शहर मे पोस्टरों की भरमार, प्रचार को लेकर शुरु हुआ ‘वॉर’
चुनाव लडने के इच्छुकों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड
* खोडके, देशमुख व गुप्ता दिख रहे मुख्य चुनावी रेस में
* तीनों ने जनसंपर्क का जमकर मोर्चा खोला
* मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी दावेदारी को लेकर उठ रही आवाज
* इस बार शहर में दिखाई दे सकता है चौकोनी मुकाबला
अमरावती/दि.14 – अब एक दो दिन में ही विधानसभा चुनाव की आचार संहिता घोषित हो सकती है. यद्यपि अब तक महाविकास आघाडी और राज्य की सत्ताधारी महायुति में शामिल घटक दलों के बीच अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत तय नहीं हुई है. लेकिन इसके बावजूद दोनों गठबंधनों में शामिल घटक दलों के इच्छुक प्रत्याशियों ने अभी से ही विधानसभा चुनाव लडने को लेकर अपनी-अपनी तैयारियां शुरु कर दी. जिसके तहत चुनाव लडने के इच्छुकों द्वारा आम जनता के बीच अपनी पहुंच व पैठ बनाने के लिए विगत करीब एक-डेढ माह से ही अपने निर्वाचन क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर खुद के छायाचित्र वाले बैनर व पोस्टर लगाने शुरु कर दिये गये. जिसके तहत अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में भी विगत एक माह से यह पोस्टर वॉर चलता दिखाई दे रहा है और शहर में हर ओर नेताओं के छायाचित्र वाले पोस्टरों की भरमार भी हो गई है.
बता दें कि, राज्य की महायुति में शामिल रहने वाली अजीत पवार गुट की राकांपा के लिए अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के छूटने के पूरे आसार है और अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से अमरावती की विधायक सुलभा खोडके का महायुति की प्रत्याशी रहना लगभग तय माना जा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रमुख विपक्षी घटबंधन महाविकास आघाडी के तहत अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पर कांग्रेस का दावा सबसे प्रबल है और कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख के प्रत्याशी होने के पूरे आसार है. इसके साथ ही शहर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता ने भी इस बार चुनाव लडने की तैयारी शुरु करते हुए खुद के लिए अमरावती विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट मांगी है. साथ ही साथ यह भी स्पष्ट कर दिया है कि, यदि महायुति के तहत भाजपा द्वारा उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बनाया जाता है, तो उस सूरत में भी वे चुनाव लडेंगे. भले ही इसके लिए उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही क्यों ना खडा होना पडे.
वहीं दूसरी ओर जारी वर्ष के दौरान हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए मुस्लिम समुदाय द्वारा ‘अबकी बार मुस्लिम आमदार’ का नारा बुलंद किया जा रहा है. जिसके तहत कांग्रेस समर्थक रहने वाले मुस्लिम पदाधिकारियों द्वारा खुद के लिए टिकट मांगे जाने के साथ ही कई मुस्लिम नेता इस बार एमआईएम व सपा प्रत्याशी के तौर पर या फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का मन बना चुके है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि, इस बार अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में बेहद रोमांचक व चौकोनी मुकाबला दिखाई दे सकता है.
इन्हीं तमाम पृष्ठभूमि को देखते हुए इस बार विधानसभा चुनाव लडने के इच्छुकों ने काफी पहले से अपनी तैयारियां शुरु कर दी थी. जिसमें 10 दिवसीय गणेशोत्सव व 9 दिवसीय दुर्गोत्सव ने सोने पर सुहागा वाला काम कर दिया और इन दोनों उत्सवों के दौरान विविध सार्वजनिक मंडलों के जरिए नेताओं व एक ही समय पर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का भरपूर अवसर उपलब्ध हुआ. जिसे ज्यादातर नेताओं ने हरसंभव कीमत अदा करते हुए जमकर भुनाया. बता दें कि, अमरावती शहर में इस वर्ष लगभग सभी सार्वजनिक गणेशोत्सव तथा दुर्गोत्सव व शारर्दोत्सव मंडलों सहित गरबा पंडालों में अलग-अलग नेताओं के नाम व चित्र वाले बडे-बडे स्वागतद्वार तथा बैनर व पोस्टर दिखाई दिये. साथ ही साथ चुनावी रेस में दिखाई देने वाले नेताओं की सभी नवरात्रोत्सव मंडलों व गरबा पंडालों मेें हाजिरी भी दिखाई दी. कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि, इसके लिए कई नेताओं ने जमकर अपनी जेबे भी ढीली की और ऐसे आयोजनों के लिए दिल खोलकर चंदा भी दिया. जिसके चलते इस बार गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव मंडलों सहित गरबा के आयोजकों की भी जमकर बल्ले-बल्ले रही तथा सभी ने चुनावी वैतरणी पार करने के इच्छुकों से संपर्क करते हुए बहती गंगा में जमकर हाथ भी धोये. इसकी वजह से इस बार गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के आयोजनों में अच्छी खासी धामधूम भी दिखाई दी और हर ओर नेताओं की बैनर व पोस्टर छाये रहे. जिन्हें देखकर भी स्पष्ट हो रहा था कि, अब अमरावती में चुनाव के मद्देनजर पोस्टर वॉर शुरु हो चुका है तथा चुनाव लडने के इच्छुकों ने एक दूसरे से आगे निकलने की होड भी शुरु हुई है.
