अमरावती

मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प लेें

प्र-कुलगुरु डॉ. विजय कुमार चौबे का प्रतिपादन

* विद्यापीठ के छात्रालय में नेत्रदान दिवस
अमरावती /दि.13- रक्तदान व नेत्रदान सर्वश्रेष्ठ दान हैं. नेत्रदान से नेत्रहीन व्यक्ति का जीवन प्रकाशमय हो जाता हैं. जिससे प्रत्येक विद्यार्थी मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प करे, ऐसा प्रतिपादन संत गाडगे बाबा विद्यापीठ के प्र-कुलगुरु डॉ. विजय कुमार चौबे ने व्यक्त किया. वे कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे की अगुवाई में विद्यापीठ में विश्व नेत्रदान दिन के अवसर पर विद्यार्थियों में नेत्रदान के प्रति जनज ागृती हो, इस उद्देश्य को लेकर आयोजित विद्यापीठ के छात्रालय में कार्यक्रम में बोल रहे थे.
कार्यक्रम में गृहविज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. वैशाली धनविजय, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. स्मिता थोरात, वार्डन डॉ. मनीषा कोडापे, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदूरकर, छात्रालय समन्वयक चंद्रशेखर लोखंडे उपस्थित थे. डॉ. चौबे ने अपने मार्गदर्शन में आगे कहा कि, नेत्रहीन व्यक्ति की भावना और वेदना प्रत्येक विद्यार्थी ने समझनी चाहिए. मनुष्य के अवयव का सर्वाधिक महत्व हैं. नेत्रदान से दृष्टिहीन व्यक्ति का जीवन प्रकाशमय हो जाता है ऐसा उन्होंने अपने मार्गदर्शन में कहा. इस अवसर पर विद्यार्थियों को नेत्रदान संकल्प की प्रतीज्ञा भी दिलवाई गई.
इस अवसर पर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. स्मिता थोरात ने विद्यार्थियों से मरणोपरांत नेत्रदान करने का आवाहन करते हुए कहा कि, नेत्रदान के पश्चात मरने के बाद भी दुनिया देखी जा सकती है, इसलिए नेत्रदान करे. कार्यक्रम का प्रास्ताविक डॉ. कोडापे ने रखा तथा संचालन राधिका धोत्रे व पृथ्वीराज गावंडे ने किया तथा आभार चंद्रशेखर लोखंडे ने माना. कार्यक्रम में छात्रालय की छात्र, छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित थी.

नेत्रदान की ली प्रतिज्ञा
विद्यापीठ के छात्रालय में आयोजित विश्व नेत्रदान दिन के अवसर पर कार्यक्रम में प्र-कुलगुुरु विजयकुमार चौबे ने सभी छात्र, छात्राओं को नेत्रदान संकल्प की प्रतिज्ञा दिलाई. इस समय मरणोपरांत 13 छात्रों व 21 छात्राओं ने नेत्रदान का संकल्प लिया.

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