ब्रजलाल बियाणी संस्था के 4 साल का रिकॉर्ड खंगालेगी पुलिस, मकोका लगेगा
आरोपी अतुल पुरी ने सीपी रेड्डी के सामने कबूला, बियाणी में पैसों के दम पर होती है नियुक्तियां
* संस्था ने आपात बैठक बुलाई, अपना कोई संबंध नहीं रहने का किया दावा
* मुख्य आरोपी प्रशांत राठी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण में
* राठी की तलाश व मामले की जांच हेतु पुलिस ने बनाए 5 दल
* आज या कल मौजूदा व पूर्व अध्यक्ष से पुलिस करेगी पूछताछ
* संस्था में सभी रिकॉर्ड को साफ कर रहा मैनेजमेंट
* प्रिन्सिपल की अनुमति बिना संस्था में परिंदा भी पर नहीं मार सकता
* पीडित व शिकार लोगों से पुलिस ने किया संपर्क का आवाहन, नाम रखे जाएंगे गुप्त
अमरावती/दि.20 – स्थानीय पंचायत समिति इस शिक्षा विभाग में कार्यरत पुंडलिक जाधव नामक व्यक्ति के साथ बियाणी शिक्षा संस्था में लेक्चरर पद पर नियुक्ति की एवज में पैसों के लेन-देन को लेकर कुछ लोगों द्वारा की गई जबर्दस्त मारपीट के तार अब सीधे ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था से जुडते नजर आ रहे है. जाधव नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों में से अतुल पुरी नामक आरोपी को अपनी हिरासत में लिया था. जिसे आज शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी के सामने पेश किया गया. जहां पर अतुल पुरी नामक आरोपी ने खुद सीपी रेड्डी के सामने यह कबूल किया कि, प्रशांत राठी द्वारा ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था में अलग-अलग पदों पर नौकरी दिलाने के लिए कई लोगों से धन उगाही की गई है तथा लाखों रुपयों का आर्थिक लेन-देन करते हुए कई लोगों को संस्था में नौकरी भी दी गई है. जिसका सीधा मतलब है कि, ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था में नियुक्ति देने हेतु पैसों का जबर्दस्त खेल चल रहा था और इस खेल को कई लोगों द्वारा संगठित तरीके से अंजाम दिया जा रहा था. यहीं वजह है कि, अमरावती शहर पुलिस ने अब ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था के विगत 4 वर्ष के रिकॉर्ड को खंंगालने का निर्णय लिया है. साथ ही अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए संगठित तौर पर काम कर करने वाले संस्था से जुडे लोगों के खिलाफ मकोका लगाये जाने की तैयारी भी की जा रही है. ऐसी जानकारी शहर पुलिस से जुडे विश्वसनीय सूत्रों ने विशेष तौर पर दैनिक अमरावती मंडल को दी है.
बता दें कि, पुराना बायपास रोड स्थित राजहील नगर में रहने वाले पुंडलिक जाधव नामक व्यक्ति ने विगत शनिवार 17 फरवरी को फ्रेजरपुरा पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, उसके परिचय में रहने वाले प्रशांत राठी, अतुल पुरी व बबलू झाडे सहित अन्य 4 से 5 लोगों ने 13 फरवरी की दोपहर उसके साथ महादेवखोरी परिसर स्थित एक घर में जमकर मारपीट की थी और उसे कई घंटों तक बंधक बनाकर रखा था. अपनी शिकायत में जाधव ने यह भी बताया था कि, प्रशांत राठी ने उसे ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था में एमएससी बायोलॉजी पदवि प्राप्त लेक्चरर का पद खाली रहने की बात बतायी थी और जाधव ने अपने परिचय में रहने वाली एक महिला का नाम सुझाया था. जिसके उपरान्त 25 लाख रुपए की एवज में नियुक्ति ेदेने की बात तय हुई थी. जिसमें से उक्त महिला व उसके पति ने जाधव की मौजूदगी में प्रशांत राठी को 15 लाख रुपए दिये थे तथा शेष 10 लाख रुपए बाद में देने की बात तय हुई थी. परंतु पैसों का लेन-देन होने के बावजूद भी जब उक्त महिला को नियुक्ति नहीं मिली, तो जाधव ने प्रशांत राठी व अतुल पुरी से इस बारे में पूछताछ करनी शुरु की, तो 13 फरवरी को राठी व पुरी ने जाधव को दस्तूर नगर परिसर में स्थित सोनू बार के पास बुलाया. जहां से उसे महादेवखोरी परिसर स्थित एक घर में ले जाया गया और फिर उसके साथ जमकर मारपीट की गई. इस शिकायत के आधार पर अपराधिक मामला दर्ज करते हुए फ्रेजरपुरा पुलिस ने आरोपियों की तलाश करनी शुरु की थी और अतुल पुरी नामक आरोपी को पकडते हुए अदालत से उसका पुलिस कस्टडी रिमांड प्राप्त किया. वहीं अपने खिलाफ मामला दर्ज होने की जानकारी मिलते ही प्रशांत राठी सहित अन्य आरोपी फरार हो गये. जिसमें से मुख्य आरोपी रहने वाला प्रशांत राठी इस समय नागपुर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है. ऐसी जानकारी भी दैनिक अमरावती मंडल को प्राप्त हुई है. वहीं अमरावती पुलिस ने शिक्षा क्षेत्र से जुडे इस मामले की जांच सहित प्रशांत राठी की तलाश हेतु 5 जांच दल बनाये है.