* पिछली बार की तुलना में बदल गये है राजनीतिक हालात
ज्ञात रहे कि, पिछली बार के चुनाव में इस बार राजनीतिक हालात पूरी तरह से बदलने के साथ ही उलट पुलट भी हो गये है. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन भाजपा विधायक डॉ. सुनील देशमुख एक बार फिर भाजपा की ओर से प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे. जिन्हें तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी सुलभा खोडके ने लगभग 20 हजार वोटों के अंतर से पराजीत किया था. विधानसभा चुनाव में पराजीत होने के बाद अगले एक वर्ष के भीतर ही पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख भाजपा छोडकर कांगे्रस में शामिल हो गये थे. वहीं विगत करीब 10 वर्षों से कांग्रेस में शामिल रहने वाली विधायक सुलभा खोडके को अब कांग्रेस ने 6 वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है. जो इस समय राज्य की महायुति में शामिल अजीत पवार गुट वाली राकांपा के साथ दिखाई दे रही है और पूरे आसार है कि, वे अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से आगामी चुनाव में महायुति की प्रत्याशी होगी. जाहीर है कि, यदि महायुति द्वारा अमरावती निर्वाचन क्षेत्र को अजीत पवार गुट वाली राकांपा के लिए छोडा जाता है, तो उस स्थिति में विधायक सुलभा खोडके ही अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से घडी चुनावी चिन्ह पर राकांपा व महायुति की प्रत्याशी होगी. ऐसी स्थिति में पूर्व विधायक व भाजपा नेता जगदीश गुप्ता को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अथवा किसी अन्य राजनीतिक दल के प्रत्याशी के रुप में ही चुनाव लडना पडेगा.
* चुनाव लडने के इच्छुकों ने इस बार खोली अपनी मुठ्ठी
– प्रमुख दावेदारों में खोडके दम्पति चंदा देने को लेकर रहे आगे
– सभी सार्वजनिक मंडलोें की रही बल्ले-बल्ले
– नेताओं की हाजिरी से गणपति व दुर्गा मेें आयी रौनक
आगामी चुनाव को देखते हुए चुनाव लडने के इच्छुकों से शहर के सार्वजनिक मंडलों ने गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के लिए काफी पहले से संपर्क करना शुरु कर दिया था और सार्वजनिक मंडलों के पदाधिकारियों को पूरी उम्मीद थी कि, यह चुनावी वर्ष रहने के चलते उन्हें किसी भी नेता द्वारा निराश नहीं किया जाएगा. खास बात यह रही कि, सभी सार्वजनिक मंडलों की उम्मीदें भी लगभग सभी दरवाजों पर पूरी भी हुई. जहां से गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के दौरान इससे पहले 11 व 21 हजार रुपए की पावती फटती थी, वहीं से इस बार 51 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक का चंदा मिला. साथ ही साथ मंडलों के मुख्य प्रवेशद्वार के साथ ही पंडाल परिसर में बैनर पोस्टर लगाने के लिए भी विशेष सहयोग प्राप्त हुआ. इसके अलावा शहर के सभी छोटे-बडे गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव मंडलों में चुनाव लडने के इच्छुक नेताओं की हाजरी भी दिखाई दी. जिसके चलते इस बार के गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के दौरान कुछ अलग ही रौनक दिखाई दी. खास बात यह रही कि, चुनाव लडने के इच्छुकों में प्रमुख नाम रहने वाले विधायक सुलभा खोडके तथा उनके पति व अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके सार्वजनिक मंडलों को चंदा देने के मामले मेें सबसे आगे दिखाई दिये. जिन्होंने अपने दरवाजे तक पहुंचे किसी भी सार्वजनिक मंडल व गरबा के आयोजकों को निराश नहीं किया. बल्कि उन्हें उनकी उम्मीद से ज्यादा ही सहयोग प्रदान किया, ऐसी जानकारी भी सामने आयी है.
