* कई पैनलों में परस्पर विरोधी आए एक साथ
अमरावती/दि.18 – करीब 2 वर्ष के बाद जिले की 12 बाजार समितियों के चुनाव होने जा रहे है. जिसके चलते जिले का राजनीतिक वातावरण अच्छा खासा गरमाया हुआ है. फसल मंडियों में सत्ता काबीज करने हेतु सभी राजनीतिक दलों व नेताओं द्बारा हर तरह का समझौता करने की भूमिका अपनाते हुए परस्पर विरोधी लोगों से हाथ मिलाने की तैयारी तक की गई है. यहीं वजह है कि, मंडी के चुनाव हेतु मैदान में उतारे गए कुछ पैनलों में परस्पद विरोधी लोगों को एक साथ देखा जा रहा है.
बता दें कि, जिले में अमरावती-भातकुली, तिवसा, मोर्शी, वरुड, चांदूर बाजार, चांदूर रेल्वे, नांदगांव खंडेश्वर, धामणगांव रेल्वे, अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर व धारणी इन 12 बाजार समितियों के चुनाव आगामी 28 व 30 अप्रैल को होने जा रहे है. सभी फसल मंडियों में नामांकन की प्रक्रिया निपट चुकी है और कुल 216 संचालक पदों हेतु 1119 उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए गए है. 20 अप्रैल तक नामांकन वापिस लिए जा सकते है. जिसके बाद चुनाव को लेकर चित्र स्पष्ट होगा. चूंकि यह चुनाव राजनीतिक दलों द्बारा अपने राजनीतिक चिन्हों पर नहीं लडा जाता. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेता अलग-अलग पैनलों के जरिए अपनी ताकत दिखाने मैदान में उतरते है. साथ ही सहकार क्षेत्र के इस चुनाव में कई बार परस्पद विरोधी राजनीतिक नेताओं द्बारा एक साथ आकर हाथ मिलाते हुए पैनल बनाया जाता है, ताकि वोेटों के समिकरण को साधा जा सके.
* किस राजनीतिक दल की कितनी ताकत?
– कांग्रेस
कांगे्रस पार्टी के जिले में 3 विधायक है. साथ ही इससे पहले जिला परिषद सहित कुछ पंचायत समितियों, नगर परिषदों व अधिकांश बाजार समितियों पर कांग्रेस का वर्चस्व था.
– राष्ट्रवादी कांग्रेस
प्रत्येक स्थानीय स्वायत्त संस्था व सहकारी संस्था में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगर सेवकों व संचालकों का समावेश है. हालांकि राकांपा के पास स्पष्ट बहुमत के साथ कही पर भी सत्ता नहीं है.
– भाजपा
जिले में भाजपा के पास एक विधायक, एक विधान परिषद सदस्य व एक राज्यसभा सदस्य है. इसके साथ ही इससे पहले महानगरपालिका सहित कई नगर परिषदों पर भाजपा की स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता रही है.
– प्रहार
प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो विधायक है. इसके अलावा कई सहकारी संस्थाओं व स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में प्रहार के प्रतिनिधि निर्वाचित है.
– शिवसेना
शिवसेना के इससे पहले जिला परिषद, पंचायत समिति व नगर परिषद में सदस्य और बाजार समिति में संचालक चुने गए थे. लेकिन अब शिवसेना 2 धडों में विभाजीत हो गई है और शिंदे गुट व ठाकरे गुट ऐसे 2 गुट अस्तित्व में है. जिसके चलते पूर्व जनप्रतिनिधि व पूर्व संचालक भी दो खेमों में बटे हुए नजर आ रहे है.
– युवा स्वाभिमान
युवा स्वाभिमान पार्टी से एक सांसद, एक विधायक के साथ ही जिला परिषद, पंचायत समिति, महानगरपालिका व नगर पंचायतों में कई प्रतिनिधि चुने गए है. साथ ही अमरावती-भातकुली फसल मंडी के चुनाव में युवा स्वाभिमान पार्टी द्बारा अपनी जमकर ताकत लगाई जा रही है.
* क्या कहते हैं प्रमुख नेता
फोटो – बबलू देशमुख
सभी बाजार समितियों में कांग्रेस का सहकार पैनल है और सभी जगहों पर अलग-अलग गुट हमारे साथ है. ऐसे में हम कम से कम 10 फसल मंडियों में शानदार जीत हासिल करते हुए वहां अपनी सरकार बनाने जा रहे है.
– बबलू देशमुख,
जिलाध्यक्ष कांग्रेस
प्रत्येक बाजार समिति में अलग-अलग गुटों के साथ हमारी युती है. एक-दो दिन में सभी स्थानों पर उम्मीदवार निश्चित करते हुए पैनल सेट हो जाएंगे. इस बार कम से कम 6 से 7 बाजार समितियों हमारे कब्जे में रहेगी.
– निवेदिता चौधरी,
जिलाध्यक्ष, भाजपा
हम कुछ तहसीलों में स्वतंत्र तौर पर तथा कुछ तहसीलों में स्थानीय गुटों के साथ युती करते हुए चुनाव लड रहे है. इसके जरिए हम अधिक से अधिक बाजार समितियों मेें जीत हासिल करेंगे.
– छोटू महाराज वसू,
जिलाध्यक्ष, प्रहार
सहकार क्षेत्र को केंद्र सरकार द्बारा खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके खिलाफ महाविकास आघाडी एकजूट हो गई है. सभी बाजार समितियों में मित्र दलों के साथ हमारा पैनल है. साथ ही कुछ स्थानीय गुट भी हमारे साथ है. इसके चलते सभी स्थानों पर हमारी जीत होगी.
– नाना नागमोते,
सहसंपर्क प्रमुख, शिवसेना उबाठा