पुलिस महकमे से जुडे एक बेहद भरोसेमंद सूत्र ने दैनिक अमरावती मंडल को जानकारी देते हुए बताया कि, ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था के 4 साल का रिकॉर्ड खंगालने के साथ ही पुलिस द्वारा आज अथवा कल संस्था के मौजूदा व पूर्व अध्यक्ष को पूछताछ हेतु बुलाया जा सकता है. जिसके लिए शहर पुलिस ने ब्रजलाल बियाणी शिक्षा संस्था की मौजूदा कार्यकारिणी व व्यवस्थापन के नाम पत्र भी जारी किया है. लेकिन वहीं दूसरी ओर अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि, बियाणी शिक्षा संस्था के व्यवस्थापन द्वारा संस्था के पूरे रिकॉर्ड को साफ किया जा रहा है और इस समय प्रिन्सिपल के अनुमति बिना बियाणी कॉलेज व संस्था परिसर में परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
* पैसों का लेन-देन करने वाले सामने आये, नाम रहेगा गुप्त
साथ ही पुलिस ने यह आवाहन भी किया है कि, अब तक जिन-जिन लोगों ने बियाणी शिक्षा संस्था के किसी पदाधिकारी को भारी भरकम राशि अदा करते हुए नौकरी हासिल की है अथवा जिन लोगों को पैसे देने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिली है, वे शहर पुलिस की अपराध शाखा, आर्थिक अपराध शाखा व फ्रेजरपुरा पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते है. इसके साथ ही बियाणी शिक्षा संस्था के पदाधिकारियों से पीडित व पैसों का लेन-देन का शिकार हुए लोग दैनिक अमरावती मंडल के संपादकीय सहयोगी चंद्रप्रकाश दुबे से भी 9545451991 इस मोबाइल क्रमांक पर संपर्क कर सकते है. अमरावती शहर पुलिस एवं दैनिक अमरावती मंडल द्वारा संपर्क करने वाले व्यक्तियों का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा.
* संस्था ने जारी किया हास्यास्पद खुलासा, परसों आपात बैठक बुलाई
इसी बीच बियाणी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश लढ्ढा के हस्ताक्षर के साथ संस्था ने दैनिक अमरावती मंडल के नाम एक स्पष्टिकरण जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि, प्रशांत ठाकुरदास राठी से संस्था का कोई संबंध नहीं है तथा प्रशांत राठी के पास संस्था का कोई भी पद अथवा उत्तरदायित्व भी नहीं है. वहीं दूसरी ओर यह जगजाहीर करते है कि, प्रशांत राठी यह बियाणी शिक्षा संस्था का इससे पहले ज्वॉईंट सेक्रेटरी यानि संयुक्त सचिव रह चुका है तथा लोकल मैनेजमेंट कमिटी (एलएमसी) का अध्यक्ष भी रह चुका है. खास बात यह है कि, खास बात यह है कि, संस्था के अध्यक्ष व एलएमसी के अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रुप से हस्ताक्षर किये जाने के बाद ही संस्था में किसी भी पद पर नियुक्ति होती है. ऐसे में संस्था द्वारा किये गये दावे को पूरी तरह से हास्यास्पद कहा जा सकता है. साथ ही संस्था द्वारा आश्चर्यजनक तरीके से लोगों को ऐसी खबरों से सावधान रहने हेतु भी कहा गया है. उधर अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि, संस्था द्वारा आगामी 22 फरवरी को सुबह 11 बजे संस्था के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों की अर्जेंट मिटींग भी बुलाई गई है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह भी है कि, जब इस पूरे मामले से संस्था का कोई संबंध ही नहीं है, तो फिर आनन-फानन में इस तरह से आपात बैठक बुलाने का क्या औचित्य है.
