अमरावती

ठेकेदारों की अडियलता में लटकी प्रधानमंत्री आवास योजना

पजेशन की तारीख पे तारीख से लाभार्थी परेशान

* दिसंबर की डेडलाईन में भी पूर्ण नहीं हो सकती योजना
अमरावती /दि.29– प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक क्रमांक 3 अंतर्गत शहर में 860 घरों (फ्लैट) का निर्माण किया जा रहा है. विगत 3 वर्षों से इस योजना का काम शुरु है. लेकिन यह निर्माण पूर्ण होने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब तक 60 घरों का निर्माण पूर्ण होकर संबंधित फ्लैट लाभार्थियों को वितरित किये गये. वहीं आगामी कुछ दिनों में 96 घरों का निर्माण पूर्ण होकर संबंधित लाभार्थियों में घरों का वितरण करने का दावा मनपा द्बारा किया जा रहा है. लेकिन ठेकेदारों की अडियलता में यह महत्वकांक्षी योजना लटक गई है. जिससे इस योजना के लिए आवेदन कर पैसे भर चुके लाभार्थियों को चक्कर पे चक्कर कांटने पड रहे है. जिस पर संतप्त लाभार्थियों द्बारा मनपा पर रोष व्यक्त किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक क्रमांक 3 अंतर्गत मनपा क्षेत्र में 860 फ्लैट तैयार करने का ठेका मुंबई के जीडीसीएल कंपनी ने लिया. 3 जुलाई 2018 को कंपनी के साथ करारनामा हुआ. 61.49 करोड रुपयों का यह ठेका जीडीसीएल कंपनी ने नियमबाह्य रुप से नागपुर के ईटीपीएल कंपनी को सौंपा. लेकिन ईटीपीएल कंपनी ने मनमर्जी रुप से काम शुरु किया. इस कंपनी के साथ मनपा का किसी भी प्रकार का करार नहीं है. जिससे कंपनी से काम कराने में मनपा को कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है, ऐसा सिटी इंजिनियर रविंद्र पवार ने बताया. लेकिन इस चक्कर में इस योजना के 800 लाभार्थियों को चक्कर पर चक्कर कांटने पड रहे है. वर्तमान में 96 घरों का निर्माण अंतिम चरण में है. शेष फ्लैट का निर्माण 31 दिसंबर तक करने की डेडलाईन कंपनी को दी गई है. लेकिन इस डेडलाईन में संबंधित घर तैयार होने की उम्मीद नहीं है. जिससे संबंधित कंपनी पर कार्रवाई कर शेष घरों का निर्माण तुरंत पूर्ण कराने की मांग लाभार्थी कर रहे है.
करारनामा अनुसार जुलाई 2020 में इन सभी 860 घरों का निर्माण पूर्ण होकर लाभार्थियों में वितरण होना जरुरी था. लेकिन कोरोना के कारण जीडीसीएल कंपनी को 9 महिने की समयावृद्धि दी गई. लेकिन 3 अप्रैल 2021 तक भी यह घर तैयार नहीं हो पाया. जिससे फिर एक बार 31 दिसंबर 2022 तक की डेडलाईन बढाकर दी गई है. अब तक केवल 60 घर बने है, वहीं तपोवन में 96 घरों का निर्माण अंतिम चरण में रहने का दावा मनपा प्रशासन का है. शेष 704 घरों का निर्माण दिसंबर तक कैसे पूर्ण करेंगे. इस सवाल का जवाब ना कंपनी के पास है, ना मनपा प्रशासन के पास है, जिससे लाभार्थी परिवारों की चिंता बढते जा रही है.

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