-
आलाडोह, मडकी, मोथा खटकाली के किसान कर रहे खेती
चिखलदरा/दि.20 – पर्यटन स्थल चिखलदरा में किसान इन दिनों स्ट्राबेरी की फसल ले रहे है और मालामाल हो रहे है. चिखलदरा से सटे आलाडोह, मडकी, मोथा के छह किसान स्ट्राबेरी की खेती से मालामाल हो चुके है. आलाडोह के किसान नारायण ने बताया कि एक एकड स्ट्राबेरी की बुआई के लिए करीब 2 लाख रुपए खर्च आता है. उसके बदले 3 लाख रुपए की आय आसानी से हो जाती है. यह एक परिवार को पालने के लिए काफी होती है.
धीरे-धीरे इस परिसर में स्ट्राबेरी की बुआई का चलन बढ रहा है. नगद फसल माने जाने वाली स्ट्राबेरी की फसल से परिसर के किसानों की माली हालत बदल चुकी है. यह फसल सितंबर से अप्रैल के माह के बीच होती है. जानकारी के अनुसार स्ट्राबेरी की खेती में गोबर की खाद का महत्व अधिक रहता है और यह खाद किसानों को आसानी से उपलब्ध हो जाती है. चिखलदरा का तापमान भी इस फसल के लिए पोषक है. स्ट्राबेरी में विटामिन सी होता है इसमें कैलरी भी कम होती है इसका सेवन वजन कम करने के लिए भी किया जाता है.
इसके अलावा स्ट्राबेरी में कैंसर प्रिवेंटिव गुण भी मौजूद है जो कैंसर से बचने के लिए प्रभावी है. स्ट्राबेरी के सेवन से हड्डियां भी मजबूत रहती है साथ ही ब्लडप्रेशर भी नियंत्रित रहता है. स्ट्राबेरी की फसल के लिए सरकार व्दारा आदिवासी किसानों को अनुदान दिया गया और साथ ही प्रशिक्षण भी दिया गया. परिसर के किसानों के लिए आज स्ट्राबेरी की फसल संजीवनी साबित हुई है. यहां पर आने वाले पर्यटक भी स्ट्राबेरी को पंसद कर रहे है.