नई दिल्ली /दि. २७- महंगाई का सामना कर रहे आम नागरिकों को अब राहत मिलने की संभावना दिखाई देर रही है. गेहूं की दरों में गिरावट आ सकती है. व्यापार जगत और बाजार सूत्रों ने दी जानकारी के अनुसार खुले बाजार में ३० लाख टन गेहूं बिक्री करने संबंध में सरकार ने लिए फैसले से गेहूं और गेहूं के आटे की कीमत ४ से ६ रुपए से कम हो सकती है. बिजनेस स्टँडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने बुधवार को अपने बफर स्टॉक में से ३० लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की. यह गेहूं भारतीय खाद्य महामंडल (एफसीआई) के माध्यम से आनेवाले दो महिने में विक्रय किया जाएगा. इसके साथ ही आटा चक्की मालिकों को गेहूं का आटा ई-नीलामी द्वारा बेचा जाएगा. गेहूं की कीमतों में काफी गिरावट होने की संभावना काफी कम दिखाई देती है. २०२३-२४ अप्रैल से मार्च के लिए कीमतें २१.२५ रुपए प्रति किलो इस न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रहेंगी. केंद्र सरकार २०२३-२४ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दर से अधिक बोनस घोषित नहीं करता तब तक नए मार्केटिंग सीजन में स्टॉक फिरसे भरना केंद्र का कार्य कठिन हो सकता है, ऐसा बाजार सूत्रों ने बताया. एक बार नया गेहूं बाजार में आने शुरुआत हुई तो उत्पादन अच्छा होने पर मध्य प्रदेश छोडकर सभी उत्पादक राज्यों में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीचे आ सकती है, ऐसा अन्य लोगों का कहना है. वहीं देश के प्रमुख शहरों में बुधवार को गेहूं की औसतन कीमत ३३.४३ रुपए प्रतिकिलो थी तथा पिछले साल यह कीमत २८.२४ रुपए प्रतिकिलो थी. उस समय गेहूं के आटे का औसतन दाम ३७.९५ रुपए प्रतिकिलो दर्ज किया गया. पिछले साल यह दर ३१.४१ रुपए प्रतिकिलो था.