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गुजरते वर्ष 2023 का लेखाजोखा राजनीतिक

बच्चू कडू का जिला बैंक अध्यक्ष बनना रही बडी खबर

* अमरावती ने डॉ. शेखावत साहब के रुप में खोया कर्णधार
* परिषद चुनाव में रणजीत पाटिल की हार, लिंगाडे का उदय
अमरावती/दि. 22- पश्चिम विदर्भ का संभाग मुख्यालय होने के साथ अपने प्रभावी कर्णधारों के बलबूते क्षेत्र एवं राज्य की राजनीति को प्रभावित करने के कारण गुजरते वर्ष 2023 में अमरावती की सियासी हलचले महत्वपूर्ण हो जाती है. वर्ष 2023 को बीतने मात्र 8 रोज रह गए हैं. ऐसे में अमरावती मंडल ने अपनी परंपरा के अनुसार गुजरते वर्ष का लेखाजोखा प्रस्तुत करने का प्रयास आरंभ किया है. राजनीति की बात करे तो अमरावती में दो बडी घटनाएं हुई. प्रहार जनशक्ति पक्ष के विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू बडे ही अनअपेक्षित रुप से जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष बन गए. उससे भी बडी कही जा सकती अनपेक्षित घटना उस समय हुई जब मूल रुप से बुलढाणा निवासी धीरज रामभाउ लिंगाडे ने मविआ प्रत्याशी के रुप में विधान परिषद स्नातक सीट से विजय दर्ज की. उन्होंने फडणवीस केबीनेट में मंत्री रहे अकोला के युवा नेता डॉ. रणजीत पाटिल को परास्त कर सनसनी मचा दी थी. अमरावती के लिए ढेर सारी योजनाएं और प्रकल्प साकार करने वाले नगरी के प्रथम महापौर डॉ. देवीसिंह शेखावत का जाना भी 2023 की बडी घटना रही. डॉक्टर साहब के रुप में लोकप्रिय शेखावत साहब ने 24 फरवरी 2023 को विदा ली.
* पंजाबराव बैंक पर प्रगति का दबदबा
सहकार क्षेत्र में भी गत 12 माह में अनेक संस्थाओं के चुनाव में उलटफेर हुए. मई में जिला बैंक के चुनाव से पहले जनवरी में पंजाबराव देशमुख अर्बन बैंक के चुनाव में मविआ के प्रगति पैनल ने बाजी मार ली. नरेश पाटिल अध्यक्ष और प्रशांत डवरे उपाध्यक्ष चुने गए. 3 जनवरी को आए नतीजे में सभी 17 संचालक पद पर विजय प्राप्त कर प्रगति पैनल ने वर्चस्व सिद्ध किया था. जिससे 20 जनवरी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में औपचारिकता शेष थी. जिससे पाटिल और डवरे ने विजय प्राप्त की. 20 जनवरी को ही अमरावती के युवा नेता धीरज श्रीवास ने जिला प्रमुख सुनील खराटे का पडकर शिवसेना उबाठा में प्रवेश किया. इससे पहले शिवसेना के इसी धडे के लीडर और अकोला जिले के बालापुर के विधायक नितिन देशमुख ने अमरावती एसीबी दफ्तर आकर बयान दर्ज कराया. देशमुख शिवसेना की बगावत दौरान सूरत से भागकर अकोला लौट आए थे.
* पाटिल की पराजय
प्रदेश में भाजपा-शिवसेना शिंदे गट की सरकार बनने के बावजूद अमरावती संभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र विधान परिषद चुनाव में पांसा पलट गया था. 30 जनवरी को हुई वोटिंग को 2 फरवरी को गणना शुरु की गई. दूसरी पसंद के वोट प्राप्त कर मविआ के धीरज लिंगाडे ने धमाका कर दिया.
* मनपा चुनाव का इंतजार बढा
फरवरी में ही अमरावती मनपा के चुनाव की प्रतीक्षा करते हुए एक वर्ष बीत गया था. जिससे चुनाव लडने के इच्छुकों को चुनाव की घोषणा का इंतजार रहा. यह प्रतीक्षा बढती गई. प्रभाग की रचना, संख्या और ओबीसी आरक्षण के बहाने से चुनाव लगातार टल गए. अब नए वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद स्थानीय निकाय के चुनाव की संभावना जानकार देख रहे हैं.
* पवार, देशमुख, ठाकुर एआईसीसी में
विधान परिषद चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी की विजय सुनिश्चित करने से कांग्रेसजनों का जहां पांचों जिलों में मनोबल बढा, वहीं 20 फरवरी को कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति में जिले से भैया पवार, यशोमति ठाकुर, वीरेंद्र जगताप, सुनील देशमुख और बलवंत वानखडे को नियुक्त किया गया. तथापि चार रोज बाद डॉ. शेखावत साहब के निधन का दुखद समाचार भी आया. अमरावती में न केवल कांगे्रस अपितु समस्त जिले ने एक विकासक को खो दिया.
* मार्च में सत्तार, अंधारे, डीसीएम की विजिट
मार्च महीना मध्य प्रदेश के मंत्री तथा भाजपा नेता कैलाश विजय वर्गीय की दो दिवसीय अमरावती भेंट से शुरु हुआ. तथापि विजय वर्गीय ने अपना अलग रुप के दर्शन दिए. वे बडनेरा में कनकेश्वरी देवी की कथा श्रवण एवं देवी जी के अवतरण दिवस समारोह हेतु पधारे. उन्होंने कोई सियासी चर्चा नहीं की. जिले के कृषि महोत्सव के उद्घाटन हेतु कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पधारे. उन्होंने मेलघाट के दुर्गम भागों में जाकर प्रत्यक्ष परिस्थिति का अवलोकन किया. शिवसेना उबाठा नेत्री सुषमा अंधारे की 3 मार्च को जिले के 3 स्थानों पर जनसभाएं हुई. 6 मार्च को डीसीएम और तत्कालीन पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमरावती पधारे थे. कृषि महोत्सव के साथ उन्होंने कई कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज की.

