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आरोपियों के मोबाइल से मिले अश्लील वीडियो

मठ में नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला

अमरावती/दि. 22 – विगत 19 फरवरी को शिरखेड पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रिद्धपुर स्थित एक मठ में 17 वर्षीय नाबालिग युवती के साथ मठ के प्रमुख बाबा व अन्य दो लोगों द्वारा लंबे समय तक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया था. जिसके उक्त 17 वर्षीय नाबालिग युवती गर्भवती हो गई थी. इस मामले के उजागर होते ही पुलिस ने पीडिता के मामा व मौसी सहित मठ के महंत व एक सेवाधारी को गिरफ्तार करते हुए चारों आरोपियों के मोबाइल भी जब्त किए थे. जिसमें से एक मोबाइल में पीडिता के साथ दुराचार से संबंधित कुछ आपत्तिजनक वीडियो व अश्लील फोटो भी पाए गए है, ऐसी जानकारी सामने आई है.
बता दें कि, शिरखेड पुलिस ने इस मामले में पीडिता के मामा निखिल कापसे, मठ प्रमख सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर व नांदेड निवासी बालासाहब देसाई सहित पीडिता की मौसी के खिलाफ सामूहिक दुराचार व पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें अदालत में पेश करने पर अदालत ने चारों आरोपियों को 24 फरवरी तक शिरखेड पुलिस के कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया. ऐसे में शिरखेड पुलिस ने चारों आरोपियों को अपनी कस्टडी में लेते हुए उनसे इस मामले को लेकर बेहद कडाई के साथ पूछताछ करनी शुरु की है. इसी दौरान पुलिस ने चारों आरोपियों के मोबाइल हैंडसेट को खंगालते हुए आरोपियों व फिर्यादी के मोबाइल डेटा रिकॉर्ड की भी जांच की. जिसके जरिए पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां व सुराग मिले. साथ ही एक आरोपी के मोबाइल से पीडिता के साथ हुए अतिप्रसंग के संबंधित आपत्तिजनक वीडियो व कुछ बेहद अश्लील फोटो भी पाए गए.

‘उस’ डॉक्टर के रजिस्टर को किया जाएगा जब्त
बता दें कि, तीन लोगों द्वारा सतत किए जानेवाले दुराचार के चलते गर्भवती हुई पीडिता को पेट में तकलीफ होने पर सबसे पहले स्वास्थ जांच के लिए चांदुर बाजार के एक निजी डॉक्टर के यहां ले जाया गया था और उस निजी डॉक्टर ने पीडिता की सोनोग्राफी जांच करते हुए उसके गर्भवती रहने की जानकारी दी थी. परंतु पीडिता के नाबालिग रहने के बावजूद संबंधित डॉक्टर ने इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति को नहीं दी थी. ऐसे में अब पुलिस एवं बाल कल्याण समिति द्वारा उक्त डॉक्टर के दवाखाने में रहनेवाले रजिस्टर को जब्त करते हुए इस बात की जांच की जा रही है कि, उस रजिस्टर में पीडिता की उम्र कितनी दर्शायी गई है.

* बाल कल्याण समिति भी पहुंची ‘ऑन द स्पॉट’
– इस बीच बाल कल्याण समिति ने रिद्धपुर स्थित मठ में जाकर घटनास्थल का मुआयना किया और पाया कि, पीडिता के कहे मुताबिक मठ के तलघर में कितनी भी चीखपुकार करने पर उसकी आवाज बाहर सुनाई नहीं देती.
– बाल कल्याण समिति ने पीडिता की मां से पूछताछ करते हुए जानना चाहा कि, उन्हें उनकी बेटी में हुए शारीरिक बदलाव ध्यान में कैसे नहीं आए, तो पीडिता की मां ने बताया कि, वह इस मठ में कभीकभार ही अपनी बेटी से मिलने के लिए आती है. ऐसे में वे इस बात की ओर ध्यान नहीं दे पाई.
– इसके अलावा बाल कल्याण समिति ने यह भी पाया कि, खुद को स्वयंघोषित मठाधीश बतानेवाले सुरेंद्रमुनी तलेगांवकर का यह मठ पूरी तरह से अनधिकृत है.

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