
* कबाड वाहनों की नीलामी होने की प्रतीक्षा
अमरावती /दि. 5- लावारिस पाए गए अथवा किसी अपराधिक मामले में जब्त किए गए वाहनों को पुलिस थानो के प्रांगण में लाकर खडा कर दिया जाता है और ऐसे वाहन सालोंसाल पुलिस थानो के प्रांगण में खडे-खडे धूल खाते हुए कबाड में तब्दील हो जाते है. प्रशासन द्वारा ऐसे वाहनों के नीलामी की प्रक्रिया लालफिताशाही में अटके रहने के चलते जब्त वाहनों में से 75 फीसद वाहन जगह पर ही सडकर भंगार हो चुके है. ऐसे में अब स्थिति यह है कि, सभी पुलिस थाने एक तरह से कबाडखाने में तब्दील हो गया है, जहां पर भंगार वाहनों का अंबार लगा हुआ है. साथ ही हालत यह है कि, पुलिस थानों में काफी बडी जगह ऐसे कबाड वाहनों की वजह से अटकी पडी हुई है.
बता दें कि, शहर पुलिस आयुक्तालय के 10 पुलिस थानो सहित यातायात पुलिस शाखा में कई वाहन विगत कई वर्षों से यूहीं खडे हुए है. जिसमें से कुछ वाहनों को पुलिस ने लावारिस के तौर पर पाया था. वहीं कई वाहनों को किसी अपराधिक मामले या सडक हादसे की घटना के चलते जब्त किया गया था. इनमें दुपहिया, ऑटो, कार व ट्रक जैसे वाहनों का समावेश है. जो विगत कई वर्षों से एक ही स्थान पर खडे रहते हुए गर्मी और बारिश का सामना करते हुए जगह पर खडे-खडे सड रहे है और सभी वाहनों में जंग भी लग चुकी है. ऐसे वाहनों के विविध तरह से स्पेयर पार्ट भी बारिश, धूप और धुलमिट्टी की वजह से खराब हो गए है और ऐसे वाहन अब चलानेयोग्य ही नहीं बचे है.
* ग्रामीण थानो में भी कबाड वाहनों की भीड
शहर पुलिस आयुक्तालय की तरह ग्रामीण पुलिस के 31 पुलिस थानो में भी विगत 5 वर्षों से जब्त वाहनों की संख्या अच्छी-खासी हो चुकी है. रेत तस्करी व शराब तस्करी जैसे मामलो में पकडे जानेवाले को छुडाने हेतु कभी कोई सामने नहीं आता, जिसके चलते ऐसे वाहन पुलिस थानो में सालोसाल खडे रहते है और जगह पर खडे-खडे सड जाते है.
* न्यायालयीन प्रक्रिया में अच्छा-खासा समय
किसी भी पुलिस थाने में जब्ती पश्चात लाए गए वाहन को वाहन चालक की ओर से दस्तावेजों की पूर्तता के उपरांत न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद वापिस लौटाया जाता है. साथ ही अपराधिक मामलो में पकडे गए वाहनों सहित पुराने वाहनों की नीलामी भी अदालती आदेश के बाद की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में अच्छा-खासा समय लगता है.