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पोक्सो के आरोपियों को दिलवाई सजा, परिवारों को टूटने से बचाया

पीएसआई बनसा अमरावती मंडल से मुखातिब

* युवतियों से अपील, आए आगे, प्रण कर ले, कुछ कठिन नहीं
अमरावती/दि.8- अमरावती में पुलिस उपनिरीक्षक के रुप में सायबर अपराध हो या बाल यौन शोषण अथवा फैमिली सेल में अपने समर्पण से किए काम की छाप छोडने वाली कान्होपात्रा बनसा ने महिला दिवस पर युवतियों से संकल्प कर आगे आने की अपील की. 10 वर्षो से पुलिस में सेवा दे रही बनसा ने कहा कि, प्रण कर ले तो कुछ मुश्किल नहीं है बल्कि हमारे प्रण से ही दिक्कतें दूर हो जाएगी, कुछ अच्छा बेहतर करने की राह प्रशस्त होगी. एक बार डिसिजन लेना पडता है. फिर सब बराबर होता है.
महिला दिवस पर अमरावती मंडल से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि, लडकियों के लिए आज सभी क्षेत्रों में ढेर सारे अवसर है. लडकियों को स्वयं अपना क्षेत्र चुनना है फिर क्षेत्र की मांग अनुसार तैयारी करनी है. इसके लिए अपने आप को झोंक देना होगा तभी मुकाम हासिल किया जा सकेगा. कान्होपात्रा बनसा मूल रुप से नांदेड निवासी हैं. उनके यजमान आरक्षित पुलिस बल में सेवारत हैं. अमरावती में पहले शहर आयुक्तालय क्षेत्र में कार्य कर चुकी बनसा मैडम पिछले 2 वर्षो से जिला ग्रामीण की समुपदेशन सेल में कार्यरत हैं. कम से कम सौ परिवारों को टूटने से उन्होंने बचा लिया है. यह सिलसिला लगातार जारी है.
* जहां भी गई छाप छोडी
प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल के अमरावती दौरे में उनकी विशेष सुरक्षा अधिकारी के तौर पर पीएसआई बनसा की नियुक्ति हुई थी. बनसा मैडम ने बताया कि उन्होंने राजापेठ थाने में कार्य करने के साथ सायबर अपराधियों को गुडगांव व दिल्ली से सहयोगियों के साथ दबोचा था. एटीएम क्लोन कर यह गिरोह लोगों के पैसे गडप कर रहा था. ऐसे ही नाबालिग से छेडछाड के आधा दर्जन केसेस में इतनी प्रभावी जांच पडताल और सबूत जुटाने की कार्रवाई की कि कोर्ट में सभी आरोपियों को सजा सुनाई गई. बनसा ने बताया कि, ऐसे प्रकरणों में धमकियों को दरकिनार कर आरोपियों के खिलाफ पक्के सबूत कोर्ट तक पहुंचाना बडा टेढी खीर होता है. जिससे अपराधियों को सजा मिलने के प्रकरणों की गंभीरता पता चलती है.
* टूटने से बचाए परिवार
पिछले 2 वर्षो से फैमिली सेल में कार्यरत बनसा मैडम ने शिकायत लेकर आए पति-पत्नी को समझाने का काम भी यशस्वी किया. अमरावती मंडल से बातचीत में उन्होंने बताया कि कई प्रकार की शिकायते एक-दूसरे के विरुद्ध रहती है. उन्हें समझाना बडा मुश्किल काम होता है. वर्ष भर में 800 मामले आते हैं. उन्होंने बताया कि, कम से कम सौ प्रकरणों में उन्होंने पति-पत्नी को कोर्ट कचेहरी से और परिवार टूटने से बचाएं हैं.
* युवतियों को लक्ष्य तय करने की अपील
पीएसआई बनसा ने कहा कि थोडा बहुत संघर्ष सभी क्षेत्र में करना ही पडता है. फिर भी हाल के वर्षो में महिला वर्ग को लेकर सोच में बडा बदलाव आया है. जिससे लडकियां अब तक अछूते अनेक क्षेत्र में भी सफलता का परचम लहरा रही हैं. अपना गोल तय कर उसके लिए जुट जाने की अपील बनसा मैडम ने महिला दिवस के मौके पर की.

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