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निलंबन के बाद दर्ज हुआ जालसाजी का मामला
अमरावती/दि.5 – चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत मांजरखेड के डाकघर में शाखा डाकपाल के तौर पर कार्यरत जानराव किसनराव सवई (54) के खिलाफ दो दिन पूर्व फौजदारी मामला दर्ज किया गया. जिसके बाद जब जांच शुरू हुई, तो सभी सन्न रह गये, क्योेंकि इस डाक कर्मी द्वारा घोटालेबाजी और फर्जीवाडे का गोरखधंधा वर्ष 1995 से किया जा रहा था तथा इन 25 वर्षों के दौरान इस शाखा डाकपाल ने कई लोगों के गाढे पसीने की कमाई पर डल्ला मारा है.
अमरावती स्थित मुख्य डाकघर कार्यालय की सहायक अधीक्षक संगीता सुभाष रक्तेवार ने इस मामले में 3 जनवरी को चांदूर रेल्वे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी. जिसके अनुसार जानराव सवई ने 24 सितंबर 2018 से 16 जुलाई 2021 के दौरान लोगोें द्वारा जमा कराये गये सावधी निवेश से अपहार किया. किंतु हकीकत में उसने इस अपहार की शुरूआत वर्ष 1995 से ही की थी और 24 नवंबर 1995 से 16 जून 2019 तक जानराव सवई ने 34 बचत खातों व सुकन्या समृध्दी खातों में जमा रकम को संबंधित खातेदारों के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए विड्रॉल कर लिया तथा खातेदारों के साथ जालसाजी करते हुए अकाउंट बुक में संबंधित तारीखों पर एंट्री भी दर्ज कर दी. किंतु वार्षिक लेखा परीक्षण की रिपोर्ट के दौरान अपहार का यह मामला पकडा गया और चांदूर रेल्वे पुलिस ने विगत 3 जनवरी को जानराव सवई के खिलाफ भादंवि की धारा 408, 420, 465 व 468 के तहत अपराध दर्ज किया.
सुकन्या समृध्दि खाते पर डाका
प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता होती है. ऐसे में अपने बच्चों की बेहतरीन शिक्षा-दीक्षा व पालनपोषण के लिए सभी माता-पिता आवश्यक प्रयास करते है. साथ ही उनके भविष्य के लिहाज से भी आर्थिक इंतजाम करते है. इन तमाम बातोें के मद्देनजर सरकार द्वारा सुकन्या समृध्दी योजना शुरू की गई. जिसमें नियमित निवेश करने पर कोई भी कन्या 21 वर्ष की आयु पूर्ण करते ही करोडपति बन सकती है. यह योजना सरकार द्वारा शुरू की गई स्मॉल डिपाजीट स्कीम है. किंतु जानराव सवई ने बच्चियों के नाम पर खोले गये इन खातों पर भी डाका डाला तथा बच्चियों के पिता द्वारा जमा करायी गई रकम को फर्जी हस्ताक्षर करते हुए खातों से निकाल लिया.