ग्रामीण अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में बिजली की आंख-मिचौनी बनी सिरदर्द
बिजली गुल होने पर लाइट, पंखे और एसी बंद

चांदूर रेल्वे/दि.6-चांदूर रेल्वे ग्रामीण अस्पताल में विधायक प्रताप अडसड के प्रयासों के चलतें डायलिसिस सेंटर की शुरुआत हुई. लेकिन बिजली गुल होने से इस यूनिट में अंधेरा छा जाता है, क्योंकि की संपूर्ण ग्रामीण रूग्णालय में एक ही जनरेटर उपलब्ध जिससे डायलिसिस सेंटर में पंखे, लाइट, एसी बंद होकर एक से डेढ घंटा तक स्टेपेलाइजर पर डायलिसिस मशीन शुरू रहती है. जिसके कारण मरीज गर्मी से परेशान होते है. इसलिए डायलिसिस युनिट को अलग से जनरेटर उपलब्ध करनें की मांग हो रहीं हैं.
स्थानीय ग्रामीण रूग्णालय में विधायक प्रताप अडसड के प्रयासों से डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ हुआ जिसका उद्घाटन भाजपा महिला नेता अर्चना रोठे के हाथों हुआ पर इतने बड़े युनिट को बिजली गुल होंने पर कैसे चलाएं जायेगा इस और किसी ने ध्यान नहीं दिया. चांदूर रेल्वे शहर में बिजली की आंख मिचौली,समय बे समय लाईट बंद होना, लाईन ट्रिप होना यह आम समस्य बन गयी है. जिसके चलतें ग्रामीण रूग्णालय का जनरेटर यह संपूर्ण अस्पताल के साथ नवनिर्मित डायलिसिस युनिट को बीजली सप्लाई करने में प्रर्याप्त नहीं जिसके चलते इस डायलिसिस सेंटर में लगे पंखे,लाईट,एसी और अन्य छोटे बड़े इंस्ट्रूमेंट बंद हो जातें हैं. स्टपेलाईजर के भरोसे एक से डेढ घंटा डायलिसिस मशीन शुरु रहती है, लेकिन मरीज को इस दरम्यान गर्मी से परेशान होना पड़ता है. इसलिए इस युनिट में अलग से जनरेटर उपलब्ध करनें की जरूरत है. जनप्रतिनिधियों ने सुविधा के साथ समस्याओं का समाधान किया तो इस सुविधा का लाभ गरीब जरूरतमंद लोगों को मिल सकता है. जल्द से जल्द अलग-से जनरेटर शासन की ओर से प्राप्त हो, ऐसी मांग स्थानीय नागरिकों सहित मरीज कर रहे है.
जिला शल्य चिकित्सक से पत्राचार
अमरावती जिला शल्य चिकित्सक से पत्राचार कर ग्रामीण अस्पताल में अधिक क्षमता का जनरेटर उपलब्ध कराने की मांग की गई है. जिससे डायलिसिस सेंटर, डिजिटल एक्स-रे, और अस्पताल में स्थित अन्य उपकरण बिजली बंद होने के बाद कुछ घंटों तक चल सके, जिससे चांदूर रेल्वे स्थित अस्पताल में आनेवाले मरिजों के लिए अच्छी सुविधा मुहैया की जा सकती है.
–डॉ. नम्रता सोनवने, वैद्यकीय अधिकारी,
चांदूर रेल्वे