अमरावती

समाज में परिवर्तन लाने की शक्ति केवल महिलाओं में

पार्षद सुरेखा लुंगारे (Surekha Lungare) का प्रतिपाद

अमरावती/दि.12 – हाल ही में स्थानीय पार्वती नगर स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले महाविद्यालय में क्रांतिज्योती सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर स्नेहसृजन कार्यक्रम व महिला शिक्षण दिवस कार्यक्रम का आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम की प्रमुख अतिथि के तौर पर बोलते हुए पार्षद सुरेखाताई लुंगारे ने बताया कि समाज में परिवर्तन लाने की ताकद केवल महिलाओं में ही होती है.
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापीठ गीत व संगीत विभाग के छात्रों ने सावित्रीगीत गाकर की. कार्यक्रम में विवेक चर्जन, दिंगबरराव लुंगारे विशेष अतिथि तथा अध्यक्ष के रुप में मुकुल भोंडे, प्राचार्य डॉ.मीनल ठाकरे मंच पर विराजमान थे. पार्षद सुरेखा लुंगारे ने कहा कि क्रांतिज्योती सावित्रीबाई की वजह से आज हम महिलाएं समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा से जीते है. सावित्रीबाई ने समाज में परिवर्तन लाने के लिए कडे परिश्रम किये और समाज को बदलने के लिए मजबूर किया. इसलिए समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता केवल महिलाओं में ही है. इतना ही नहीं तो सावित्रीबाई के कडे संघर्ष के कारण ही आज भारत की महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में प्रगती कर आत्मविश्वास के साथ अपना दायित्व निभा रही है. महिलाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें आगे लाना यह बेहद जरुरी है.
इस वक्त विवेक चर्जन ने अपने भाषण मेें वनौषधी की जानकारी देकर सावित्रीबाई के कार्यों की तुलना परमात्मा की सेवा से की. सावित्रीबाई से प्रेरणा लेकर निरपेक्ष सेवा करो तथा अपने गांव का नाम रोशन करने का आह्वान भी चर्जन ने किया. अध्यक्षीय भाषण में मुकुल भोंडे ने सावित्रीबाई फुले की जयंती से वर्ष का स्वागत करने के नित्य क्रम में कोविड-19 के समय में भी इस कार्यक्रम में बाधा नहीं आयी ऐसा गौरवोद्गार निकाले. फुले दम्पति के अतुलनीय कार्य पुन: होना नहीं, लेकिन ऐसे ही कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेरणा लेकर समाज के युवक, युवतियों में समाज के प्रति कार्य करने की भावनाएं बढती है. पार्षद लुंगारे मायके के माध्यम से समाज के दुर्बल घटक व महिलाओं को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए कार्य करती है. किताबों ध्यान की बजाए प्रत्यक्ष समाज के लिए कार्य करने, महाविद्यालय का समाजकार्य करने का उपक्रम केवल इस कार्यक्रम तक मर्यादित न रखते हुए प्रत्यक्ष कार्य करने के लिए युथ विंग तैयार करने की सलाह दी.
कार्यक्रम का संचालन प्रा.डॉ.स्वाती गिरासे तथा आभार प्रा. सुशांत ठोके ने माना, प्रास्ताविक के माध्यम से कार्यक्रम की रुपरेखा प्रा.डॉ. गजानन रत्नपारखी ने रखी, इस वक्त सभी विद्यार्थी, शिक्षक, व शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.

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