* आईसीएआई व अमरावती सीए शाखा का आयोजन
* महिला के नेतृत्व में अमरावती का नाम बढा
अमरावती/दि.17-जीएसटी तथा आयकर के जटिल प्रावधानों को लेकर आयोजित राष्ट्रीय परिषद के वक्ताओं ने अमरावती पधारे देशभर के कर सलाहकार अर्थात सीए को जानकारी से अपडेट किया, नॉलेज उनके प्रोफेशन में बडा उपयोगी सिद्ध होगा. अमरावती के छत्रपति शिवाजी महाराज सभागार में रविवार को संपन्न राष्ट्रीय सीए परिषद प्रज्ञाचक्षु 2.0 अनेक मायने में सफल और सार्थक रही. अमरावती ईकाइ अध्यक्ष अनुपमा लड्ढा और संपूर्ण टीम द्वारा पिछले पखवाडे भर की गई अहोरात्र कोशिशों को बडी सफलता मिलने की प्रतिक्रिया अनेक डेलिगेट्स ने व्यक्त की. जीएसटी एक ऐसा कानून है. जिसके माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार ने सभी प्रकार के टैक्स का संयुक्तिकरण किया है. बावजूद इसके हमें कई बार जीएसटी अंतर्गत आने वाले प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पडता है. इसमें अगर अपील कर्ता दस्तावेज की क्रमबद्धता, समय का पालन करने के साथ ही नोटिस का सही व सटिक जवाब पेश करे तो उन्हें किसी भी प्रकार की कार्रवाई का सामना करने से बचाया जा सकता है, ऐसा सुझाव सीए राजीव लुथिया ने दिया.
स्थानीय डॉ. पंजाबराव देशमुख मेडिकल कॉलेज एन्ड अस्पताल के छत्रपति शिवाजी महाराज साागृह में शनिवार से ‘प्रज्ञाचक्षु 2.0’ सीए राष्ट्रीय परिषद का अमरावती सीए ब्रांच व विदर्भ समेत खानदेश तथा पश्चिम महाराष्ट्र की विविध सीए शाखाओं के विशेष सहयोग से आयोजन किया जा गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
* सीए लुथिया ने समझाई बारीकियां
सीए राजीव लुथिया ने नोटिस व अपील करते समय किस प्रकार जवाब का ड्राफ्ट तैयार करना चाहिए. इस विषय पर प्रकार डालते हुए कहा कि जीएसटी नोटिस और अपीलों के संदर्भ में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमें हमेशा ही प्राप्त नोटिस की सावधानीपूर्वक समीक्षा करनी चाहिए. नोटिस में दिए गए विवरण, तिथियां और प्रासंगिक धाराओं पर विशेष ध्यान दे. यह समझें कि नोटिस किस आधार पर जारी किया गया है. जब हमें नोटिस प्राप्त होती है. तो उत्तर देने की अंतिम तिथि का विशेष ध्यान रखें और समय पर उत्तर जमा कर पाये ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. नोटिस से संबंधित रसीदें, चालान, ई-वे बिल और रिटर्न की प्रतियां जैसे सभी आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा कर उसे क्रमबद्ध और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करें. नोटिस के प्रत्येक बिंदु का उत्तर क्रमवार दें. ऐसा करते समय नोटिस की भाषा सरल और तकनीकी रूप से सही होनी चाहिए, इसका भी ध्यान रखना आवश्यक है. उत्तर में संबंधित जीएसटी अधिनियम की धाराओं और नियमों का उल्लेख करना आवश्यक होता है. अपनी दलील को प्रासंगिक प्रावधानों से मजबूत करते है तो केस और भी मजबुत हो जाता है. यदि कोई त्रुटि हुई है, तो उसे विनम्रता से स्वीकार करें और सुधारात्मक कार्रवाई का विवरण दें. यदि उत्तर जटिल है, तो किसी अनुभवी चार्टर्ड एकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट की सहायता लेने पर इसके कॉम्प्लीकेशन को कम किया जा सकता है. उत्तर जमा करने के बाद उसकी रसीद और फाइलिंग का प्रमाण अपने पास रखें. यदि नोटिस का उत्तर स्वीकार नहीं किया गया हो, तो अपील के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें. उत्तर में कोई अपमानजनक भाषा या अवांछित टिप्पणी न करें. इन बिंदुओं का पालन करते हुए नोटिस का उत्तर तैयार करें ताकि कानूनी प्रक्रिया में कोई कमी न रह जाए. ऐसा सुझाव दिया. साथ ही उपस्थितों के सवालों का जवाब देकर उनका समाधान करने की कोशिश की गई.
