धामणगांव रेलवे/ दि.३१ -वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए शहर के विविध मार्गों पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाते है. लगभग दो वर्षों पूर्व शहर की मुख्य सडकों पर रबरी स्पीड ब्रेकर लगाए गए थे, किंतु अब इन स्पीड ब्रेकर्स की अत्यंत दुरावस्था हो गई है. ये स्पिड ब्रेकर उखड जाने के कारण वाहनों की गति कम होने की बजाय बढ गई है. स्पीड ब्रेकर को बचाने के चक्कर में कई बार दुर्घटना भी हो रही हैं. इन स्पीड ब्रेकर्स के उखड जाने से सडक पर लगे नट बोल्ट दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं. इन गतिरोधकों पर लगे रबर अनेक स्थानों से गायब नजर आते हैं. इसीलिए अनेक स्थानों पर इन गतिरोधकों की अत्यंत दुरावस्था हो गई है. नगर परिषद को इस ओर ध्यान देने की मांग की जा रही है. शहर की हीराबाई गोयनका शाला, शिवाजी चौक, सेफला हाईस्कूल के समीप की सडकों पर स्पीड ब्रेकर लगे हैं. इन स्थानों पर वाहनों की गति कम करने के लिए स्पीड ब्रेकर्स की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि यहां से दुपहिया, चौपहिया वाहन फर्राटे से निकल जाते हैं. शालेय बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए इन पर नियंत्रण रखना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए इनके नियंत्रण के लिए योग्य नियोजन करके शास्त्रीय पध्दति से स्पीड ब्रेकर लगाए जाने चाहिए. ‘आगे गतिरोधक है’ ऐसा सूचना फलक भी दिखाई नहीं देता. उसी प्रकार उन ब्रेकर्स पर नियमानुसार योग्य सफेद रंग के पट्टे नहीं होने के कारण स्पीड ब्रेकर दिखाई नहीं पडते. वाहन धारकों को स्वयं का और दूसरों के प्राणों को खतरा न पहुंचे, ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए. इसी संकल्पना पर मुख्य सड़कों पर स्पीड ब्रेकर लगाए जाते हैं. सडकों पर दुर्घटनाएं बढने पर नागरिकों की मांग के अनुरूप वहां गतिरोधक लगाए जाते हैं. इस अस्थायी उपाय के कारण नागरिकों का रोष तो कम हो जाता है, किंतु अशास्त्रीय पध्दति के गतिरोधकों के दीर्घकालीन नुकसान को ध्यान में नहीं लिया जाता. कौन सी जगह पर कौन से प्रकार के गतिरोधक आवश्यक हैं, इसका गंभीरता से विचार नहीं किया जाता.