
* 296 कुओं का होगा अधिग्रहण
अमरावती /दि. 10– इस वर्ष फरवरी माह से ही गर्मी का असर तेज हो जाने के चलते भूजल स्तर में बडी तेजी के साथ कमी आ रही है. जिसके चलते मार्च माह के अंत से लेकर जून माह तक 381 गांवों में जलकिल्लत की स्थिति निर्माण होने की संभावना है. जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 555 उपाययोजनाओं को प्रस्तावित किया है. जिसमें सर्वाधिक 296 निजी कुओं के अधिग्रहण पर जोर दिया गया है. हालांकि जलकिल्लत प्रारुप के नियोजन में इस बार थोडी देरी हुई है,जिसके चलते इस वर्ष गर्मी के मौसम में जलकिल्लत को लेकर काफी हद तक आपातकालिन स्थिति रहने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि, गत वर्ष औसत से अधिक बारिश होने के चलते 10 तहसीले के भूगर्भिय जल स्तर में अच्छी-खासी वृद्धि हुई थी. जिससे मार्च माह तक जलकिल्लत की तीव्रता का एहसास नहीं हुआ. परंतु फरवरी महिने से ही गर्मी की दाहकता बढ जाने के चलते जल स्तर में काफी तेजी से कमी आ रही है. वहीं दूसरी ओर जलकिल्लत प्रारुप का नियोजन करने में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग काफी हद तक लेटलतिफ साबित हुआ और जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई फटकार के बाद उपाययोजनाओं का प्रारुप निश्चित हुआ. परंतु अब कामों के बजट सहित तकनीकी व प्रशासकीय मान्यता की प्रक्रिया चलेगी. जिसके चलते जलकिल्लत प्रारुप के उपायों को लेकर काम शुरु होते-होते गर्मी का मौसम बितकर बारिश के मौसम का समय आ जाएगा.
* खारपाणपट्टे में जलकिल्लत का नियोजन नहीं
गर्मी के मौसम दौरान भातकुली, चांदुर बाजार व अंजनगांव सुर्जी तहसील के एक भी गांव में जलकिल्लत नहीं रहने का अजबगजब निष्कर्ष इस प्रारुप में तय किया गया है. जबकि इसमें से दो तहसीले खारपाण पट्टेवाली है. जहां पर प्रति वर्ष ही गर्मी के मौसम दौरान जलकिल्लत वाली स्थिती रहती है. परंतु इस बार इन तीनों तहसीलों को छोडकर जिले की शेष 11 तहसीलों के लिए जलकिल्लत प्रारुप का नियोजन किया गया है.
* धारणी तहसील में 1.55 करोड का खर्च
गर्मी के मौसम दौरान 11 तहसीलों के 381 गांवों में 555 योजनाओं पर 8.43 करोड रुपयों का खर्च होना है. जिसमें से अकेले धारणी तहसील के 96 गांवों में 127 उपाययोजनाएं की जाएंगी. जिन पर सर्वाधिक 1.54 करोड रुपयों का खर्च होना है. इसके अलावा वरुड तहसील में 1.54 करोड व धामणगांव तहसील में 99 लाख रुपयों का खर्च जलकिल्लत संबंधि उपाययोजनाओं पर किया जाएगा.
* 20 लघु प्रकल्प अभी से सूखने लगे
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिले के कई लघु प्रकल्प का जलसंग्रहण स्तर अभी से ही काफी नीचे जा चुका है और कुछ जलसंग्रह तो काफी हद तक सूख भी चुके है. इस समय पिंपलगांव में 0.67 फीसद, गावलान डोह में 12.23 फीसद, बोबदो में 6.89 फीसद, बेरदा में 4.72 फीसद, गंभेरी में 3.25 फीसद, जुटपानी में 11.10 फीसद, रंभाग में 11 फीसद जलसंग्रहण शेष है. वहीं जलका, बेलसावंगी व साद्राबाडी जैसे लघु प्रकल्प लगभग सूख चुके है.
