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पटोले के आरोपों पर अमरावती में तपी सियासत

देशमुख बोले हम अलर्ट थे, पोटे ने कहा-पटोले की मानसिक जांच जरुरी

* मामला स्नातक विधान परिषद चुनाव का
अमरावती/दि.16- स्नातक विधान परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता नाना पटोले के सनसनीखेज बयान ने अमरावती संभाग में राजनीतिक गरमाहट ला दी है. कांग्रेस के नेताओं ने पटोले की तरफ से सर्तकता बरतने के कॉल आने तथा ऐसी किसी भी कोशिश से निपटने की तैयारी की प्रतिक्रिया दी. वहीं भाजपा ने पटोले की मानसिक जांच जरुरी बताते हुए कहा कि, देश में ऐसा नहीं होता. 50 क्या 500 करोड के भी प्रलोभन में कोई अधिकारी नहीं आते.
* क्या आरोप लगाए पटोले ने
प्रदेशाध्यक्ष पटोले ने आरोप लगाया कि अमरावती क्षेत्र में विधान परिषद की सीट के अवैध वोट वैध कराने भाजपा नेताओं ने चुनाव अधिकारियों पर दबाव लाया था. उन्हें 50 करोड रुपए तक ऑफर दी गई थी. किंतु पटोले ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कमिश्नर को फोन से चेतावनी दी थी. जिसके कारण नतीजा बदलने का मनसूबा धरा रह गया. नाना पटोले ने कहा कि, आईबी से फोन आने के बाद मैंने तुरंत कमिश्नर को कॉल किया. कमिश्नर को चेतावनी दी कि, यदि कुछ भी गडबडी हुई तो नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. पूरे खानदान को देख लेंगे. मैंने धीरज लिंगाडे से कह दिया था कि, जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही बाहर निकल, ऐसी कहने के लिए मुझे विवश होना पडा. क्योंकि नतीजा बदलने के लिए करोडो रुपए का ऑफर होने की गुप्त सूचना थी
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* सुनील देशमुख बोले हम सावधान थे
इस बारे में अमरावती मंडल ने कांग्रेस के नेता डॉ. सुनील देशमुख से प्रतिक्रिया लेने पर उन्होंने बताया कि, उस रात करीब 9.30 बजे उन्हें पटोलेजी का फोन आया था. जिसके बाद उन्होंने चुनाव संयोजक मिलिंद चिमोटे एवं विलास इंगोले को मतगणना स्थल पर भेजा था. ऐसे ही उन्हें भी अंदर से आ रही जानकारी में पता चला था कि अवैध वोटों को वैध करने के लिए कथित रुप से उपर से अधिकारियों पर दबाव लाया जा रहा है. जिससे उन्होंने उम्मीदवार धीरज लिंगाडे को मैसेज दिया था कि नतीजे में कितना भी विलंब हो जाए, वह प्रमाणपत्र लेने के बाद ही वहां से जाए. देशमुख ने बताया कि भाजपा के मनसूबों को फेल करने के लिए हमने बाकी तैयारी भी कर दी थी. अपने 100-200 कार्यकर्ताओं को अलर्ट रहने और जरुरत पडने पर चुनाव अधिकारियों का घेराव करने की तैयारी रखी थी. पटोले के आरोपो से सहमत या असहमती व्यक्त करने से बचते हुए देशमुख ने कहा कि, पटोलेजी की आयबी अधिकारियों से क्या बातचीत हुई यह उन्हें नहीें पता.

* चिमोटे ने नहीं दी प्रतिक्रिया
चुनाव के संयोजक रहे कांग्रेस नेता मिलिंद चिमोटे ने कहा कि, प्रांताध्यक्ष ने जो कहा, सच कहा होगा. इससे अधिक वे इस बारे में कुछ नहीं बोल सकते. ऐसा ही कांग्रेस नेता विलास इंगोले ने भी अमरावती मंडल व्दारा प्रतिक्रिया पूछने पर कुछ कमेंट नहीं, ऐसा कहा.
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* पोटे बोले-पटोले की मानसिक जांच आवश्यक
पूर्व पालकमंत्री और भाजपा नेता प्रवीण पोटे ने पटोले के आरोपों पर छूटते ही कहा कि, पटोले की मानसिक स्थिति की जांच उन्हें आवश्यक लग रही है. जिस तरह के बयान पटोले दे रहे है. पोटे ने कहा कि, देश में ऐसा कुछ नहीं होता. कोई चुनाव अधिकारी ऐसे नहीं बिकता. अधिकारी है तो, देश चल रहा है. प्रवीण पोटे ने कहा कि, कांग्रेस राज में शायद ऐसा होता रहा होगा. इसीलिए पटोले ऐसे कह रहे हैं. हमने तो 50 करोड नहीं दिए. क्या ऐसा मान लें कि कांग्रेस ने 50 करोड दिए है जिससे नतीजा उनके फेवर में गया है?

* बोंडे ने नहीं दी प्रतिक्रिया
राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने साफ कहा कि, वे इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं देते.

* मुझे सफाई देने की जरुरत नहीं-पांढरपट्टे
नाना पटोले के गंभीर आरोपों पर जब विभागीय आयुक्त और विधान परिषद चुनाव के अधिकारी दिलीप पांढरपट्टे से प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने अमरावती मंडल से कहा कि, मुझे कोई सफाई देने की आवश्यकता नहीं हैं. जब उनसे पूछा गया कि पटोले ने आपको धमकाया. तो उस पर भी पांढरपट्टे ने कहा कि, मुझ पर नहीं पटोले ने भाजपा के लोगों पर आरोप लगाए हैं. मुझे इस मामले में और कुछ नहीं कहना हैं. चुनाव आयोग चाहेगा तो उसे मैं मेरा जवाब दूंगा.

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