प्रभात चौक : जर्जर इमारत के ढहने से 5 की मृत्यु
मनपा अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा, आधी इमारत तोडी लेकिन मलबा नहीं हटाया
अमरावती दि.31 – रविवार 30 अक्तूबर की दोपहर डेढ बजे के करीब प्रभात टॉकीज के ठीक बगल वाली राजेंद्र लॉज इमारत के बचे हिस्से के ढहने से हुई भीषण दुर्घटना में 5 लोगों की दर्दनाक मृत्यु हो गई. जबकि 2 अन्य बाल-बाल बचे है. वे भी थोडे बहुत जख्मी हुए है. उनमें एक महिला का समावेश है. इस बीच शहर भर में हादसे को लेकर दुख और क्षोभ दोनों व्यक्त किया जा रहा है. दुर्घटना में राजदीप फर्म के प्रबंधक रवि परमार तथा तीनों मजदूर मो. कमर इकबाल मो. रफक, मो. आरिफ शेख रहीम, रिजबान शहा, शरीफ शेख तथा देवा की मृत्यु से अमरावती के लोग काफी दुखी हो गये. वहीं भयंकर घटना के लिए मनपा के लापरवाह अफसरों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. मनपा अधिकारियों के प्रति शहर भर में गुस्सा भी महसूस किया गया. इस बीच पुलिस ने इमारत की मालकीन सुशिला शाह और हर्षल शाह के विरुद्ध दफा 304 अ के तहत सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया है. दोनों ही फिलहाल मुंबई निवासी होने की जानकारी है. इस बीच हादसे में मारे गये लोगों का अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी.
* मनपा ने दी दो नोटीस
प्रभात चौक की राजेंद्र लॉज इमारत 3 मंजिला थी. जिसमें लॉज के अलावा कुछ दुकानें थी. मनपा ने इमारत खस्ताहाल हो जाने के कारण राजेंद्र लॉज के संचालक राहुल जैन (मांगीलाल प्लॉट), आसाम टी कंपनी के जिगर रोहित पटेल (प्रभात चौक), निशांत विजय गावंडे, शाहीन पेन हाउस के फकरुद्दीन बहीवाला और राजदीप बैग हाउस की सुशीला भरत शाह (मुुंबई) को इमारत तत्काल गिराने की नोटीस दो बार दी थी. जिसके बाद गत सितंबर में उपरी दोनों मंजिल गिराई गई.
* मलबे को नहीं हटाया गया
दरअसल राजेंद्र लॉज इमारत शिकस्त हो जाने की वजह से मनपा ने उसे सी-1 श्रेणी में डालकर दो बार गिराने की नोटीस दी थी. तीसरी नोटीस के बाद इमारत के दुसरे और पहले माले को ढहा दिया गया. किंतु उसका ज्यादातर मलबा ग्राउंड फ्लोअर की दुकानों की छत पर ही पडा था. रविवार दोपहर राजदीप प्रतिष्ठान में चल रही मरम्मत दौरान वह ढह गई और छत पर रखा भारी मलबा हादसे की तीव्रता बढा गया. दुकान में मौजूद सभी 6-7 लोग चपेट में आ गये. मलबे में दब गये. युवा मजदूर और दुकान के युवा प्रबंधक मलबे में दबकर काल के ग्रास बन गये.
* चल रहा था गर्डर का काम
राजदीप दुकान में गर्डर डालने का काम दिवाली के पहले से शुरु था. दिवाली के कारण कुछ दिन काम रोक दिया गया था. रविवार को काम को फिर हाथ लगाया गया. कोई भी मजदूर आधार नहीं होने के बावजूद राजदीप इम्प्रोरियम के मालिक ने गर्डर डालने की शुरुआत की. ऐसे ही जहां से पानी गलता वहां लोहे के टीन पत्र ठोकने का काम शुरु था. वेल्डिंग भी की जा रही थी. आरोपानुसार सुरक्षा उपायों की तरफ पूर्ण रुप से लापरवाही बरती गई थी.
* छत गिरी और भागमभाग, हाहाकार
रविवार दोपहर राजदीप की मरम्मत का कार्य समय अचानक छत ढह गई और मलबे का बहुत बडा गुबार उठा. ऐसे ही लोगों की चीखने चिल्लाने का आवाज आयी. यूं तो रविवार होने से सडक पर और परिसर में अधिक चहल-पहल नहीं थी. फिर भी दुकान ढहने और उसमें कुछ लोगों की दबने की आशंका से हर कोई मदद के लिए दौड पडा. भागमभाग मची. अफरा-तफरी का माहौल था. ऐसे में लोगों ने जो भी सामान और मलबा हाथ आया वह हटाना शुरु किया. हर हाल में मलबे में दबे 5-7 जनों की जान बचाने हर किसी की जद्दोजहद शुरु हो गई थी.