* जलकिल्लत समीक्षा बैठक में देरी से आना भारी पडा
– उपअभियंता व चार कनिष्ठ अभियंताओं को शोकॉज
जहां एक ओर जिले के कई हिस्सो में संभावित जलकिल्लत को लेकर स्थिति गंभीर होती दिखाई दे रही है, इससे निपटने के लिए प्रशासन द्वारा उपाययोजना करने हेतु ठोस कदम उठाए जा रहे है. वहीं दूसरी ओर इससे संबंधित विभाग के अधिकारियों में इस विषय को लेकर कोई गंभीरता नहीं देखी जा रही है. ऐसे में विगत 7 मार्च को जलकिल्लत की समीक्षा व उपाययोजनाओं के नियोजन को लेकर बुलाई गई बैठक में देर से आनेवाले व गैरहाजीर रहनेवाले एक उपअभियंता व 4 कनिष्ठ अभियंताओं को जिला परिषद की सीईओ संजीता महापात्र ने शोकॉज नोटिस जारी की है.
पता चला है कि, चिखलदरा स्थित स्वास्थ प्रशिक्षण केंद्र में शुक्रवार को सुबह 11 बजे जलकिल्लत को लेकर बैठक आयोजित थी. जिसकी पूर्वसूचना चिखलदरा जलापूर्ति उपविभाग के उपअभियंता तथा उनके अधिनस्त कनिष्ठ अभियंताओं को दे दी गई थी. ऐसे में संबंधित अधिकारियों का तय समय पर बैठक हेतु उपस्थित रहना अपेक्षित था. परंतु जहां एक ओर जिप सीईओ संजीता महापात्र बैठक के लिए अमरावती से चिखलदरा ‘ऑन टाईम’ पहुंच गई थी वहीं उपअभियंता सतीश खाटकर बैठक शुरु होने के बाद बैठक में पहुंचे. ऐसे में सीईओ महापात्र ने उपअभियंता खाटकर को जमकर आडे हाथ लेते हुए उन्हें ‘ऑन द स्पॉट’ शोकॉज नोटिस जारी कर दी. जिसके जरिए उपअभियंता खाटकर से इस बात का खुलासा मांगा गया है कि, पूर्वसूचना दिए जाने के बावजूद वे बैठक में समय पर उपस्थित क्यों नहीं हुए.
* तीन कनिष्ठ अभियंताओं की रही गैरहाजिरी
इस बैठक में जलापूर्ति विभाग के तीन स्थानीय कनिष्ठ अभियंताओं के गैरहाजिर रहने की बात ध्यान में आते ही जिप सीईओ संजीता महापात्र ने बैठक में अनुपस्थित रहनेवाले कनिष्ठ अभियंता राहुल लटपटे, विशाल ठाकरे, संघर्ष घडेकर को भी कारण बताओ नोटिस जारी की है और उनसे बैठक में अनुपस्थित रहने की वजह को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. जिसके चलते इस समय जिप प्रशासन में अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है.
* मेलघाट की जलकिल्लत को लेकर सीईओ गंभीर
जलकिल्लत जैसे संवेदनशिल विषय और वरिष्ठों के निर्देश को संबंधित अधिकारियों द्वारा बिलकुल भी गंभीरता से नहीं लिए जाने की बात सामने आई है. जिसे प्रशासनिक रुप से बेहद गंभीर तथा प्रशासकीय व अनुशासन भंग की कार्रवाई हेतु पात्र रहने की बात सीईओ संजीता महापात्र द्वारा शुक्रवार को जारी की गई नोटिस में कही गई है. आदिवासी बहुल मेलघाट की चिखलदरा व धारणी तहसील में जलकिल्लत की समस्या को सीईओ संजीता महापात्र ने काफी गंभीरता से लिया है.