सही तकनीक, प्रशिक्षण से कम होगी चुनौतियां-सीए हर्ष डेढिया
एमएसएमई में ऑडिट ट्रेल और अनुपालन की ऑडिटिंग इस विषय पर मार्गदर्शन कते हुए सीए हर्ष डेढिया ने कहा कि कम्प्लायन्स ऑडिटर रिपोर्ट ऑर्डर 2020 में ऑडिट ट्रेल और अनुपालन के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध करवाई है. एमएसएमई में मैन्युअल रिकॉर्ड या बेसिक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर निर्भर होते हैं, जो ऑडिट ट्रेल को ट्रैक करने में सक्षम नहीं होते. इसके लिए हमें किफायती और उपयोग में सरल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना ही सभी उपाय है. मैन्युअल प्रक्रियाओं के चलते कई बार डेटा में गड़बड़ी की संभावना अधिक होती है. इसलिए जब हम डेटा तैयार करते हैं. तो उसका बैकअप और क्रॉस-वेरिफिकेशन करना आवश्यक होता है. ऑटोमेशन और डिजिटल रिकॉर्डिंग को बढ़ावा देना चाहिये. कर्मचारियों का तकनीकी दृष्टी से अपर्याप्त कौशल की समस्या को दूर करने हमें कर्मचारियों के लिए ऑडिटिंग और डेटा प्रबंधन के नियमित प्रशिक्षण का आयोजन करना होगा. प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की इसके लिये सहायता लेनी चाहिये. आमतौर छोटे उद्योजक इस प्रकार के प्रावधानों पर खर्च नहीं कर पाते. इसके लिए बाजार में उपलब्ध क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है. एमएसएमई यह कंपनी अधिनियम और कारो 2020 के सभी प्रावधानों का पालन नहीं कर पाते. इन प्रावधानों के प्रति उनका ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रोफेशनल गाइडेंस देना आवश्यक है. प्री-ऑडिट के लिए बैठकों का आयोजन करे. नियमों में बदलाव के चलते हमे कई समस्याओं का सामना करना पडता है. इसे रोकने केलिए प्रोफेशनल सेवाओं या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग बेहतरीन पर्याय है. कारो 2020 के तहत एमएसएमई के लिए ऑडिट ट्रेल और अनुपालन एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन सही तकनीक, प्रशिक्षण, और प्रोफेशनल सहायता से इन चुनौतियों को कम किया जा सकता है. सरकार द्वारा आरटीई को समर्थन और जागरूकता बढ़ाने की पहल भी इसमें मददगार हो सकती है.
सीए प्रदीप ने बतलाई जीएसटी की बारीकियां
दो दिवसीय सीए राष्ट्रीय परिषद के अंतिम दिन रविवार को नासिक से अल्पसूचना पश्चात पधारे सीए आदित्य सीमा प्रदीप ने जीएसटी पर अपनी पकड का एहसास कराया. जब प्रैक्टीशनर जीएसटीआर-9 व 9सी का आवेदन भरते है. तो उन्हें किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए. इन सभी बातों की जानकारी उन्होंने दी. इस समय उन्होंने आवेदन भरते समय भरे जाने वाले हर कॉलम की विस्तृत जानकारी देते हुए उपस्थितों को जिज्ञासा का समाधान भी करने की कोशिश की.
