प्रार्थना भक्त और भगवान का संबंध जोड़ती है
संत डॉ.संतोष देव महाराज ने किया मार्गदर्शन

* शिवधारा आश्रम में झूलेलाल चालिहा
अमरावती/दि.18– भव्य शिवधारा झूलेलाल चालिहा के तीसरे दिन पर सत्संग कथा में परम पूज्य संत श्री डॉ. संतोष देव जी महाराज जी ने अपनी वाणी में फरमाया कि, जैसे दुनिया में अक्सर लोग केवल पैसे को ही पावर मानते हैं, जबकि हर चीज पैसे से नहीं मिलती, जैसे स्वास्थ्य, रिश्ते, पढ़ाई, कला आदि. पैसे के साथ साथ पढ़ाई,पद, प्रतिष्ठा, संसारी जानकारी, अच्छे रिश्ते भी सब पावर ही है. परंतु आध्यात्मिक पावर बढ़ेगा प्रार्थना से, क्योंकि प्रार्थना भक्त और भगवान का संबंध जोड़ती है. दूसरा गुरु वचन: वैसे तो शास्त्रों के वचन भी पावर हैं परंतु कुछ-कुछ वचन काल, स्थान, स्थिति पर बदल जाते हैं, परंतु शरीर धारी सद्गुरु हमें शास्त्रों का सहजता एवं सरलता से समझते हैं।जिस से हमारा लाभ अधिक और शीघ्र होता है. तीसरा भजन भी एक शक्ति है, जैसे कि, कोई कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो, शिष्टाचार होगा तो किसी भी साधु को देखकर उनको प्रणाम जरूर करेगा, यह है उसे साधु के भजन, समर्पण और सेवा भाव का फल है. चौथा प्राप्त की हुई आशीर्वादें भी पावर हैं, ऐसे संसार में उदाहरण बहुत मिलेंगे जिन्होंने कुछ ऐसा किया, कि उनका आशीर्वादें प्राप्त हुई वह रंक से राजा बन गए. पांचवा धैर्य भी एक पावर है. छटवा पूजा पाठ व्रत नियम भी शक्ति प्रदान के माध्यम है. सातवां दान भी एक पावर है. आठवां स्वास्थ्य:आध्यात्मिकता और दुनियादारी की सफलता के लिए स्वास्थ्य बहुत आवश्यक है. नहीं तो बहुत कुछ प्राप्त करने के बाद भी बीमार व्यक्ति ना खुद आनंद ले पता है, ना उसे दूसरों को कोई लाभ पहुंचा पता है. नवां ज्ञान: भी एक पावर है, जिसकी शक्ति के आधार पर सफलता सहजता से प्राप्त की जा सकती है, बस शर्त यह है कि आवश्यक एवं अपने क्षेत्र संबंधित ज्ञान बढ़ाना चाहिए, ना की फिजूल के ज्ञान में समय खराब करना चाहिए. अंत में महाराज श्री ने कहा कि जो इन पावर्स को प्राप्त एवं उपयोग का तारिक समझ गया, वह इस शक्ति के आधार पर सांसारिक एवं आध्यात्मिक सफलता प्राप्त जरूर कर पाएगा.