* बडा रैकेट सामने आने की संभावना
विश्वसनीय सूत्रों द्वारा दैनिक अमरावती मंडल को दी गई जानकारी के मुताबिक अतुल पुरी ने सीपी रेड्डी को यह भी बताया कि, प्रशांत राठी द्वारा नियुक्ति के इच्छूक लोगों से किस तरह पैसों का आर्थिक लेन-देन किया जाता था और आगे चलकर उन पैसों का बंटवारा किस तरह से होता था. जिसके तहत किस-किस व्यक्ति तक कितना पैंसा पहुंचता था, इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच की दिशा को तय किया है. जिसके पूरा होने के उपरान्त पैसों के दम पर नियुक्तिवाले इस खेल के साथ जुडा रहने वाला एक बडा रैकेट सामने आने की पूरी संभावना है. साथ ही अतुल पुरी ने पुलिस को यह भी बताया है कि, पैसों के इस खेल में कई बार पात्र अभ्यर्थी को छोडकर ज्यादा पैसा देने वाले उम्मीदवार को नियुक्ति दी गई. जिससे स्पष्ट कयास लगाया जा रहा है कि, संभवत: इस खेल में शिक्षा विभाग की भी संलिप्तता थी.
* जून 2022 में छिपे है पूरे रहस्य
भरोसेमंद सूत्रों ने दैनिक अमरावती मंडल को यह भी बताया कि, इस पूरे मामले की जडे जून 2022 के साथ जुडी हुई है. उस समय संस्था के ज्वॉईंट सेक्रेटरी रहने वाले प्रशांत राठी ने संस्था में की गई 6 लोगों की नियुक्ति को लेकर शिक्षाधिकारी से शिकायत की थी तथा नियुक्त किये गये लोगों की उम्र अधिक रहने को लेकर आक्षेप उठाया था. जिसके चलते उन लोगों को दिये जाने वाले प्रतिमाह वेतन का अनुदान रुक गया था. जिसके बाद अगले तीन दिन के भीतर संस्था के मौजूदा अध्यक्ष ओमप्रकाश लढ्ढा के साथ ‘मांडवली’ करते हुए प्रशांत राठी ने अपनी शिकायत वापिस ले ली थी और संस्था के नाम बाकायदा एक माफीनामा भी लिखकर दिया था. विशेष उल्लेखनीय है कि, उस समय प्रशांत राठी संस्था की लोकल मैनेजमेंट कमिटी का अध्यक्ष भी हुआ करता था तथा संस्थाध्यक्ष व एलएमसी अध्यक्ष इन दोनों के हस्ताक्षर से ही संस्था के किसी भी पद पर योग्य अभ्यर्थी की नियुक्ति हुआ करती है.
* 42 लाख रुपए में फर्जी पीएचडी धारी की हुई थी नियुक्ति
इस पूरे मामले की अपने स्तर पर की गई पडताल के दौरान दैनिक अमरावती मंडल को यह भी पता चला कि, 2 अगस्त 2023 को संस्था में लाइब्ररी सुपरवाइजर पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति की गई थी. इस पद पर नियुक्ति हेतु पीएचडी की पदवि रहना जरुरी होता है. ऐसे में नियुक्त किये गये व्यक्ति के लिए राजस्थान से पीएचडी की फर्जी डिग्री बनवाकर लाई गई और नियुक्ति का यह मैटर 42 लाख रुपए में सेटल हुआ था. पता चला है कि, पुलिस के पास राजस्थान से बनाकर लाई गई पीएचडी की फर्जी डिग्री की झेरॉक्स पहुंच चुकी है. ऐसे में पुलिस अब लगातार इस मामले में लिप्त लोगों पर अपना शिकंजा कस रही है.