अमरावती

गौमाता में संपूर्ण अर्थशास्त्र बदलने की ताकत

कुलगुरु डॉ.गडाख का कथन

पिंपलखुटा में गौशाला लोकार्पण समारोह
पिंपलखुटा / दि.२३- भारतीय संस्कृति की गौमाता को हम भूलते जा रहे है. भारतीय संस्कृति में गौमाता के महत्व और स्थान को सभी ने जानना जरूरी है. गौमाता की ओर केवल धार्मिक नजरिये देखने बजाय वैज्ञानिक नजरिये से देखने की आवश्यकता है. गौमाता में संपूर्ण अर्थशास्त्र को बदलने की ताकत है, इस आशय का कथन डॉ.भाऊसाहेब उपाख्य पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ.शरद गडाख ने किया. गौमाता का धार्मिक तथा कृषि, दुग्ध व्यवसाय, पर्यावरण, ऊर्जा और मानवी स्वास्थ्य की द़ृष्टि से महत्व को देखते हुए गौमाता की सुरक्षा करें, उसकी अच्छे से देखभाल करें और मानव जीवन समृद्ध करें, यह आह्वान भी कुलगुरु डॉ.गडाख ने किया. पिंपलखुटा के श्रीसंत शंकर महाराज गो-संगोपन व संशोधन गौशाला के उद्घाटन अवसर पर वह बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीसंत शंकर महाराज आश्रम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नंदूशेठ चव्हाण ने की. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में कृषि जिला अधीक्षक अनिल खर्चान, उपविभागीय कृषि अधिकारी दमके, चंद्रपुर के कृषि अधिकारी भाऊसाहेब बर्हाटे, डॉ.अनिल ठाकरे, डॉ.राजेंद्र वानखडे उपस्थित थे. श्री संत शंकरबाबा महाराज की उपस्थिति में गौशाला लोकार्पण समारोह उत्साह से हुआ. कुलगुुरु डॉ.गडाख के हाथों श्रीसंत शंकर महाराज गौ-संगोपन व संशोधन गौशाला का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर सुमंत देशमुख, एड.अनिल जगताप ने मनोगत व्यक्त किया. कार्यक्रम में संस्था के सचिव राजेंद्र लुंगे, विश्वस्त संतोष पोकले, सुधाकर बांते, सुदाम नागपुरे, बालासाहेब वाल्हेकर, शरद इंगले, एड.प्रकाश देशमुख, अण्णाजी दिवे, कृषि महाविद्यालय के अध्यक्ष प्रशांत शेलोकार आदि मान्यवर उपस्थित थे. संचालन प्राचार्य भास्कर मोहोड ने किया. आभार प्राचार्य डॉ. चंद्रकांत पाटील ने माना. लोकार्पण समारोह में भक्तगण, आश्रम के पदाधिकारी, ग्रामवासी व किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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