* जेसीबी आधा घंटा बाद पहुंचा
किसी ने जेसीबी संचालक को खबर की. दुर्घटना के आधा घंटा बाद वह पहुंचा. तब जाकर भारी मलबा हटाया गया और पहले एक के बाद एक दो शव बरामद हुए. फिर अन्य लोगों को मलबे से निकाला गया. वहां कई बार हालात नाजूक और तनावपूर्ण हो गये थे. मीडिया के लोगों पर भी भडास निकालने का प्रयास कुछ लोगों ने किया. दुकान में काम कर रहे मजदूर और अन्य लोगों के परिजन घटना की खबर मिलते ही दौडे चले आये थे. वे मंजर देख बिलखने लगे. यह नजारा बडा करुण हो गया था. पुलिस को भी बार-बार वहां उमडी भीड को नियंत्रित करना पड रहा था. एक युवक जख्मी हालत में कोने में पडा मिला. उसकी पहचान कदम के रुप में की गई. ऐसे ही एक बुजुर्ग महिला भी जख्मी हुई. इन दोनों की जान बच गई.
* गनीमत रविवार था
गनीमत थी कि, इमारत गिरने की घटना रविवार दोपहर हुई. अन्यथा आम दिनों में प्रभात टॉकीज चौक परिसर में भारी भीड रहती है. ऐसे ही हो सकता है कि, राजदीप बैग हाउस में भी ग्राहकों की संख्या कदाचित अधिक हो सकती थी. जिससे दुर्घटना का स्वरुप और अधिक भयंकर हो जाता. वहां के रहने वाले एक शख्स ने कहा कि, सैकडों लोग हादसे की चपेट में आ जाते. लोगों का रुख बार-बार मनपा के लापरवाह अधिकारियों पर ही कडा हो रहा था. कई लोगों ने तो मनपा अफसरों के नाम पर अंगुलियां मरोडी और मन ही मन गालिया भी बकी.
* मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख
उपमुख्यमंत्री और जिला पालक मंत्री के नाते देवेंद्र फडणवीस ने हादसे के कारण शहर में मचे शोक और गुस्से को कम करने की कोशिश में मुंबई से आनन-फानन में राहत राशि की घोषणा कर दी. हादसे पर दुख जताते हुए फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सानुग्रह राशि देने की घोषणा की. ऐसे ही उन्होंने विभागीय आयुक्त दिलीप पांढरपट्टे को दुर्घटना की विस्तुत जांच कर शीघ्र रिपोर्ट सौंपने कहा है. शासकीय विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई.
* अभागा रवि परमार अन्नकूट से वंचित
राजदीप के मैनेजर रवि परमार अन्नकूट प्रसादी के लिए जाने ही वाले थे. बताया गया कि, थोडी देर पहले ही वह सामाने जय अंबे प्रतिष्ठान से पानी पीकर दुकान में लौटे थे. फिर अन्नकूट प्रसादी के लिए उन्हें जाना था. 42 साल के रवि के लिए होनी को कुछ और ही मंजूर था. रवि की दर्दनाक मृत्यु पर हर कोई दुख व्यक्त कर रहा है. बताते है कि, रवि दो दिन पहले ही मुंबई से अमरावती लौटे थे. दुकान में शुुरु छत को सपोर्ट देने के काम को देखने वह गये थे और अन्य 4 मजदूरों के साथ हादसे में उनकी मृत्यु हो गई.
* सांसद द्बय और कई राजनेता पहुंचे
राजेंद्र लॉज हादसे की खबर मोबाइल और सोशल मीडिया की वजह से जंगल की आग की तरह शहर भर में फैल गई. दिवाली के बाद का रविवार होने से कार्यक्रमों की रेलचेल थी. सभी जगह इमारत हादसे की सूचना मिलते ही लोग प्रभात चौक की तरफ दौडे. संयोग से शहर के निवासी दोनों सांसद डॉ. अनिल बोंडे और नवनीत राणा यहीं थी. वे मौके पर पहुंचे. उनके अलावा विधायक सुलभाताई खोडके, जिलाधीश और मनपा आयुक्त का जिम्मा संभाल रही पवनीत कौर, सीपी डॉ. आरती सिंह, डीसीपी विक्रम साली, एसीपी भारत गायकवाड मौके पर पहुंचे थे. राजनेताओं में भाजपा के किरण पातुरकर, तुषार भारतीय, चेतन गावंडे, जयंत डेहनकर, अजय सारस्कर, कांग्रेस के विलास इंगोले, बबलू शेखावत, मिलिंद चिमोटे, राकांपा के रतन डेंडूले और मनपा उपायुक्त भाग्यश्री बोरेकर, शहर अभियंता इकबाल खान, कार्यकारी अभियंता सुहास चव्हाण, अतिक्रमण विभाग प्रमुख अजय बंसेले, दमकल अधीक्षक शिवा आडे और दमकल कर्मी एवं बडी संख्या में पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे थे.
