. चूंकि इन वाहनों से संबंधित मामले अदालत में विचाराधीन है और ऐसे मुकदमें कई-कई वर्ष तक चलते रहते है. ऐसे में मामलों का निपटरा होने तक यह सभी वाहन एक तरह से लावारिस स्थिति में पडे रहकर पूरी तरह से कबाड हो जाते है.

* कबाड वाहन बन जाते है मच्छरों का घर
पुलिस थानों में एक ही स्थान पर खडे व पडे रहने वाले वाहनों में बारिश के मौसम दौरान पानी जमा हो जाता है. इन वाहनों के टायर, टंकी, डिक्की सहित वाहनों के भीतर लंबे समय तक पानी जमा रहने के चलते ऐसे स्थान मच्छरों की पैदावार के लिए सर्वथा अनुकूल रहते है. ऐसे में एक ही स्थान पर कई वर्षों से खडे रहने वाले वाहनों को मच्छरों का सुरक्षित घर कहा जा सकता है.

* बारिश की वजह से खतरा बढा
विगत कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते पुलिस थानों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही पुलिस स्टेशन में आने वाले लोगों को बडे पैमाने पर मच्छरों का सामना करना पड रहा है. साथ ही उनके स्वास्थ्य को खतरे में कहा जा सकता है.

* निलामी प्रक्रिया काफी क्लिष्ट
पुलिस थानों में हजारों की संख्या में दुपहिया व चारपहिया वाहन जमा है. जिनकी निलामी करने की सख्त जरुरत है. परंतु इन वाहनों की निलामी की प्रक्रिया केंद्र स्तर पर होती है. जिसकी वजह से कबाड हो चुके वाहनों को बेचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पडता है.

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