अमरावती

पूर्णा नदी में छोडा जाएगा पूर्णा प्रकल्प का पानी

बांध की सुरक्षा के लिए दरवाजों की करनी है दुरुस्ती

चांदूर रेल्वे/दि.11- बारिश के मौसम दौरान पूर्णा मध्यम प्रकल्प में रहने वाले जलसंग्रह तथा बांध में होने वाली पानी की आवक को देखते हुए बांध की सुरक्षा के लिए बांध के दरवाजों की दुरुस्ती करना बेहद जरुरी है. जिसके चलते इस समय बांध में रहने वाले जलसंग्रह को दरवाजों के नीचले स्तर पर लाना जरुरी हो गया. ऐसे में बांध में जमा पानी को बांध के दरवाजे खोलकर पूर्णा नदी के जलपात्र में छोडने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत 11 से 20 मई तक पूर्णा नदी में पूर्णा प्रकल्प का पानी छोडा जाएगा. इसके चलते पूर्णा नदी के किनारे रहने वाले सभी गांवों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है.
जानकारी के मुताबिक आज 11 मई को सुबह 11 बजे से पूर्णा मध्यम प्रकल्प से जलविसर्ग शुरु किया गया है. जिसके तहत बांध से नदी में प्रति सेकंड 40 घनमीटर पानी छोडा जा रहा है. यह जलविसर्ग आगामी 20 मई तक लगातार जारी रहेगा. हालांकि बांध के दरवाजों के नीचले स्तर तक जलस्तर पहुंचने पर इससे पहले भी जलविसर्ग को रोका जा सकता है. ऐसे में अगले कुछ दिनों तक पूर्णा नदी के जलपात्र में जलस्तर बढा हुआ रहेगा. साथ ही नदी में बाढ सदृश्य स्थिति भी बन सकती है. जिसके मद्देनजर नदी किनारे बसे गांवों को पहले ही जीवित व वित्तहानि टालने के लिए सतर्क रहने के लिए कहा गया है. साथ ही इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया गया है.
पूर्णा नदी के किनारे स्थित गांवों में पटवारियों व ग्रामपंचायतों के लिए पहले ही जलविसर्ग की पूर्व सूचना दी जा चुकी है. साथ ही नदी किनारे बसे गांवों में रहने वाले सभी लोगों द्बारा सजग रहकर सूचनाओं का पालन करना बेहद जरुरी है. ताकि अचानक पैदा होने वाली बाढ सदृश्य स्थिति के दौरान जीवित व वित्तहानि को टाला जा सके.
– प्रथमेश मोहोड,
प्रभारी तहसीलदार,
चांदूर बाजार

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