* मौसम विभाग तज्ञ ने व्यक्त किया अनुमान
अमरावती/दि.26 – अफगाणिस्तान पर चक्रावाती हवा के स्वरुप में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है. इस वजह से राजस्थान पर 1.5 किमी उंचाई पर चक्रावाती हवा बह रही है. इस तरह ईशान्य अरबी समुद्र से नैरुत्य उत्तर प्रदेश तक कम दबाव की द्रोणीय स्थित निर्माण हुई है. तमीलनाडू के 900 मिटर उंचाई पर चक्रावाती हवा होने के कारण आगामी 31 जनवरी तक आसमान में बादल मंडराएंगे. विदर्भ के कुछ क्षेत्रों में मामूली बारिश होगी, ऐसा अनुमान श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विभाग तज्ञ प्रा. अनिल बंड ने व्यक्त किया है.
आगामी 5 दिनों तक मौसम विभाग की स्थिति के कारण अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम जिले में कुछ जगह मामूली बारिश होने की संभावना है. 31 जनवरी तक विदर्भ समेत मध्य भारत में कहीं कहीं हलकी बारिश होने की संभावना भी प्रा. बंड ने व्यक्त की है. उत्तर और दक्षिण भारत में तापमान में बदलाव होने की शुरुआत हो चुकी है. राज्य में ठंड का असर काम होने की शुरुआत कहीं जा सकती है. बंगाल के उपसागर और समीपस्थ ओडिसा, बंगाल राज्य में जमीन से सामान्य तौर पर डेढ से 3 किमी तक चक्रावाती हवा बहती हुई दिखाई दे रही है. जिसके कारण ठंडी हवा जमीन पर आद्रता लेकर प्रवेश कर रही है. दूसरा कारण तापमान का फर्क आद्रता के अनुसार बढने के लिए पूरक साबित हो रहा है. उत्तर की ओर जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड राज्य मेें बारिश और बर्फबारी होने की संभावना कायम है और हिमालय के तलाठी क्षेत्र के राज्य जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश में ठंड के साथ बारिश होने की संभावना दिखाई दे रही है. तापमान में बदलाव होने का सबसे ज्यादा परिणाम मध्य भारत पर होता हुआ दिखाई दे रहा है. इस वजह से मौसम के बदलाव के कारण विदर्भ में आगामी 5 दिनों तक बादलों के मंडराने और कुछ जगह बारिश के संकेत भी मौसम विभाग ने दिए है. ऐसा वातावरण जनवरी अंत तक बना रहेगा. फरवरी में बादलों के साथ बारिश की शुरुआत होगी. कुछ जगह ओलावृष्टि होने की संभावना भी है. राज्य में जलगांव, औरंगाबाद, बुलढाणा, बीड, उस्मानाबाद, सातारा, पूणे, कोल्हापुर और कर्नाटक, सीमावर्ती क्षेत्र के तहसीलों में बादलों की स्थिति रहेंगी. परंतु बारिश की संभावना कम है, ऐसा भी व्यक्त किया गया.