* मौत को नजदीक से देखा
दुर्घटना में घायल राजेंद्र कदम ने बताया कि, वह गत 22 वर्षों से राजदीप इम्प्रोरियम में सहायक के रुप मेें काम कर रहे है. कुछ दिनों से दुकान में निर्माण कार्य चल रहा था. आज घटना से थोडी देर पहले ही घर से भोजन कर लौटा था. दुकान में काम करने वाले गोलू स्वर्गे को भोजन के लिए भेजा. अचानक छत गिर गई. दुकान से थोडा बाहर खडा था. मुझ पर पीलर गिरा, जिससे जखमी हो गया. मौत को आज करीब से देखा.
* बैग की मरम्मत कराने गई थी
प्रभात चौक इमारत हादसे में घायल रुख्साना बी याकूब खाँ पठाण (72, मालखेड) के सिर और पैर में गंभीर चोटें आयी है. उनके पति याकूब खाँ पठाण ने बताया कि, वे मालखेड में चूडी का धंधा करते है. रविवार को रुख्साना बी अकेली चूडी खरीदने अमरावती आयी थी. जवाहर गेट की उनकी दुकान बंद थी. जिससे वह लौट रही थी. तभी उनके ध्यान में बैग सीलाने की बात आयी और वे राजदीप में गई. थोडी ही देर में छत ढह गई. रुख्साना बी मलबे में दब गई. लोगों ने उन्हें मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती किया.
* बुनियाद में गर्डर लगाना गलती
इस बारे में पूछने पर निर्माण विशेषज्ञ चंद्रकांत आसलकर ने बताया कि, इमारत की बुनियाद और स्लैब में गर्डर के साथ पीलर खडे करने में चूक हुई होगी. पूरी इमारत ढहाकर नया निर्माण करना बेहतर रहता. किंतु वैसा न करते हुए पुरानी इमारत को ही मरम्मत का प्रयास किया गया. यहीं पर भूल हो गई. पुराना बांधकाम अधिक भार नहीं सह सकता. इस बात का भान रखना था.
* कई सवाल उठे
राजेंद्र लॉज इमारत 70 साल पुरानी हो गई थी. उसे गत सितंबर में तोडा गया किंतु एक माला वैसे ही रखा गया. दुकान के मालिक ने किसी की न सुनते हुए निजी एजेंसी से स्ट्रक्चरल ऑडिट करवा लिया. मगर सवाल उठता है कि, इमारत बांधकाम करने ‘ओके’ की मोहर किसने लगाई. इमारत निर्माण में ‘ओके’ नहीं रहता, तो यह हादसा नहीं होता था. खुद ही अपने पैर पर कुल्हाडी मार लेने का दुस्साहस पर शहर के लोगों ने क्रोध व्यक्त किया है.
* जांच करने पांच सदस्यीय समिति गठित
इस दुर्घटना में पांच मजदूरों की मौत की घटना की जांच करने के लिए मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने पांच सदस्यीय टीम गठित की है. शहर अभियंता इकबाल खान इस समिति के अध्यक्ष रहेंगे. इसके अलावा मुख्य लेखा परीक्षक राम चव्हाण, मुख्य लेखापाल हेमंत ठाकरे, सहायक संचालक नगर रचना विभाग के अधिकारी आशीष उईके और विधि अधिकारी श्रीकांत ठाकरे सदस्य बनाये गये है. मगर एक खबर यह भी है कि, उपमुख्यमंत्री और पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विभागीय आयुक्त पांढरपट्टे को जांच का जिम्मा सौंपा है. अत: मनपा की समिति जांच करेंगी, या नहीं. इसका खुलासा नहीं हो पाया था.
* कठोर कार्रवाई होगी
शहर के जर्जर बिल्डिंग्स पर अब मनपा कठोर कार्रवाई करेगी, ऐसी भयंकर दुर्घटनाएं टालने कमजोर हो चुकी इमारतें गिरानी ही पडेगी. पहले ही निर्देष दिये है. जिन इमारतों के कोर्ट में प्रकरण शुरु है. वहां कुछ नहीं किया जा सकता.
– डॉ. प्रवीण आष्टीकर, निगमायुक्त