राज्य की राजनीति को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट व मीम्स की भरमार
एक से बढकर एक मजाकिया संदेश हो रहे वायरल
* नेटीजन्स जमकर ले रहे राजनीतिक दलों की ‘फिरकी’
* इस समय राजनीति के साथ ही राकांपा है निशाने पर
अमरावती/दि.4 – विगत 4 वर्षों से महाराष्ट्र की राजनीति में अजीबों-गरीब राजनीतिक समीकरण बनते और बिगडते दिखाई दे रहे है. कौन सा नेता कब किसके पाले में जाकर बैठ जाएगा. अपने अपनी ही पार्टी के साथ दगाबाजी करते हुए कब किसी विरोधी दल के साथ हाथ मिला लेगा. इसकी कोई गारंटी ही नहीं बची है. ऐसे में इस राजनीतिक मौकापरस्ती व अवसरवादिता का सोशल मीडिया पर नेटीजन्स द्बारा जमकर मजाक उडाया जा रहा है. साथ ही राजनीतिक दलों व राजनेताओं की जमकर फिरकी ली जा रही है. जिसमें इस समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेटीजन्स के प्रमुख तौर पर निशाने पर है. बता दें कि, राकांपा नेता अजित पवार ने दो दिन पहले अचानक ही अपने 40 समर्थक विधायक के साथ राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार से हाथ मिला लिया और अपने 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाने के साथ-साथ खुद भी राज्य के उपमुख्यमंत्री बन बैठे. इसे अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में खुली बगावत माना जा रहा है. साथ ही अजित पवार के इस कदम से राकांपा के समर्थक भौचक है. साथ ही साथ भाजपा समर्थक भी इस उलटफेर को लेकर काफी आश्चर्य चकित है. ऐसे में सोशल मीडिया पर बडी मजेदार प्रतिक्रियाएं देखी जा रही है. जिनमें नेटीजन्स द्बारा राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार सहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर जमकर व्यंग्यबाण छोडे जा रहे है.
‘सीएम शिंदे कहते है कि, सास की वजह से हिस्से बंटे और अब उनके हिस्से में सास ही आ गई’, ‘अब शायद राज्य में जनता ही विपक्ष के तौर पर बची है’, ‘निर्वाचन आयोग ने अब हमारी उंगली पर स्याही की बजाय चूना लगाना चाहिए’, ‘राज्य के उपमुख्यमंत्री कौन, पूछने पर विद्यार्थी ने जवाब दिया कि, पांचवे वर्ष के अंत में बताउंगा’, ‘काका कह रहे है कि, अब अपने कितने विधायक बचे, गिन लो’, ‘तत्कालीन राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी बोले कि, अब अगर किसी ने मेरा नाम लिया, तो पत्थर मारुंगा’, ‘हमारा मतदाता कार्ड बेचना है’, ‘पुणेकरों की तकलीफ है कि, उनके नींद में रहते समय ही अजित दादा की शपथविधि हो जाती है’, ‘पवार साहब ने रोटी घुमाई, दादा ने पूरा तवा ही पलट दिया’, ‘पवार साहब रोटी घुमाने वाले थे, दादा ने आटे का डब्बा गायब कर दिया’, ‘अब महाराष्ट्र के गावों की तर्ज पर मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री (खुर्द) व उपमुख्यमंत्री (बुदु्रक) जैसे दो पद’, ‘एक ही बार मतदान करने पर महाराष्ट्र को तीन सरकारें, तीन मुख्यमंत्री व चार उपमुख्यमंत्री मिले’, ‘एक ही मतदान में 4 वर्ष के दौरान अजित पवार तीन बार डेप्यूटी सीएम बने’, ‘वरिष्ठ समाज सेवक अण्णा हजारे परेशान है कि, अब कुपोषण व आंदोलन किसके खिलाफ करें’ इस तरह के संदेशों, पोस्ट, कमेंट व मीम्स से इस समय सोशल मीडिया भरा पडा है और लोगबाग राज्य की मौजूदा राजनीति को लेकर जमकर चटखारे ले रहे है.