* टेकलाँस 23
अमरावती/दि.17- नारायण संस्थान की विश्वविख्यात मोटिवेशनल लीडर राजेश्वरी मोदी उर्फ राजदीदी ने आज यहां कहा कि वे पिछले 28 बरसो से देश-विदेश में उद्बोधन कर चुकी है. अनेक विश्वस्तरीय होने का दावा करने वाले संस्थान में भी गई हैं. किंतु पोटे शिक्षा संस्थान जैसा विनम्र और आदरपूर्वक बर्ताव नहीं दिखाई दिया. हमारे व्दारा सुझाए गए सभी परिवर्तनों के लिए यहां के संचालक प्रवीण पोटे और उनके सभी हर समय तैयार रहे. सचमुच पोटे संस्थान ऐसी संस्कारधानी है जिसकी आज के दौर में अति आवश्यकता है.
राजदीदी आज पूर्वान्ह पोटे शिक्षा संस्थान के भव्य स्वामी विवेकानंद सभागार में उद्बोधन कर रही थी. मंच पर अध्यक्ष तथा विधायक प्रवीण पोटे, रामचंद्र पोटे, सुयश पोटे सभी महाविद्यालयोें के प्राचार्य और राजदीदी के यजमान रमेश मोदी विराजमान थे. राजदीदी ने भव्य सभागार में उपस्थित छोटे-बडे छात्र-छात्राओं के साथ बडा सहज संवाद कर जीवन में सकारात्मक रहने के लाभ बतलाए. उन्होंने अनेक प्रसंगो से अपनी बात को स्पष्ट किया. दीदी ने कहा कि, ऐसी संस्था हमने पहली बार देखी है जहां के स्टॉफ अपने संचालक सर का आदरपूर्वक संबोधन करता हैं. प्रत्येक सकारात्मक परिवर्तन के लिए हामी भरता है. अन्य संस्थान में ऐसा आम तौर पर नहीं देखा जाता. हमें सुनने मिलता कि ‘सर को अच्छा नहीं लगेगा, वगैरह वगैरह’. ऐसा भी राजदीदी ने बतलाया. पोटे संस्थान के बारे में कहा कि यहां सुझाए गए बदल और कार्यक्रम के लिए आवश्यक बातों पर यहां के स्टाफ की प्रतिक्रिया और देहबोली अत्यंत सकारात्मक रही. अपने संचालक सर के प्रति आदर और विनम्रता से इस संस्थान में संस्कारों के निर्माण का पता चल गया है. यह कहते हुए राजदीदी ने पोटे को नमन है, नमन है कहा. उसी प्रकार सौ. अनुराधा पोटे की भी डाउन टू अर्थ महिला के रुप में बडी प्रशंसा की.
टेक्लाँस के माध्यम से पोटे संस्थान में देश के पूर्व राष्ट्रपति से लेकर अनेक मान्यवर मार्गदर्शन कर चुके है. इसका भी जिक्र राजदीदी ने किया उन्होंने कहा कि, पोटे संस्थान की शाला हो या महाविद्यालय अथवा तकनीकी कॉलेज उन्हें दिखाई दे रहा है कि यहां विद्यार्थी को जीवन में उपयोगी संस्कार ठूंस-ठूंसकर भरे जाते हैं. केवल टेक्नोके्रट नहीं बल्कि बेहतर इंसान बनाने की दिशा में बिल्कुल सही कार्य यहां हो रहा है. राजदीदी ने अनेक प्रसंगो के माध्यम से छोटे-बडों को अपनी बात समझाने का सार्थक प्रयत्न किया.
समारोह का उद्घाटन गजानन महाराज और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना तथा दीप प्रज्जवलन से हुआ. शहर के गणमान्य लोगों से सभागार खचाखच था. संचालन और आभार प्रदर्शन का जिम्मा पोटे संस्थान के विद्यार्थियों ने बखूबी संभाला.
* अल्पावधि में विदर्भ में नंबर वन
प्रवीण पोटे ने संक्षिप्त किंतु प्रभावी संबोधन में राजदीदी को बताया कि पोटे शिक्षा संस्थान में अच्छे विद्यार्थी गढे जाते हैं जो अपने माता-पिता का संपूर्ण आदर करें. गजानन महाराज की कृपा और इमानदार प्रयासों का सुफल है कि आज संस्थान विदर्भ में नंबर एक है. क्योंकि यहां के विद्यार्थी भी लाखों में एक है और फैकल्टी भी. उन्होंने कहा कि पोटे एज्युकेशनल ग्रुप मानवता के आधार पर संचालित हैं. इसी कारण यह अनेकानेक समाजसेवी और आध्यात्मिक गुुरुओं को मार्गदर्शन हेतु सादर आमंत्रित किया जाता हैं. हमारा यह प्रयत्न है कि छात्र-छात्राओं में बेहतरीन संस्कार हो और वे जीवन में प्रगति पथ पर बढते हुए अपने देश तथा समाज के लिए भी प्रयत्नशील रहे. आदर्श विद्यार्थी गढने का प्रयास हो रहा हैं. पोटे ने बताया कि, प्लेसमेंट के मामले में भी संस्थान अव्वल है. भारी मात्रा में विद्यार्थियों को कैम्पस में भी जॉब आफर हो रहे है. प्रवीण पोटे ने हिंदी-मराठी भाषा में अत्यंत सहज संबोधन कर सभागार का मन जीत लिया. उन्होंने शहर और जिले तथा आसपास के नगरों से पधारे गणमान्यों का उल्लेख किया. इसके लिए भी राजदीदी को धन्यवाद दिया. पोटे ने बताया कि कोरोना के कारण 2 वर्षो से स्थगित छात्र-छात्राओं की कॉलेज की तरफ से नि:शुल्क विदेश यात्रा इस बार फिर शुरु होगी. पोटे की अनेक घोषणाओं का भव्य सभागार में तालियां बजाकर स्वागत किया.
* झलकियां
– आयोजन में पग-पग पर बेहतरीन नियोजन की झलक मिली.
– पूरे परिसर को बहुत ही सुंदर कलाात्मक अंदाज में सजाया-संवारा गया. सभी मेहमानों को आकर्षित कर गया.
– राजदीदी ने अपने संबोधन से छोटे-बडे छात्र-छात्राओं का दिल जीत लिया. उसी प्रकार प्रवीण पोटे को ‘भाऊ’ संबोधन किया. इस पर भी सभागार बडा हर्षित हो गया था.
– पोटे संस्थान के कर्मचारी बाहर से आए अतिथियों के वाहनों की पार्किंग तथा अन्य व्यवस्था संभाल रखी थी. इससे वहां आए हजारों लोगों को बडी सुविधा हुई.
– कार्यक्रम उपरांत सभी के लिए खास लड्डू प्रसादी का प्रबंध रहा.