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प्रवीण पोटे व जगदीश गुप्ता गिरफ्तार व कोर्ट में पेश

अन्य 13 भाजपा पदाधिकारी लॉकअप् में

* आज सुबह दोनों पूर्व पालकमंत्रियों ने अपने कार्यकर्ताओं सहित किया था सरेंडर

* दोप. 4 के बाद दो-दो मिनट में बदला पुलिस का फैसला

अमरावती/दि.17- विगत शनिवार को स्थानीय राजकमल चौराहे पर हुए उग्र प्रदर्शन तथा इसके बाद हुई हिंसा व तोडफोड के मामले को लेकर नामजद किये गये पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील व जगदीश गुप्ता ने आज अपने कई समर्थकों सहित सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद पुलिस द्वारा उन्हेें विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद देर शाम पहले पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता को स्थानीय अदालत में पेश किया गया. वहीं बाद में कोर्ट बंद होते-होते ऐन समय पर पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे को भी कोर्ट में पेश करने का निर्णय लिया गया. जबकि हिरासत में लिये गये अन्य 13 भाजपा पदाधिकारियों को रातभर के लिए लॉकअप में डाल दिया गया. वहीं इससे पहले पुलिस ने पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे को भी लॉकअप में डालने का फैसला लिया था और अपरान्ह 4 बजे के बाद दो-दो मिनट में हालात बदलते रहे. साथ ही पूर्व पालकमंत्री पोटे को लॉकअप में रखने अथवा कोर्ट में पेश करने को लेकर संभ्रम के साथ ही पुलिस के फैसले भी बदलते रहे.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता तथा विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील तथा कुणाल सोनी, विपीन गुप्ता, दीपक पारवानी, सत्यजीत राठोड, संगम गुप्ता, विक्की माटोडे, चेतन वाडूनकर सहित कुल 16 भाजपाईयों द्वारा आज दोपहर करीब 12 बजे के लगभग कोतवाली थाने पहुंचकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया. इस समय यहां पर भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ ही स्थानीय मीडिया का जबर्दस्त जमावडा लगा हुआ था. जिसे ध्यान में रखते हुए कोतवाली पुलिस द्वारा भी इस परिसर में कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था. इस समय आत्मसमर्पण करनेवाले भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एड. चंद्रकांत डोरले व एड. प्रशांत देशपांडे भी थाने में उपस्थित हुए थे, ताकि जमानत की प्रक्रिया पूर्ण की जा सके. किंतु पुलिस द्वारा थाना स्तर पर जमानत देने से इन्कार करते हुए सभी को अदालत में पेश करने हेतु ले जाया गया. इससे पहले सभी को इर्विन अस्पताल ले जाकर उनका मेडिकल कराया गया. जहां से उन्हें अदालत में पेश करने हेतु ले जाया जाना था, किंतु ऐन समय पर कुछ दस्तावेजी कार्रवाई पूर्ण करने हेतु पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील को इर्विन अस्पताल से वापिस सिटी कोतवाली पुलिस थाने लाया गया. जहां पर कागजी खानापूर्ती जारी रहते समय दो इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल वालों ने पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील से उनकी प्रतिक्रिया ली. जिसे तुरंत ही उन दोनों चैनलों पर प्रसारित भी कर दिया गया. किंतु पुलिस हिरासत में रहने के दौरान पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को प्रतिक्रिया के तौर पर इंटरव्यू देना पुलिस महकमे के आला अधिकारियों को संभवत: काफी नागवार गुजरा और ऐन समय पर पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे सहित 13 भाजपाईयों को आज अदालत में पेश करने की बजाय लॉकअप में रखने का निर्णय लिया गया. वहीं केवल पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता को ही इर्विन में मेडिकल कराये जाने के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया.
इसकी जानकारी मिलते ही शहर के राजनीतिक क्षेत्र में जबर्दस्त खलबली व्याप्त हो गई थी तथा भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील के संदर्भ में पुलिस महकमे द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है, इसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. इस दौरान पुलिस महकमे के तमाम आला अधिकारियों के फोन भी लगातार घनघनाते रहे और शाम 5.20 बजे पुलिस ने अदालत का समय समाप्त होने से ठीक 10 मिनट पहले पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील को न्यायाधीश के समक्ष पेश करने का निर्णय लिया. वहीं अन्य 13 भाजपा पदाधिकारियों को आज रातभर के लिए लॉकअप् में डाल दिया गया.
समाचार लिखे जाने तक मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता व प्रवीण पोटे पाटील की ओर से एड. प्रशांत देशपांडे व एड. चंद्रकांत डोरले द्वारा अदालत में जमानत हेतु आवेदन पेश किया है. जिस पर न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई जारी थी.

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