अध्यक्षा अनुपमा लड्ढा ने माना आभार
दो दिवसीय ‘प्रज्ञाचक्षु 2.0’ सीए राष्ट्रीय परिषद का रविवार की शाम 4.15 बजे सादगीपूर्ण रुप से समापन किया गया. इस अवसर पर हर सत्र की तरह अंतिम सत्र के पूर्व भी एक लकी विजेता को सिल्वर कॉईन भेेंट दिया गया. साथ ही प्रमुख वक्ता सीए आदित्य सीमा प्रदीप ने कहा कि केवल 15 दिनों में इतना बडा आयोजन करना यह अपने आप में एक बडी उपलब्धि है. हम जब इस प्रकार के बडे शहरों में आयोजन करते है तो लोगों को सभागृह तक कैसे लाये इस बात की चिंता सताने लगती है. लेकिन यहां ऐसा नहीं दिखाई दिया. नासिक चैप्टर में 200 से अधिक महिला सीए है. किंतु उनकी उपस्थिति नाममात्र होती है. किंतु यहां केवल पुरुष नहीं बल्कि महिला सदस्यों की उपस्थिति को देखकर बेहत खुशी हो रही है. एआई एक ड्रैगन की तरह है. उससे डरने की बजाय अगर आप ड्रैगन को ट्रेन कर अपनी सुविधानुसार उसे नचाने का प्रयास करेंगे तो यह एआई तकनीक आपके लिए फायदेमंद साबित होगी, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया.
कार्यक्रम के अंत में अमरावती सीए शाखा की अध्यक्षा सीए अनुपमा लड्ढा ने इस दो दिवसीय आयोजन में सहयोग देने वाले सभी का आभार व्यक्त किया. सीए लढ्ढा ने प्रत्येक के सहयोग के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि, सभी का सहयोग ही परिषद को बडी भारी सफलता दिला पाया है. संचालन सीए राजेश चांडक ने किया. कार्यक्रम का राष्ट्रगीत से समापन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य संयोजक डॉ. नीलेशभाई लाठिया, संयोजक सीए राजेंद्र खंडेलवाल, सीए विनोद तांबी, सीए राजेश चांडक, सीए ब्रजेश फाफट, सीए सर्वश्री डी.डी. खंडेलवाल, जीतेन्द्र खंडेलवाल, सुनील सलामपुरिया, आईसीएआई शाखा अध्यक्ष सीए अनुपमा लढ्ढा, सीए साकेत मेहता, पवन जाजू, विष्णुकांत सोनी, मधुर झंवर और सीए दिव्या त्रिकोटी के साथ अकोला शाखा अध्यक्ष सीए सुमीत आलीमचंदानी, सीए भूषण जाजू, सीए हिरेन जोगी, सीए सीमा बाहेती, सीए नवीन कृपलानी, सीए पंकज लदनिया, जलगांव शाखा अध्यक्ष सीए अभिषेक कोठारी, सीए हितेश आगीवल, सीए रोशन रुणवाल, सीए सोहन नेहते, सीए ममता राजानी, सीए विक्की बिरला, सोलापुर शाखा अध्यक्ष सीए श्रीकिरण सग्गाम, सीए चंद्रकांत गलपल्ली, सीए शुाम नोगीया, सीए जगन्नाथ भैसे, सीए शांतकुमार हीरेमठ, सीए आनंद पेशवे, लातूर शाखा अध्यक्ष सीए राहुल धामे, सीए महेश तोष्णीवाल, सीए नीलेश बजाज, सीए एकनाथ धर्माधिकारी, सीए द्वारकादास भूतडा, सीए विश्वास जाधव, अहमदनगर शाखा अध्यक्ष सीए सनित मुथा, सीए प्रसाद पुराणिक, सीए आय. कटारिया, सीए महेश तिवारी, सीए ज्ञानेश्वर काले, सीए पवन दरक वर्धा सीपीई चैप्टर के सीए राहुल लेकरिया, सीए दर्शन वखारिया, गोंदिया के सीए राजेश व्यास, सीए सुनील अनवानी, यवतमाल के सीए आशीष बजाज, सीए पीयूष खेतान, चंद्रपुर के सीए पंकज मुंधडा, सीए शांतम अग्रवाल, खामगांव की सीए अलका अग्रवाल, सीए तेजस राठी के साथ अन्य पदाधिकारियों ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाने अथक परिश्रम लिये.