अमरावती

जनसंपर्क साधने में नेताओं के छूट रहे पसीने

घडी के काटों की तरह चौबीसो घंटे करनी पड रही दौडभाग

अमरावती/दि.14 – किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए दिन के 24 घंटे का समय कम पडता है. तय समय पर किसी नियोजीत स्थान के लिए निकलते समय ही कोई अचानक आकर अपनी व्यथा सुनाना शुरू कर देता है और इसके बाद पुरे दिनभर का नियोजन गडबडा जाता है. ऐसे में समय को संभालने और सभी से संपर्क कायम रखने के लिए राजनेताओं व जनप्रतिनिधियों को अच्छी-खासी दौडभाग करते हुए जमकर पसीना बहाना पडता है, ताकि कहीं कोई नाराज न हो जाये. चूंकि आगामी दिनों में जिला परिषद व महानगरपालिका सहित पंचायत समितियों के चुनाव होनेवाले है. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छुक नेताओं का हर दिन भागमभाम भरा होने लगा है.

एक ही दिन कई शादियां होने से ‘पंचाईत’

पूरे निर्वाचन क्षेत्र में काम करते समय राजनेताओं द्वारा लोगों को अपने साथ जोडने का काम करना होता है. जिसके लिए उनके सुख-दुख में उनके घर भी जाना पडता है. किंतु यदि निर्वाचन क्षेत्र में एक ही दिन शुभ मुहूर्त के चलते एक साथ ढेर सारे विवाह समारोह आयोजीत हो गये, तो सभी स्थानों पर तय समय पर पहुंचने में काफी मुश्किलें आती है. ऐसे वक्त किसके यहां पहले जाये और किसके यहां बाद में यह तय करना भी काफी मुश्किलभरा काम होता है, ताकि इस वजह से कहीं कोई नाराज न हो जाये.

चाय से बढ रहा बीपी व शुगर

निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी कार्यकर्ता के यहां जाने पर संबंधित परिवार द्वारा बडे आग्रहपूर्वक चाय पिलाई जाती है. साथ ही यदि कोई कार्यकर्ता मिलने के लिए भी आया, तो नेताओं द्वारा उसे भी चाय-पानी के लिए पूछा जाता है. ऐसे में एक के बाद एक लगातार चाय का दौर चलने की वजह से शरीर में तय प्रमाण से अधिक शक्कर चली जाती है. जिससे कई बार ब्लडप्रेशर व ब्लडशुगर की समस्या भी पैदा होती है.

व्यायाम होता ही नहीं

पूरे दिनभर के कामकाज का नियोजन करते समय खुद की ओर ध्यान देने के लिए समय ही नहीं बचता और यदि समय निकालकर व्यायाम करने के बारे में सोचा जाये, तो आगे का नियोजन बिगड जाता है. ऐसे में चुनावी गहमागहमी के दौरान राजनेताओं व जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने स्वास्थ्य की ओर काफी हद तक अनदेखी की जाती है. जो आगे चलकर भारी पडती है और कई समस्याओं को भी पैदा करती है.

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