अमरावती

मेलघाट में सोलर हायमास्ट लाइट का काम निकृष्ट दर्जे का

महाऊर्जा विकास अभिकरण ने किया मामला उजागर

धारणी/चिखलदरा/दि.22 – जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग व्दारा वन राजस्व योजना अंतर्गत मेलघाट आदिवासी बहुल क्षेत्र में हायमास्ट सोलर लाइट के माध्यम से आदिवासियों को अंधरे से मुक्त करने हेतु शासन व्दारा निधि मंजूर की गई थी. किंतु आदिवासियों का अंधेरा तो दूर नहीं हुआ बल्कि ठेकेदारों के घरों में उजाला हुआ. ठेेकेदार व्दारा सोलर लाइट हायमास्ट के काम निकृष्ट दर्जे के किए जाने की जानकारी प्रकाश में आयी. इस संदर्भ में रिपोर्ट विभागीय महाव्यवस्थापक महाराष्ट्र ऊर्जा विकास अभिकरण व्दारा दिए जाने पर जि.प. में खलबली मच गई.
जिले के चिखलदरा व धारणी दोनो ही तहसीलें आदिवासी बहुल है. जिले की अन्य तहसीलों की अपेक्षा अभी भी यह क्षेत्र पिछडा है. इन क्षेत्रों का पिछडापन दूर करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार व्दारा हमेशा ही प्रयास किए जाते रहे है. इन आदिवासी बहुल क्षेत्र के आदिवासी नागरिकों के जीवन में प्रकाश लाने हेतु और उन्हें अंधेरे से मुक्त करने हेतु जिला परिषद समाज कल्याण विभाग व्दारा हायमास्ट सोलर लाइट के लिए साल 2018-19 में 30 लाख रुपए की निधि उपलब्ध करवायी गई थी.
दोनो ही तहसीलों में सोलर हायमास्ट लाइट के काम का ठेका औरंगाबाद स्थित स्पेस सोलर कंपनी को दिया गया था. स्पेस सोलर कंपनी को यह काम महाराष्ट्र ऊर्जा विकास अभिकरण के निकष अनुसार किया जाना था. किंतु कंपनी व्दारा चिखलदरा व धारणी इन दोनो ही तहसीलों में निकृष्ट दर्जे का काम किया गया साथ ही सोलर हायमास्ट के अनेको उपकरण भी नहीं लगाए जाने की जानकारी प्रकाश में आयी है. अब जि.प. प्रशासन क्या कार्रवाई करता है इस पर सभी की निगाह लगी हुई है.

समाज कल्याण अधिकारी पर राजनीतिक दबाव

धारणी व चिखलदरा तहसील में सोलर हायमास्ट लाइट के कामों के बिल निकालने के लिए एक राजनीतिक पदाधिकारी व्दारा तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी दिपा हेरोले व सुधीर जिरापुरे इन दोनो ही अधिकारियों पर दबाव डालने की जानकारी सूत्रों व्दारा प्राप्त हुई है. इन दोनो ही अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडा अब विद्यमान समाज कल्याण अधिकारी राजेंद्र जाधव पर भी बिल निकालने हेतु दबाव डाले जाने की जानकारी सूत्रों व्दारा प्राप्त हुई है.

मेडा के नियमानुसार नहीं हुआ काम

जिला परिषद की सूचना के अनुसार जब सोलर हायमास्ट काम की जांच की गई तब पाया गया कि यह काम मेडा के नियमानुसार नहीं किया गया. जिसमें रिपोर्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी जि.प. प्रशासन को दी गई.
– प्रफुल्ल तायडे, विभागीय महाव्यवस्थापक मेडा

जि.प. विद्युत विभाग के नियमानुसार किया काम

सोलर हायमास्ट के काम में मेडा के निकष का इस्तेमाल नहीं किया गया. बल्कि जिला परिषद विद्युत विभाग के नियमानुसार काम किया गया. ऐसा कंपनी व्दारा कहा जा रहा है.
– दयाराम काले, सभापति समाजकल्याण विभाग

काम के बिल न निकाले जाए

विद्युत उपकरणों का काम करते समय मेडा का मानक सर्वोच्च माना जाता है. उसी के अनुसार काम करना आवश्यक था किंतु कामों में अनियमितता दिखाई दी. ऐसा आरोप मेडा ने लगाया है जिसमें अब कामों के बिल न निकाले जाए.
– शरद मोहोड, जि.प. सदस्य

जांच कर आगे की जाएगी कार्रवाई

मेडा की रिपोर्ट अनुसार उनके निकष व्दारा काम नहीं हुआ. कंपनी ने किस शर्त के अधीन रहकर यह काम किया इसकी जांच की जाएगी और उसके पश्चात ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
– अविशांत पांडा,
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जि.प. अमरावती

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