ईद-उल-फितर पर देश की सलामती और तरक्की के लिए मांगी गई दुआ
ग्रामीण क्षेत्र में ईद-उल-फितर की नमाज ईदगाह में अदा

* सभी ने एक-दूसरे को दी बधाई
धामणगांव रेलवे/दि.31-रमजान के पाक महीने के बाद ईद-उल-फितर की खुशियां आज धामणगाव शहर के साथ पुरे तहसील में जोश और उमंग के साथ मनाई गईं. धामणगाव शहर के ईदगाह (कब्रस्तान) में हजारों नमाजियों ने सजदा कर मुल्क की सलामती और तरक्की के लिए दुआ मांगी. नमाज के बाद गले मिलकर लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी. सुबह से ही मुस्लिम इलाकों में चहल-पहल दिखी. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक नए कपड़ों में ईद की खुशियां मनाने के लिए तैयार नजर आए.
धामणगांव शहर के मदिना मस्जिद और, मस्जिद चिश्तिया उस्मानिया, चिश्तिया ताजिया मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की. सबसे ज्यादा भीड़ स्थानिक ईदगाह (कब्रस्तान) में देखने को मिली, जहां ठीक 8 बजे ईद की नमाज अदा कराई गई. जामा मज्जिद (मरकस) के इमाम हाफिज अख्तर ने सभी को ईद की मुबारकबाद दी. जामा मज्जिद (मरकस) के इमाम हफिस अख्तर ने बताया कि रमजान के रोजों के बाद ईद का दिन खुशी और नेकी बांटने का होता है. ईद की नमाज को लेकर दत्तापूर पोलीस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा. धामणगांव की सभी मस्जिदों व ईदगाह (कब्रस्तान) के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. ईद का जश्न सिर्फ नमाज तक ही नहीं, बल्कि दिनभर घरों में लजीज व्यंजनों के साथ चलता रहा. मीठी सेवइयां, दूध में पकाई गईं मेवा युक्त सेवइयां, सूतफेनी, दही बड़े, फुलकियां, मसालेदार चने और खासतौर पर बिरयानी का स्वाद लोगों ने जमकर लिया. मेहमानों का तांता लगा रहा और ईद की मिठास रिश्तों में घुलती रही. ईद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे, सौहार्द और खुशियों को साझा करने का दिन है, ऐसा नूरानी मस्जिद के इमाम हाफिज जाकिर ने बताया.
जामा मज्जिद (मरकस) के इमाम हाफिज अख्तर ने बताया कि यह पर्व इस्लाम धर्म के लोगों की एकता और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है. ईद के दिन विशेष नमाज अदा की जाती है. इस दौरान हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं और जाने-अनजाने में हुई अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं. इस अवसर पर विशेष दुआएं की जाती हैं और जरूरतमंदों में फितरा व जकात बांटी जाती है.