* कुछ के कुर्ता-पायजाया में हमेशा की तरह नहीं थी ‘जेब’
– खाली हाथ ही लौटाया मंडलों के पदाधिकारियों को
विशेष उल्लेखनीय है कि, चुनावी वर्ष रहने और आगामी नवंबर माह में चुनाव होने की संभावना को देखते हुए चुनाव लडने की इच्छा रखने वाले अधिकांश नेताओं ने इस बार गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के दौरान अपनी मुठ्ठियां खोल दी थी और सभी सार्वजनिक मंडलों को अपनी ओर से भरपूर व मुंहमांगा आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया. लेकिन चुनाव लडने की इच्छा रखने वाले कुछ नेता ऐसे भी रहे, जिनके कुर्ता-पायजामा में हमेशा की तरह इस बार भी ‘जेब’ नहीं थी और उन्होंने अपने दरवाजे पर बडी उम्मीद लेकर आये सार्वजनिक मंडलों के पदाधिकारियों को खाली हाथ ही लौटा दिया. ऐसे नेताओं को लेकर अब उनके समर्थकों में ही अच्छी खासी नाराजगी देखी जा रही है और ऐसे नेताओं के कई समर्थकों ने इस बार के चुनाव में कोई अलग राह पकडने की मानसिकता भी व्यक्त की है.
* पूर्व विधायक पोटे के भी शहर में लगे 233 पोस्टर
– हर पोस्टर पर सरकारी योजनाओं का बखान
वहीं दूसरी ओर विधान परिषद के पूर्व सदस्य रह चुके भाजपा के शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटिल द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के निर्देश पर अमरावती शहर में 233 स्थानों पर लगे होर्डिंग्स को पार्टी हेतु काफी पहले ही बुक कर लिया गया है और इन सभी 233 होर्डिंग पर पूर्व विधायक प्रवीण पोटे व उनके कुछ बेहद खास समर्थकों के छायाचित्र के साथ विभिन्न सरकारी योजना की जानकारी देने वाले विशालकाय फ्लैक्स लगाये गये है. जिनमें प्रमुख रुप से भाजपा एवं डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस को हाईलाइट करते हुए महायुति सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का बखान किया गया है. यद्यपि दो बार विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हो चुके पूर्व विधायक प्रवीण पोटे पाटील इस समय विधानसभा चुनाव हेतु टिकट की रेस में कही पर भी दिखाई नहीं दे रहे, लेकिन उनके द्वारा शहर में की जा रही बैनरबाजी व पोस्टरबाजी के चलते वे आम नागरिकों के बीच चर्चा का विषय बने हुए है.
* नेभनानी के भी हर ओर दिखे बैनर, जमकर रही चर्चा
इसके साथ ही अमरावती शहर में शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व जिला नियोजन समिति के सदस्य नानकराम नेभनानी ने भी खुद को शिंदे गुट वाली शिवसेना के प्रत्याशी के तौर पर प्रोजेक्ट करते हुए शहर में हर ओर अपने बैनर व पोस्टर लगाने की शुरुआत एक-डेढ माह पहले से ही कर दी थी तथा कुछ मध्यम व बडे मंडलों को उत्सव हेतु सहयोग प्रदान करने के साथ ही नानकराम नेभनानी ने गली मोहल्लों के सार्वजनिक मंडलों को भी अपनी ओर से भरपूर सहयोग देते हुए शहर के लगभग सभी सार्वजनिक उत्सव मंडलों में अपने बैनर व पोस्टर लगवाये. साथ ही साथ नानकराम नेभनानी ने विगत डेढ-दो माह के दौरान शहर में आयोजित फैशन शो जैसे कुछ आयोजनों को भी सहयोग प्रदान कर खुद को खबरों में बनाये रखा. जिसके चलते आगामी चुनाव को लेकर नानकराम नेभनानी भी की इस समय अच्छी खासी चर्चा हो रही है.