* बजट में अमरावती के लिए खुला पिटारा
9 मार्च को राज्य का बजट अमरावती जिले के लिए सौगाते लेकर आया. खेल अभिमत विश्व विद्यालय, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, शिव चरित्र उद्यान, प्रथम मराठी भाषा विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा हुई. बावजूद इसके पांच रोज पश्चात संगाबा अमरावती विवि व्यवस्थापन परिषद चुनाव में नूटा ने सभी 10 स्थानों पर विजय प्राप्त की.
* मेगा टेक्सटाइल पार्क की घोषणा
17 मार्च को देश भर में 7 स्थानों पर टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाने की घोषणा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. उसमें अमरावती के भी केंद्र का एलान रहा. जिससे यहां औद्योगिक विकास की उम्मीद बढ गई.
* वकील संघ चुनाव में ट्विस्ट
29 मार्च को जिला वकील संघ का चुनाव रोचक हो गया. अध्यक्ष और सचिव पद पर शिरिष जाखड एवं उमेश इंगले चुने गए. उपाध्यक्ष पद को लेकर खींचतान चली और पहली बार रिकॉउंटिंग का सहारा लेना पडा.
* अप्रैल माह में फसल मंडी के संचालक मंडल का प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव हुअिआ जिसमें विधायक यशोमति ठाकुर के नेतृत्व में सहकार पैनल में सभी 17 स्थान जीते और हरिश मोरे तथा भैयासाहब निर्मल सभापति एवं उपसभापति निर्वाचित हुए. ठाकुर की जीत अनेक मायनों में महत्वपूर्ण रहीे, क्योंकि जिले के राजनीति के अनेक दिग्गजों ने अपने पैनल उतारे थे. भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी घोषित हुई. जिसमें जयंत डेहनकर, गजानन कोल्हे, डॉ. नितिन धांडे, राधा कुरिल, प्रशांत देशपांडे को स्थान दिया गया. डेहनकर को अमरावती लोकसभा क्षेत्र प्रभारी बनाया गया. 29 अप्रैल को ही जिले की अग्रणी शिक्षा संस्था ब्रजलाल बियाणी संस्था के चुनाव निर्विरोध हो गए. ओमप्रकाश जी लढ्ढा अध्यक्ष निर्वाचित होने की घोषणा की गई.

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